
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में सोने के आभूषण दिखाई दे रहे हैं। वायरल वीडियो के जरिये दावा किया जा रहा है कि ये सोने के आभूषण तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में जनसंपर्क अधिकारी रहीं श्रीमती निश्का बेगम के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे के दौरान मिले है।

Source: X
सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा – YSR जगन सरकार के दौरान तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में जनसंपर्क अधिकारी रहीं श्रीमती निश्का बेगम के घर पर ED का छापा. निश्का बेगम की हिन्दू मंदिर की लूट देखिए इतनी बड़ी चोरी और लूट के साथ, कोई आभूषण शोरूम खोल सकता है। सवाल ये की .. एक मुस्लिम महिला को एक प्रतिष्ठित धार्मिक सनातन संगठन का PRO कैसे नियुक्त किया गया। ??

Source: X

Source: X
इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी वायरल वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है।
फैक्ट चेक:
वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC की टीम ने InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो को सबसे पहले कीफ्रेम में बदला और फिर कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो X पर मिला, जिसे 20 दिसंबर 2021 को पोस्ट किया गया था।

Source: X
इस वीडियो को शेयर करते हुए वेरिफाइड यूजर महालिंगम पोन्नुसामी ने लिखा – @VellorePolice ने एक चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने वेल्लोर #Josalukkas ज्वेलरी स्टोर की दीवार में छेद कर 15 किलो सोने और हीरे के गहने चुरा लिए थे।

आगे की जांच में हमें इस घटना से जुड़ी द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया कि पुलिस ने 15 दिसंबर को वेल्लोर के एक लोकप्रिय आभूषण शोरूम में हुई चोरी की घटना का खुलासा कर लिया गया है और ओडुकाथुर में एक कब्रिस्तान से 8 करोड़ रुपये मूल्य का 15.9 किलोग्राम चोरी किया गया सोना और हीरे बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने थोट्टापलायम में जोस अलुक्कास शोरूम के पास की सड़कों से 200 फुटेज का विश्लेषण किया और पाया कि आरोपी वी टीकारामन कुछ मौकों पर इधर-उधर घूमता रहा। ओडुकाथुर से गिरफ्तार किए जाने के बाद, टीकारामन को अपराध स्थल पर ले जाया गया, जहां पुलिस ने कहा कि उसके फिंगरप्रिंट का मिलान वहां से पहले एकत्र किए गए फिंगरप्रिंट से किया जा सकता है।

इसके साथ ही हमें X पर तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम की और से एक खंडन भी मिला। जिसमें बताया गया कि यह सूचित किया जाता है कि “तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम नहीं करता है। वीडियो में टीटीडी नाम का उपयोग करना अस्वीकार्य है क्योंकि यह फर्जी खबर है। – तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी)”
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि वायरल वीडियो 15 दिसंबर 2021 को वेल्लोर में आभूषण शोरूम में हुई चोरी की घटना से सबंधित है।