मोहम्मद एल्हामी मिस्र के नागरिक है और तुर्की के इस्तांबुल में रहते है। पेशे से वह एक इतिहास के प्रोफेसर है। उन्होने इस्लामिक इतिहास और सभ्यता को लेकर कई शोध किये है। उन्होने इस्लामिक इतिहास से जुड़ी कई पुस्तकें भी लिखी है। उन्हे सऊदी अरब प्रिंस नायेफ पुरस्कार, बहरीन कनू पुरस्कार और मिस्र सुप्रीम काउंसिल फॉर इस्लामिक अफेयर्स अवार्ड से सम्मानित कर चुका है। उनके अल जज़ीरा, टीआरटी (अरबी), अल शर्क जैसे अंतराष्ट्रीय टीवी चैनल पर 300 से ज्यादा इंटरव्यू प्रसारित हो चुके है। देखा जाये तो वह अरब जगत की जानी-मानी शख्सियत है।
SupportProphetM और मोहम्मद एल्हामी
मोहम्मद एल्हामी SupportProphetM के जनरल सेकेट्रिएट के मेंबर है। यह एक वैश्विक संस्था है। इस संस्था की स्थापना दुनिया भर में इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मुहम्मद (स) के सम्मान के संरक्षण के उद्देश्य से की गई है।
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ये संस्था के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद के अपमान के विरोध में भारत विरोधी अभियान चला चुकी है। इन अभियानों के दौरान इस संस्था ने अरब और मध्यपूर्व के देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चलाई। इसके साथ ही भारत के राजदूतों को मुस्लिम और अरब देशों से वापस भेजने की भी मांग की। इस अभियान का ये असर हुआ कि भारत के अरब और मुस्लिम देशों के साथ रिश्ते खटास में आ गए। वहीं दुनिया भर में भारत के खिलाफ सड़कों पर लोग उतरकर प्रदर्शन करने लगे।
ये पूरा अभियान SupportProphetM ने सोशल मीडिया के जरिये अंजाम दिया था। इस दौरान #طرد_السفير_الهندي (भारतीय राजदूत का बहिष्कार), #مقاطعة_المنتجات_الهندية (भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करें), # اطردواالهندوسمن_الخلي (बाहर निकलो हिन्दुओ) لا_رسول_الله_يا_مودي#إلا_رسول_الله (या तो पैगम्बर या मोदी), #غضبةالمليارلرسول_الله (पैगम्बर के प्रति करोड़ों का गुस्सा) जैसे भारत विरोधी हैशटेग चलाये गए। जिसे DFRAC ने अपनी रिपोर्ट में कवर भी किया
मोहम्मद एल्हामी और अंसार अल नबी पत्रिका
अंसार अल नबी पत्रिका को SupportProphetM ने शुरू किया है। मोहम्मद एल्हामी इस पत्रिका के मुख्य संपादक है। SupportProphetM का इस पत्रिका को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य संगठन के भीतर और बाहर से पैगंबर (PBUH) के मार्गदर्शन, उनकी सुन्नत और उनकी जीवनी से संबंधित विषयों पर लिखना हैं। लेकिन ये पत्रिका भी पैगंबर (PBUH) के सम्मान की आढ़ में भारत विरोधी अभियान चलाये हुए है।
मोहम्मद एल्हामी और मुस्लिम ब्रदरहुड
मोहम्मद एल्हामी मुस्लिम ब्रदरहुड से सबंध रखते है। मुस्लिम ब्रदरहुड को इख्वान अल- मुस्लमीन के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी। ये संगठन सय्यद क़ुतुब, अबुल आला मौदूदी के राजनैतिक इस्लाम और इब्न तैमिया व इब्न अब्दल वहाब के सलाफ़ी विचारधारा को फॉलो करता है। मुस्लिम ब्रदरहुड को मिस्र सहित बहरीन, रूस, सऊदी अरब, सीरिया, और संयुक्त अरब अमीरात में प्रतिबंधित किया जा चुका है। ये इस्लाम के नाम पर खुलकर हिंसा का आह्वान नहीं करता है। लेकिन इसकी विचारधारा हिंसा के लिए भविष्य की जमीन तैयार करती है। मुस्लिम ब्रदरहुड का उद्देश्य एक वैश्विक खिलाफत को लागू करना है। मुस्लिम ब्रदरहुड की दुनिया भर में कई शाखाएँ हैं। जो कई उपनामों से काम करती हैं। मुस्लिम ब्रदरहुड को अल-कायदा और आईएसआईएस जैसे आधुनिक आतंकी संगठनों का वैचारिक जनक माना जाता है।
एल्हामी भी अपने विचारधारा के अनुरूप कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देते है। साथ ही इस्लाम के नाम पर हिंसा को प्रोत्साहन देने से नही चूकते है। वह अक्सर मुस्लिम ब्रदरहुड के आधिकारिक टीवी चैनल पर मुसलमानों को जिहाद के नाम पर हिंसा के लिए भड़काते हुए देखे जा सकते है।
मोहम्मद एल्हामी और अलकायदा
एल्हामी आतंकी संगठन अलकायदा के भी समर्थक है। वे अलकायदा को एक इस्लामिक आंदोलन मानते है। इसके साथ ही उन्होने मुस्लिम ब्रदरहुड और अलकायदा के बीच रिश्तों को भी अपना समर्थन दिया। उन्होने युवाओं को अलकायदा से जुड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
मोहम्मद एल्हामी का भारत विरोधी अभियान
एल्हामी ने भारत के खिलाफ भी अपनी विचारधारा के अनुरूप अभियान छेड़ा हुआ है। ये अभियान उन्होने अपने लेक्चर, आर्टिकल और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये छेड़ा हुआ है। वह भारत के इस्लामिक देशों के साथ रिश्तों के भी खिलाफ है। अपने इस भारत विरोधी अभियान के लिए एल्हामी ने सोशल मीडिया पर कई भारत विरोधी हेशटेग भी चलाये। एल्हामी ने नूपरू शर्मा के पैगंबर साहब के खिलाफ दिये बयान के बाद मिस्र के राष्ट्रपति फतेह अल सीसी की भारत यात्रा का भी विरोध किया था। उन्होने भारत के साथ मिस्र और अन्य मुस्लिम देशों के सबंधों को शेतान के साथ सबंध करार दिया। उन्होने भारत के खिलाफ #السيسي_عدو_الله (अल-सीसी अल्लाह का दुश्मन), #الهند_تقتل_المسلمين (#भारत_मुसलमानों_को_मारता_है), #قرآن_كريم (#पवित्र कुरान), #ناصروا_مسلمي_الهند (#भारत_के_मुसलमानों_का_समर्थन), #ArrestNupurSharmaBJP, आदि हेशटेग ट्रेंड कराये।
#السيسي_عدو_الله (अल-सीसी अल्लाह का दुश्मन)
एल्हामी का ये हेशटेग विशेष रूप से मिस्र की अल-सीसी सरकार के खिलाफ है। जिसे वे इस्लाम विरोधी मानते है। अल-सीसी को निशाने पर लेने के लिए अक्सर वे इस हेशटेग का इस्तेमाल करते है। लेकिन उन्होने इस हेशटेग का इस्तेमाल भारत के भी खिलाफ किया।
अल सीसी की भारत यात्रा का विरोध
अल सीसी 2023 में तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आए थे। उन्हे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। एल्हामी ने अल सीसी की भारत का यात्रा का विरोध किया था। इसके साथ पैगंबर के अपमान का आरोप लगा कर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया था।
अल-जज़ीरा और मोहम्मद एल्हामी
एलहामी अल-जज़ीरा के रेगुलर ब्लॉगर है। उनके आर्टिकल अल-जजीरा पर प्रकाशित होते रहते है। ये आर्टिकल मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन में होते है। इसके साथ ही वे सलाफ़ी और तकफीरी विचारधारा को भी प्रमोट करते है।
निष्कर्ष
दुनिया भर के मुसलमानों के लिए पैगंबर का सम्मान एक नाजुक मसला है। पैगंबर की शान में कोई भी गुस्ताखी या अपमान दुनिया का कोई मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस बात का लाभ उठाकर मोहम्मद एल्हामी जैसे लोग पैगंबर के सम्मान की आढ़ में दुनिया भर के मुसलमानों को मुस्लिम ब्रदरहुड की विचारधारा परोस रहे है। ये विचारधारा हिंसा के लिए उकसाती है। भारत भी अब इससे अछूता नहीं है। पैगंबर की शान में होने वाली गुस्ताखी या अपमान भारत के मुसलमानों के दिलों को तोड़ रहा है। जिसका सीधा फायदा एल्हामी जैसे लोगों के लिए है। वे इसका लाभ भी उठा रहे है।