
उत्तरप्रदेश में पुलिसकर्मियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में पुलिसकर्मियों के लिए अपनी संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि कोई पुलिसकर्मी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा निर्धारित अवधि में नहीं दे पाता है तो उसका वेतन रोक दिया जाएगा।
खबर में डीजीपी के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि पुलिसकर्मियों के लिए मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2025 है। साथ ही आदेश का पालन न करने वाले पुलिस कर्मियों का जनवरी माह का वेतन रोक दिया जाएगा।

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इस खबर को कई बड़े मीडिया हाउस ने पब्लिश किया है। जिसमे अमर उजाला, एबीपी न्यूज़, पत्रिका, स्वदेश, टीवी9 भारत समाचार, हिंदुस्तान, लल्लूराम डॉट कॉम, पुलिस मीडिया, न्यू पावर गेम, आदि शामिल है।
फैक्ट चेक:
वायरल खबर में किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने खबर से जुड़े कुछ कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें X पर यूपी पुलिस का एक ट्वीट मिला। जिसमे वायरल खबर का खंडन करते हुए लिखा गया कि कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर यह भ्रामक खबर प्रसारित की जा रही है कि डीजीपी मुख्यालय द्वारा दिनांक 15 जनवरी 2025 तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं भरने वाले पुलिस कर्मियों का माह जनवरी का वेतन आहरित नहीं किए जाने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस भ्रामक खबर का खण्डन करती है। #UPPolice

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इसके साथ ही एक पोस्टर भी जारी किया गया है। जिस पर लिखा है – कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर यह भ्रामक खबर प्रसारित की जा रही है कि डीजीपी मुख्यालय द्वारा दिनांक 15 जनवरी 2025 तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं भरने वाले पुलिस कर्मियों का माह जनवरी का वेतन आहरित नहीं किए जाने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस इस भ्रामक खबर का खण्डन करती है।

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वास्तविकता यह है कि समस्त पुलिस कार्मिकों को अपनी वर्ष-2024 की चल-अचल संपत्ति का विवरण दिनांक 31-01-2025 तक मानव संपदा पोर्टल पर भरने के निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश संख्या-614/सैतालीस-का-5-2024- (1838120) के माध्यम से दिए गए हैं। निर्धारित तिथि तक संपत्ति का विवरण नहीं भरने पर इसे प्रतिकूल रूप में लिया जायगा तथा ऐसे कार्मिकों की पदोन्नति के प्रकरणों पर विचार नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि यूपी में संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले पुलिसकर्मियों का वेतन रुकने का दावा भ्रामक है।