
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव स्थिति बनी हुई है। इस बीच पाकिस्तान में भारतीय सेना और खूफिया एजेंसियों को लेकर जमकर फेक और भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इन फेक और भ्रामक सूचनाओं के फैलाने के डर्टी खेल में पाकिस्तानी मीडिया, पत्रकार और सोशल मीडिया एनफ्लुएंसर्स शामिल हैं।
पाकिस्तान में ऐसा ही एक फेक न्यूज भारतीय सेना की रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को लेकर फैलाया जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर यह खबर चलाई जा रही है कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर डीएस राणा को काला पानी की सजा के तौर पर अंडमान-निकोबार भेजा गया है।
पाकिस्तानी प्रमुख मीडिया संस्थानों में एक ARY न्यूज में खबर चलाई गई है कि रॉ की खुफिया जानकारी लीक होने के बाद जनरल डीएस राणा को उनके पद से जबरदस्ती हटाते हुए काला पानी की सजा के तौर पर अंडमान-निकोबार भेजा गया है।

पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीएमएलएन की पंजाब प्रांत के ऑफिशियल एक्स हैंडल से किए गए ट्विट में लिखा गया है, ‘झूठा झंडा योजना लीक: रक्षा खुफिया निदेशक जनरल डीएस राणा को काले धन के लिए सजा। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से दस्तावेजों के लीक होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व में एक और बड़ा बदलाव!!’ (हिन्दी अनुवाद)

इसके अलावा पाकिस्तान के कई पत्रकारों जैसे बोल नेटवर्क, तारिक महमूद चौधरी, सिद्दीक साजिद और कमर सोहैल ने ऐसे ही दावे के साथ पोस्ट शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने इस संदर्भ में जांच के लिए मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (HQ IDS) के ऑफिशियल एक्स हैंडल @HQ_IDS_India को देखा। हमें यहां लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा के संदर्भ में एक सूचना मिली, जिसमें बताया गया है, ‘एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने डीजी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को कमांडर-इन-चीफ के प्रतिष्ठित पद पर पदोन्नत होने पर हार्दिक बधाई दी है। लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा अंडमान और निकोबार कमांड #CINCAN के कमांडर-इन-चीफ का पदभार संभालेंगे, जो पहली ट्राई सर्विसेज कमांड है, जिसने #IOR में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अत्यधिक रणनीतिक महत्व प्राप्त किया है।’
वहीं आगे की जांच करने पर हमें पीआईबी फैक्ट चेक का एक ट्विट मिला। जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को उनके पद से हटाकर अंडमान और निकोबार में तैनात करने का झूठा दावा किया जा रहा है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को लेकर पाकिस्तानी मीडिया, पत्रकारों और सोशल मीडिया एनफ्लुएंसर्स का दावा फेक है। रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा को अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ के प्रतिष्ठित पद पर पदोन्नत किया गया है। वे पहले रक्षा खुफिया प्रमुख हैं, जिन्हें कमांडर-इन-चीफ के पद पर पदोन्नत किया गया है। आपको बता दें कि अंडमान और निकोबार कमांड पहली त्रि-सेवा कमांड है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखती है।