सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ युवकों का एक समूह एक महिला की पिटाई कर रहा है। साथ ही उसे बालों से घसीटते हुए उसको लात-घूंसे भी दे रहा है।
सोशल मीडिया यूजर्स इस जघन्य अपराध के लिए पीएम मोदी की सरकार का मजाक उड़ा रहे हैं।
इस वीडियो को शेयर कर एक सोशल मीडिया यूजर ने कैप्शन दिया है: “यह मोदी का भारत है जहां हिंदू चरमपंथी एक गरीब दलित महिला को पीट सकते हैं, इसे फिल्मा सकते हैं, और सभी देखकर हंस सकते हैं!” मैं अल्लाह से इस महिला को इस्लाम की राह दिखाने के लिए कहता हूं। और मैं अल्लाह से इस जघन्य अपराध में प्रत्येक भागीदार को दंडित करने और उनमें से एक को भी छूटने नहीं देने के लिए कहता हूं। “
Source: Twitter
इसी तरह के वीडियो को एक अलग कैप्शन के साथ भी शेयर किया गया: “एक दलित लड़की ने यूपी की नदी में स्नान किया। हिंदुत्व के गुंडे नदी की पवित्रता को खराब करने के लिए लड़की को प्रताड़ित करते हैं। आइए इसे व्यापक रूप से शेयर करके शासकों तक पहुंचाए। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
Source: archive
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले वीडियो को कीफ्रेम्स में बदला और फिर उन कीफ्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि टाइम ऑफ इंडिया ने 5 जुलाई, 2021 को इस रिपोर्ट को कवर किया था, जिसका शीर्षक था: “ मध्य प्रदेश का खौफ: चचेरे भाइयों से बात करने पर बहनों को परिजनों ने बेरहमी से पीटा।”
Source: timesofindia
आगे सर्च करने पर टीम ने पाया कि कई अन्य मीडिया हाउस ने इस रिपोर्ट को कवर किया है।
Source: ibtimes
Source: shethepeople
Source: livehindustan
खबरों में उल्लेख किया गया है कि धार में दो बहनों पर उनके रिश्तेदारों ने फोन पर अपने चचेरे भाई से बात करने के लिए बेरहमी से हमला किया था। धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि घटना धार जिले के टांडा के पीपलवा गांव में हुई।
महिलाओं में से एक ने पुलिस को बताया कि उनके चचेरे भाई और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें गांव के एक स्कूल के पास रोका और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी।
वास्कले ने कहा कि अलीराजपुर के जोबट में दो लोगों से सगाई होने के बावजूद परिवार के लोग बहनों से फोन पर बात करने को लेकर नाराज थे।
इस बीच टीम को सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा वीडियो को लेकर साल 2021 में किए गए पुराने ट्वीट मिले।
Source: Twitter
Source: Twitter
Source: Twitter
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से यह स्पष्ट है कि हिंदू चरमपंथियों द्वारा एक हिंदू लड़की को पीटने या हिंदुत्व के गुंडों द्वारा दलित लड़की को नदी में नहाने के लिए पीटने का वायरल दावा भ्रामक है।