सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भयंकर आग लगी है और धुएं का गुबार उठ रहा है। जहां आग लगी है लोग वहां अफरा तफरी में इधर उधर भाग रहे हैं। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं की दुकानों को जलाये जाने का दावा कर रहे हैं।
ManishKasyapsob नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “भारत के कथित दलित प्रेमियों की आंखों में मोतियाबिंद हो चुका है. बांग्लादेश के सिलेट के लक्ष्मीपुरा में दलित हिंदू राजन चंद्रा अपनी जलती हुई दुकान देखकर विलाप कर रहे हैं. उनकी दुकान को मुस्लिम भीड़ ने जला दिया और इस पूरे बाजार में 30 से ज्यादा दलित हिंदुओं की दुकानों को मुस्लिम भीड़ ने जला दिया #BangladeshBleeding #BangladeshViolence”
इसके अलावा अन्य यूजर ने भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा किया। जिसे यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए बांग्ला भाषा में संबंधित कीवर्ड सर्च किये। हमें ntvbd.com की 11 जुलाई 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि लक्ष्मीपुर के मजूचौधरिरहाट में आग लगने से 15 दुकानें जलकर खाक हो गईं। हादसा गुरुवार सुबह (11 जुलाई) सदर उपजिला के चार्रामणि मोहन यूनियन के माजूचौधरिरहाट इलाके में हुआ। रिपोर्ट में आगे बताया गया है लक्ष्मीपुर फायर सर्विस के सहायक उप निदेशक अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘हमें सुबह 6:20 बजे एक कॉल मिली। हमारी तीन यूनिटों को आग पर काबू पाने में करीब एक घंटे का समय लगा। आग कैसे लगी इसका पता लगाया जा रहा है।
इसके अलावा bd-bulletin की 11 जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी बांग्लादेश के लक्ष्मीपुर में 15 दुकानों में आग लगने के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फज्र की नमाज के तुरंत बाद बाजार के दक्षिणी हिस्से में आग लगने का पता चला। इसके बाद फायर सर्विस को कॉल किया गया। परन्तु फायर सर्विस के आने तक 15 दुकानें जल गईं। जली दुकानों में हार्डवेयर, प्लास्टिक और कपड़े की दुकानें शामिल थीं।
इसके अलावा songbadprokash की रिपोर्ट में बताया गया है कि अग्निशमन सेवा का प्रारंभिक तौर पर मानना है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी है। जबकि इस रिपोर्ट में आग से प्रभावित व्यवसायियों के नाम जुलहास, सबुज मिया और समुन बताये गये हैं।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट से स्पष्ट है कि मनीष कश्यप सहित तमाम यूजर्स का दावा भ्रामक है। इस आग में कई मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें भी जलकर राख हो गई हैं। इस आग लगने की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल भी नहीं है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेश में चल रहा प्रदर्शन 16 जुलाई से हिंसक हो गया था, जबकि आग लगने की घटना 11 जुलाई की है।