सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है। कि महाराष्ट्र के पुणे में स्थित एक निजी स्कूल में सुबह की ईसाई प्रार्थना आयोजित करने पर हिंदुत्व चरमपंथियों की भीड़ द्वारा प्रिंसिपल पर बेरहमी से हमला किया जा रहा है।
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अशोक स्वैन नामक यूज़र ने ट्विटर पर एक वीडियो को कैप्शन दिया,“महाराष्ट्र भारत में हिंदू वर्चस्ववादियों ने ईसाई प्रार्थना के कारण एक स्कूल प्रिंसिपल की पिटाई की है!” (हिन्दी अनुवाद)
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इसी तरह ट्विटर पर अब्दुल्ला अल-एमादी ने भी यही वीडियो शेयर कर लिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी का एजेंडा स्पष्ट लगता है (अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना + असहिष्णुता और दूसरे को अस्वीकार करना)! ईसाई प्रार्थना करवाने पर हिंदू भीड़ द्वारा एक स्कूल प्रिंसिपल पर हमला किया गया।
गब्बर और हिंदुत्व वॉच नामक अन्य यूज़र्स ने भी ट्विटर पर इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया है।
फ़ैक्ट-चेक:
वायरल वीडियो की हक़ीक़त जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले इसे कुछ की-फ्रेम कन्वर्ट कर रिवर्स सर्च किया इस दौरान टीम को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनके अनुसार, एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल पर दक्षिणपंथी संगठन, बजरंग दल की भीड़ ने हमला किया था, क्योंकि कुछ छात्रों के माता-पिता ने शिकायत की थी कि उनके द्वारा लड़कियों के शौचालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
Source: The Hindu
अख़बार द् हिन्दू की वेबसाइट द्वारा एक न्यूज़ पब्लिश की गई है, जिसके अनुसार- कुछ छात्रों के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि छात्राओं के शौचालय में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था, जिसके बाद पुणे के तालेगांव दाभाडे इलाके में एक हिंदू संगठन के कुछ सदस्यों ने स्कूल के प्रिंसिपल पर कथित तौर पर हमला किया था।
जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीवी सहित अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी समान तथ्यों के साथ इस घटना को कवर किया है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि स्कूल प्रिंसिपल से मारपीट की घटना ईसाई प्रार्थना को लेकर नहीं हुई है, बल्कि यह घटना लड़कियों के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के मामले से संबंधित है, इसलिए वायरल वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।