जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ़) के अध्यक्ष कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली स्तिथ एनआईए की एक अदालत ने 19 मई को टेरर फ़ंडिंग के मामलों में दोषी क़रार दिया और 25 मई को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई।
वर्षों से भारत का अभिन्न अंग कश्मीर ख़ाक व ख़ून में लतपत है, आज भी कई वजहों से ये सुर्ख़ियों मे है। दुनिया की जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर को इस हाल तक बेहाल और बदहाल करने में कई समूह और कई लोगों की भूमिकाएं हैं, उन्हीं में एक प्रमुख भूमिका यासीन मलिक की है।
यासीन मलिक के केस की सुनवाई जैसे जैसे अपने अंजाम से क़रीब होती जा रही थी वैसे वैसे #FreeYasinMalik, #ReleaseYasinMalik, #Pak_StandsWithYasinMalik & #TLPStandsWithYasinMalik हैशटैग की रफ़्तार भी सोशल मीडिया साइट्स पर तेज़ होती जा रही थी। जब अदालत ने यासीन मलिक को अपराधी क़रार दिया तो इन सभी हैशटैग की रफ़्तार लगभग अपनी पीक पर पहुंच गई। 25 मई और उसके बाद तक इनमें बला की शिद्दत आ गई। जोश में होश खोए यूज़र्स “गोरख धंधेबाज़ी” में लिप्त हुए जा रहे थे। यासीन मलिक को लेकर बहुत सी तस्वीरें और वीडियोज़ फ़र्ज़ी दावे के साथ ‘जल बिन मछली’ की तरह सोशल मीडिया साइट्स पर छटपटा रहे थे।
पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष दोनों ने एक ज़ुबान होकर यासीन मलिक की गिरफ़्तारी की निंदा की है। इस दौरान यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक को भी, प्रेस कॉनफ़्रेंस और प्रदर्शन का आयोजन कर काफ़ी सक्रिय देखा गया।
बीबीसी के इंटरव्यू में जब पत्रकार ने कहा कि यासीन मलिक को हुई उम्र क़ैद की सज़ा को लेकर कश्मीर में बहुत मामूली सा रिएक्शन हुआ, तो यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक दावा करती हैं कि (माइल्ड) मामूली तो बिल्कुल नहीं हुआ है, बहुत ज़्यदा हुआ है। लोग ज़बरदस्त प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
वहीं बहुत से पाकिस्तानी यूज़र्स ने दावा किया कि यासीन मलिक को रिहा किये जाने की बाबत श्रीनगर में ज़बरदस्त आज़ादी मार्च का अयोजन हुआ, जिसमें इंसानों का ठाठें मारता समंदर उमड़ आया।
इरफ़ान सिद्दीक़ी नामक एक यूज़र ने फ़ेसबुक पर,“#कश्मीरीयों_से_रिश्ता_क्या_ला_इलाह_इल्लल्लाह सिर्फ टीवी चैनल पर बंद करोगे लेकिन सोशल मीडीया पर कोई नहीं बंद कर सकता, मक़बूज़ा (भारत अधिकृत) कश्मीर में अवाम का समुंद्र, यासीन मलिक साहिब की रिहाई के लिए निकाली गई रैलीयां” लिखकर एक तस्वीर पोस्ट की। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि इस क़दर लोग इकठ्ठेा हुए हैं कि तिल रखने की भी जगह नहीं है।
एक और यूज़र वक़ार अह़सन कश्मीरी ने फ़ेसबुक पर कैप्शन,“ये है आज़ादी मार्च। श्रीनगर में, यासीन मलिक को रिहा करो, रिहा करो, इसे कहते हैं आज़ादी मार्च नाम निहाद वालो!” के साथ वही तस्वीर पोस्ट की है।
उमैर महविश ने वही फ़ोटो फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा,“कश्मीरीयों की आवाज़ सिर्फ टीवी चैनल पर बंद करोगे लेकिन सोशल मीडीया पर कोई नहीं बंद कर सकता मक़बूज़ा (भारत अधिकृत) कश्मीर में अवाम का समुंद्र यासीन मलिक साहिब की रिहाई के लिए निकाली गई रैलियां”
इसी तरह ट्विटर पर भी कई यूज़र ने इस तस्वीर के माध्यम से वही दावा किया है।
उमैज़ा अली ने कैप्शन,“कश्मीरीयों की आवाज़ सिर्फ टीवी चैनल पर बंद करोगे लेकिन सोशल मीडीया पर कोई नहीं बंद कर सकता। मक़बूज़ा (भारत अधिकृत) कश्मीर में अवाम का समुंद्र यासीन मलिक साहब की रिहाई के लिए निकाली गई रैलीयां” के साथ वही तस्वीर शेयर की है।
मंसूरुर्रह़मान नामक यूज़र ने वही तस्वीर उसी कैप्शन के साथ ट्वीट किया।
फ़ैक्ट चेक:
DFRAC ने इंटरनेट पर इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि ये तस्वीर 2018 वाशिंगटन रैली की है। गेट्टी इमेजेज़ ने अपनी वेबसाइट पर इसे 24 मार्च 2018 को कैप्शन,“ सेलेब्रिटीज़ हुए वाशिंगटन, डीसी के March for Our Lives में शामिल” के साथ अपलोड किया है।
वाशिंगटन के इस मार्च को कई मीडिया हाउसेज़ ने कवर भी किया है।
निष्कर्ष:
यासीन मलिक को लेकर किया जा रहा “ना पाक दावा” बेबुनियाद और भ्रामक है, क्योंकि जिस तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि श्रीनगर में आज़ादाी मार्च का आयोजन हुआ, वो तस्वीर अमेरिका की है, जिसे 2018 में कैप्चर किया गया था।
ट्वीट टाइमलाइन
DFRAC के इस हैशटैग विश्लेषण में सामने आया कि उपरोक्त हैशटैग ज़्यादातर 22 मई 2022 से शुरू हुए। बाद में ये हैशटैग ट्विटर पर 25 मई को 40,000 से अधिक ट्वीट्स और 4,300 ट्वीट रिप्लाई के साथ तन्हा ट्रेंड कर रहे थे।
मेंशन्ड अकाउंट्स
नीचे उन अकाउंट्स का ज़िक्र किया जा रहा है, जिन्हें यासीन मलिक को लेकर किये गए ट्वीट्स में सबसे ज़्यादा टैग किया गया या उन्हें मेंशन किया गया है। अधिकांश टैग के साथ सूची में सबसे ऊपर है; @MushaalMullick, उसके बाद @UN, @UNHumanRights, @ImranKhanPTI, @PMOIndia, आदि।
इस्तेमाल किये गए हैशटैग
हज़ारों ट्वीट्स के साथ यासीन मलिक के विषय पर ट्रेंड करने वाले कुछ हैशटैग इस तरह हैं; #TLPStandsWithYasinMalik, #ReleaseYasinMalik, #Pak_SrandsWithYasinMalik, #ReleaseYaseenMalik, #YasinMalik, #FreeYasinMalik, वग़ैरा।
इस दौरान यूज़र्स द्वारा बेतहाशा फ़्रज़ी और भ्रामक कंटेंट का इस्तेमाल किया गया।
सबसे ज़्यादा इंट्रैक्शन करने वाले यूज़र्स
यासीन मलिक के हैशटैग पर सबसे ज्यादा ट्वीट करने वाले यूज़र्स को दर्शाने वाले ग्राफ़ के मुताबिक़ सूची में सबसे टॉप पर @ Lover19Tlp है, जिसने हैशटैग के साथ लगभग 1,400 बार ट्वीट किया, उसके बाद 900 से अधिक ट्वीट @Numan670 द्वारा किये गए। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान, समर्थक @ kasanagujjar078 ट्वीट्स 570 से ज़यादा ट्वीट के साथ तीसरे नम्बर पर है और इनके बाद हैशटैग पर 365 ट्वीट्स के साथ@Mr___ZaHiD है।
अकाउंट्स क्रिएशन टाइमलाइन
22,000 से अधिक यूज़र्स का अध्ययन करते हुए, जिन्होंने सभी हैशटैग के साथ इंट्रैक्ट किया है। हमने पाया कि यूज़र्स के अकाउंट्स क्रिएशन में समय के साथ इज़ाफ़ा हुआ है। पेश है क्रिएशन टाइमलाइन।
ग़ौरतलब है कि 10 अप्रैल 2022 को 160 से अधिक ट्विटर अकाउंट्स बनाए गए, जिन्होंने सभी हैशटैग के साथ इंट्रैक्ट किया। इसके अलावा, क्रमशः 12 और 24 मई को नए 98 और 88 अकाउंट्स बनाए गए जिन्होंने हैशटैग पर दोबारा इंट्रैक्ट किया।
स्याम बशीर रांझा नामक एक यूज़र ने हैशटैग #ReleaseYasinMalik #FreeYasinMalik #freedomfighter Ranjha के साथ लिखा,
“दो ही ठिकाने हैं दुनिया में
आज़ाद मनुश इंसानों के
या तख़्त जगह आज़ादी की
या तख़्ता मुक़ाम आज़ादी का” (तख़्ता- जिस पर फांसी दी जाए।)
और इसी के साथ एक फोटो ट्वीट किया। इस तस्वीर के माथे पर उर्दू में लिखा है कि “यासीन मलिक की सज़ा के ख़िलाफ़ मक़बूज़ा (भारत अधिकृत) कश्मीर में मुकम्मल हड़ताल”
फ़ैक्ट चेक:
इस फ़ोटो की ह़क़ीक़त जानने के लिए हमने इंटरनेट पर इसे रिवर्स सर्च इमेज किया तो हमने पाया कि ये फ़ोटो, यूट्यूब चैनल Quick News की एक वीडियो से लिया गया है, जो 11 जून 2020 को कैप्शन,“कश्मीर में शटडाउन की बाबत सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला-(हिन्गलिश)” के साथ अपलोड किया गया है।
वहीं अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सज़ा की प्रतिक्रिया में कश्मीर में मुकम्मल हड़ताल के संबध में DFRAC ने पड़ताल करने पर पाया कि यासीन मलिक को कोर्ट द्वारा सज़ा सुनाए जाने के बाद किसी भी तरह के संगठन की तरफ़ से बंद की कोई काल नहीं दी गई थी।
Etv Bharat ने 26 मई 2020 को उर्दू में एक रिपोर्ट पब्लिश की है,जिसके मुताबिक़ श्रीनगर के कुच्छ हिस्सों में और ख़ासकर यासीन मलिक के पैतृक इलाक़े माइसमा में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे मगर सरकारी दफ़्तर और स्कूल खुले रहे। इसे आंशिक रूप से हड़ताल कहा जा सकता है,
रिपोर्ट के मुताबिक़ किसी को रोका नहीं जा रहा था। हां, प्रस्थिति को ध्यान में रखते हुए समय समय पर मुआइना किया जा रहा था।
यासीन मलिक के घर के सामने मुश्किल से 10 या 15 लोग इकठ्ठा हुए थे और प्रतिकात्मक प्रदर्शन किया था।
वहीं कश्मीर-ए-उज़मा (दि ग्रेटर कश्मीर) ने ख़बर दी है कि प्रदर्शन करने वालों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूरी है कि इन ट्विटर अकाउंट्स की लोकेशन क्या थी।
यूज़र्स लोकेशन
लोकेशन मालूम करने के दौरान सामने आया कि इन हैशटैग के साथ इंटरैक्ट करने वाले ज़्यादातर अकाउंट्स पाकिस्तान के थे। लोकेशन की स्टडी से हमें पता चला कि 11,000 से अधिक यूज़र में, 8,100 से ज़्यादा यूज़र्स पाकिस्तान से थे, इसके बाद भारत से 1,000 यूज़र्स, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से 238 जबकि यूके (इंग्लैंड) से 222 यूज़र्स थे। ग़ौरतलब है भारत से अधिकांश यूज़र कश्मीर से थे।
ट्वीट करने वाले वेरीफ़ाइड अकाउंट्स
हैशटैग पर ट्वीट करने वाले शीर्ष 25 वेरीफ़ाइड अकाउंट्स नीचे दिए गए हैं, ये यूज़र्स ज़्यादातर पाकिस्तान से हैं। कुछ शीर्ष अकाउंट्स में @AnsarAAbbasi, @ChMSarwar, @NazBaloch_, @GFarooqi, @AndleebAbbas, @SirajOfficial वग़ैरा शामिल हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी ने ट्वीट कर दावा किया यासीन मलिक ने बेगुनाह हैं, उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
शाहिद अफरीदी ने ट्विटर पर लिखा, “भारत मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, यह व्यर्थ है। यासीन मलिक पर लगाए गए झूठे आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को रोक नहीं पाएंगे। मैं संयुक्त राष्ट्र से आग्रह करता हूं कि वो कश्मीर के नेताओं के खिलाफ़ ऐसे अवैध मामलों का नोटिस में ले।”
India's continued attempts to silence critical voices against its blatant human right abuses are futile. Fabricated charges against #YasinMalik will not put a hold to #Kashmir's struggle to freedom. Urging the #UN to take notice of unfair & illegal trails against Kashmir leaders. pic.twitter.com/EEJV5jyzmN
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) May 25, 2022
फ़ैक्ट चेक:
वहीं यासीन मलिक का क़ायदे से पूरा ट्रायल हुआ है, और कोर्ट ने दोषी पाया तो उम्रकै़द की सज़ा सुनाई।
आुप को बता दें कि यासीन मलिक पर देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, आपराधिक साज़िश रचने और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में शामिल होने जैसे संगीन आरोप थे।
यासीन मलिक को UAPA की धारा 16, धारा 17, धारा 18 और धारा 20 के तहत कोर्ट ने दोषी पाया था। इन धाराओं में आतंकवादी गतिविधि, आतंकवादी गतिविधि के लिए धन जुटाना, आतंकवादी कृत्य की साज़िश रचना और आतंकवादी समूह की या संगठन का सदस्य होने जैसे अपराध शामिल होना।
19 मई को ही ऑल इंडिया रेडियो ने ख़बर दी थी कि जेकेएलएफ़ प्रमुख यासीन मलिक ने 2017 के आतंकी मामले में दिल्ली की अदालत में जुर्म क़ुबूल किया-(हिन्दी अनुवाद)
वहीं भारतीय क्रिकेटर अमित मिश्रा ने जवाब देते हुए रिट्वीट में लिखा था, “प्रिय शाहिद अफरीदी यासीन मलिक ने (यासीन मलिक) कोर्ट रूम में खुद को गुनाहगार कबूल कर लिया है। आपकी बर्थडेट की तरह सब कुछ मिसलीडिंग नहीं हो सकता है।”
Dear @safridiofficial he himself has pleaded guilty in court on record. Not everything is misleading like your birthdate. 🇮🇳🙏https://t.co/eSnFLiEd0z
— Amit Mishra (@MishiAmit) May 25, 2022
जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सिराजुल हक़ ने अपने वेरीफ़ाइड ट्विटर हैंडल @SirajOfficial से #Pak_StandsWithYasinMalik के साथ 25 मई को ट्वीट बैक टू बैक तीन ट्वीट उर्दू में किये, जिनमें पाकिस्तानी सरकार और जनता को उकसाने की कोशिश की गई।
ट्वीट करने वाले नॉनवेरीफ़ाइड अकाउंट्स
नीचे कुछ शीर्ष अनवेरीफ़ाइड अकाउंट्स हैं जिन्होंने हैशटैग के साथ ट्वीट किया है। उनमें से कुछ में @WhoAhmadRajput, @Fereeha, @LodhiMaleeha, @SaifullahNyazee, @ImaanZHazir, @AVeteran1956, @NB7860, @MuhammadTahaCh1, @JahanAraWattoo आदि शामिल हैं।
जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान की महिला विंग ने भी #freeYasinMal #Pak_StandsWithYasinMalik हैशटैग का इस्तेमाल कर इस सोशल मीडियाई मुहिम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। Jamaat Women के ट्विटर हैंडल से किये गए कई ट्वीट्स मिले।
एक ट्वीट में Jamaat Women की सैक्रेटरी जनरल दरदाना सिद्दीक़ी ने दावा किया कि यासीन मलिक बेगुनाह हैं, और उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि साबित शुदा दहश्तगर्द कुलभूषण को फांसी पर लटकाना चाहिए।
एक दूसरे ट्वीट में वो, भारतीय अदालत के बारे में कहा गया है कि उसका भी चेहरा भी बेनक़ाब हो गया।
फ़ैक्ट चेक:
यासीन मलिक को कोर्ट ने नियमित ट्रायल के बाद दोषी क़रार दिया है।
कुलभूषण जाधव का जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। वो नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं और उनका ईरान में कारोबार था।
भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण को सुनाई गई फांसी की सज़ा को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आीसीजे) में चुनौती दी थी। जहां भारत की जीत हुई थी। और आईसीजे ने कुलभूषण की सज़ा पर रोक लगा दी थी।
हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले अकाउंट्स
हैशटैग पर इंट्रैक्ट करने वाले 22,000 से अधिक ट्विटर के अनवेरीफ़ाइड यूज़र्स थे, जबकि 55 से अधिक यूज़र्स हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले वेरीफ़ाइड यूज़र्स थे। नीचे पाई चार्ट दोनों प्रकार के अनुपात को दर्शाता है।
यासीन मलिक को लेकर इस हैशटैग विश्लेषण के दौरान #DFRAC की टीम ने पाया कि यूज़र्स द्वारा बेतहाशा फ़र्ज़ी और भ्रामक कंटेंट का इस्तेमाल किया गया।
- DFRAC EXCLUSIVE: पाकिस्तानी मीडिया का भारत विरोधी प्रोपेगैंडा, फेक और भ्रामक खबरों का लिया जा रहा सहारा
- DFRAC EXCLUSIVE: CPEC के नाम पर ट्विटर पर लोगों को गुमराह कर रहे पाकिस्तान के फर्जी हैंडल
(आप #DFRAC को ट्विटर, फ़ेसबुक, और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)