
Narendra Modi
सोशल मीडिया पर एक न्यूजकटिंग शेयर की जा रही है। इस न्यूजकटिंग में दावा किया गया है कि 70 प्रतिशत लोग नरेन्द्र मोदी को देखना भी नहीं चाहते और पीएम मोदी को स्क्रीन पर देखते ही लोग चैनल बदल देते हैं। अख़बार की हेडलाइन में लिखा गया है: “70% लोग मोदी को देखना भी नहीं चाहते!” इस न्यूजकटिंग में बताया गया है कि राजनीतिक क्षेत्र और मीडिया के प्रभाव पर कड़ी नज़र रखने वाले एक संगठन ने यह सर्वेक्षण किया और इस सर्वेक्षण का उद्देश्य आम जनता के बीच प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का आकलन करना था।
Garvi Rawat नामक यूजर ने यह न्यूजकटिंग शेयर की है।

फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड सर्च किये। हमें वायरल दावा ‘70 प्रतिशत लोग मोदी को देखना भी नहीं चाहते’ की पुष्टि करती कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हालांकि हमे इस वायरल न्यूजकटिंग के विपरीत जनसत्ता की सितम्बर 2016 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि 25 जुलाई 2016 से 7 अगस्त 2016 के बीच न्यूज ऐप इनशॉर्ट्स ने एक ऑनलाइन सर्वे किया था। इस सर्वे में बताया गया था कि ’70 फीसदी भारतीय 2019 में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।’

इसके अलावा NDTV की अगस्त 2024 की रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार है। इप्सोस इंडियाबस सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 70 प्रतिशत की प्रभावशाली अप्रूवल रेटिंग प्राप्त हुई है और देश के अधिकांश लोग पीएम के रूप में उनके प्रदर्शन से खुश हैं।

निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल न्यूज कटिंग फेक है क्योंकि किसी भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट में 70 प्रतिशत लोगों द्वारा मोदी को नापसंद करने की कोई न्यूज नहीं है। बल्कि कई मीडिया रिपोर्ट में 70 प्रतिशत लोगों द्वारा पीएम मोदी को पसंद किया गया है। इसलिए यूजर का दावा गलत है।