सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया गया है कि NIT श्रीनगर के एक छात्र ने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक वीडियो पोस्ट किया था। पुलिस ने उस छात्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा आरोपी छात्र को गोपनीय तरीके से उसके घर भेज दिया गया।
इस दावे के साथ एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा- “कश्मीर- वह स्थान जहां ऑस्ट्रेलिया की जीत का जश्न मनाने के लिए 7 मूल निवासियों को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 1.8 अरब लोगों के पैगंबर का अपमान करने वाले एक व्यक्ति को बिना किसी आरोप के गुप्त रूप से उसके घर ले जाया गया।”
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यह देखा गया कि इस दावा के साथ पोस्ट शेयर करने वाले कई लोग पाकिस्तान से थे, जिनका स्क्रीन शॉट यहां दिया जा रहा है।
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फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच की। हमारी जांच के दौरान हमें कश्मीर के आईजीपी वीके बर्डी का एक बयान मिला। गुलिस्तान न्यूज टीवी को दिए बयान में IGP बर्डी ने घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि घटना के संदर्भ में जानकारी प्राप्त हुई थी और रजिस्ट्रार की तरफ से भी लिखित पत्र मिला था। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दिया है।
वहीं हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसमें बताया गया है कि पुलिस कानूनी कार्रवाई कर रही है। “राइजिंग कश्मीर” ने घटना के बारे में खबर इस शीर्षक के साथ प्रकाशित किया- “एनआईटी श्रीनगर के छात्र पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज: आईजीपी कश्मीर”। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि- “यह घटना एक अलग धर्म के सहकर्मी द्वारा पैगंबर मुहम्मद (SAW) के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ एनआईटी श्रीनगर के छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद हुई है।”
वहीं द इंडियन एक्सप्रेस और कश्मीर न्यूज़ सर्विस ने भी घटना की वास्तविकता को कवर किया।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि पुलिस ने आरोपी छात्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच कर रही है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।