#HijabRow – सांप्रदायिकता की एक पंक्ति

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कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद न केवल पूरे देश में फ़ेल गया। बल्कि इस विवाद ने लोगों को दो भागों में विभाजित कर दिया। जहां एक तरफ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग इसके खिलाफ भी हैं। 8 दिन का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी ट्विटर पर ये अब भी चर्चा का विषय है। इस चर्चा में न केवल आम लोग शामिल हैं, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफज़ी, बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा, जैसे प्रसिद्ध लोगों ने भी हाहाकार मचाया हुआ है। वहीं पाकिस्तान की उपस्थिति इस मामले में आग में घी डालने का काम कर रही है।

#HijabRow क्यों ट्रेंड कर रहा है?

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब कर्नाटक के उडुपी के एक कॉलेज में कुछ मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इन लड़कियां का तर्क हैं कि हिजाब पहनना उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार का एक हिस्सा है। बाद में यह राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और हिंदू छात्रों ने भी भगवा शॉल पहनकर प्रतिक्रिया दी।

#HijabRow में

कई अवसरवादी इस हिजाब विवाद में शामिल हुए और अपने मकसद के लिए लोगों को वास्तविक परिदृश्य से गुमराह करने की कोशिश करते रहे।

  1. कुछ राजनेताओं और पत्रकारों ने इसे महिला सशक्तिकरण का मुद्दा बनाते हुए कहा कि प्रियंका गांधी द्वारा शुरू किए गए #ladkihoonladsaktihooon के तहत हर लड़की का यह अधिकार है कि वह जो पहनना चाहती है उसे पहनें।

 

  1. कुछ लोगों ने इसे हिंदू-मुस्लिम एंगलदेने की कोशिश की, क्योंकि उनका कहना है कि अगर मुस्लिम लड़कियों को हिजाब की अनुमति दी जाएगी तो हिंदुओं को भी भगवा शॉल पहनने की अनुमति होगी। हैशटैग #saffronshawls के तहत इस विषय पर भी कई ट्वीट किए गए।

  1. ऐसा लगाकि अब देश अलग-अलग रंगों की लड़ाई में बँट गया है क्योंकि # BlueShawls के साथ दलित भी मैदान में आ गए हैं जो मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने का समर्थन कर रहे हैं।
  2. कुछ ने इसे राजनीति से प्रेरित एंगल दिया। उनका कहना है कि यह सीएए और किसानों के विरोध के बाद भारत में एक और अशांति फैलानेके लिए शुरू किया गया है।

#HizabRow के अंतर्गत फेक न्यूज:

क्लेम 1: बुर्के में शराब की तस्करी।

 

फैक्ट चेक: शराब तस्करी का ये मामला कई महीनों पुराना है लेकिन ये फिर से ट्विटर पर वायरल हुआ। जिसमे दिखाया गया है कि एक व्यक्ति बुर्का पहनकर शराब की तस्करी कर रहा है और लोग शांतिपूर्ण माहौल को नुकसान पहुंचाने के लिए इसे साझा भी कर रहे हैं।

क्लेम 2: हिजाब पहनने वाली लड़कियों को सड़क पर कुछ लड़के परेशान कर रहे हैं। वीडियो नस्लवाद का एक दुष्ट रूप दिखाता है।

https://twitter.com/Tariq81620975/status/1491374762777792517?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1491374762777792517%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fdfrac.org%2Fen%2F2022%2F02%2F12%2Fthe-truth-behind-the-video-where-girls-in-hijab-were-assaulted%2F

फैक्ट चेक 2: श्रीलंका के ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में एक कॉलेज में हंगामा करने का वीडियो, जहां ईस्टर्न यूनिवर्सिटी के छात्र मुस्लिम छात्रों के साथ मारपीट कर रहे थे, इसी ट्रेंड के साथ पोस्ट किया गया।

क्लेम 2: आग में घिरी महिलाओं का सबंध हिजाब विवाद से हैं?

फैक्ट चेक 3 : इस हैशटैग के तहत वायरल हो रहा वीडियो 10 साल पुराना है और यह घटना पंजाब के कपूरथला जिले की है।

 

इसी बीच पाकिस्तान की ओर से इस पूरे विवाद को नफरत का एंगल देने की कोशिश की गई। ताकि भारत में अशांति पैदा की जा सके। पाकिस्तान ने बुधवार को इस मामले में भारतीय राजनयिक को भी तलब किया।

 

https://indianexpress.com/article/world/pakistan-summons-indian-charge-daffaires-over-hijab-controversy-7765367/

हैशटैग में हैशटैग:

#HizabRow के साथ ही #Muskan की शुरुआत हुई। जिसने ट्विटर पर सभी का समान ध्यान खींचा, इस का प्रयोग न केवल भारतीय मूल के द्वारा किया गया, बल्कि कई प्रसिद्ध पाकिस्तानी हस्तियों ने भी इसमें शामिल होकर आग में घी डालने की कोशिश की। उन्होने मुस्कान खान के कॉलेज में भगवा शॉल पहने कुछ छात्रों के सामने दिलेरी से अल्लाहु अकबर का नारा लगाने की सराहना की।

 

कई पाकिस्तानी अकाउंट ने मुस्कान की सराहना करते हुए उन्हें मलाला यूसुफई से भी अधिक शक्तिशाली माना।

 

इस हैशटैग के बारे में अधिक जानने के लिए को हमारी रिपोर्ट पढ़ें।

#Hijabisourright को #HijabRow के साथ ट्रेंड मिला जिसमें ज्यादातर यह कहा गया कि संविधान ने हमें धार्मिक स्व्तंत्रता का अधिकार प्रदान किया है और हम इसे हासिल करेंगे।

#Hijabisourpride एक और हैशटैग है। जो इसके साथ ही उपयोग हुआ। जिसमें अधिकतम ट्वीट इस तथ्य को बता रहे थे कि हिजाब उत्पीड़न की बात नहीं है, अपमान की बात नहीं है, यह सिर्फ एक धर्म की बात नहीं है, बल्कि यह सम्मान, गरिमा, मानव अधिकार, अधिकार की बात है और हर गंदी नजर से सुरक्षा करती है।

 

वेरिफाइड अकाउंट द्वारा किए गए ट्वीट

इन हैशटैग पर कई वेरिफाइड अकाउंट से भी ट्वीट किए गए। उनमें से कुछ @HamidMirPAK, @ajmubasher, @AnsarAAbbasi, @drassagheer, आदि शामिल हैं। हमारे विश्लेषण के माध्यम से हमें पता चला कि इस मामले पर ट्वीट करने के लिए कई शीर्ष वेरिफाइड अकाउंट पाकिस्तान से थे। जैसा कि नीचे कोलाज में देखा जा सकता है:

 

भारत में पहले से ही इस आग को हवा देने में न केवल वेरिफाइड अकाउंट बल्कि आम लोग भी शामिल थे।

 

ये सभी हैशटैग पाकिस्तानी यूजर्स, IAMC (इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल) और CFI (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) द्वारा समान रूप से इस्तेमाल किए गए। हिजाब विवाद से जुड़े सभी चार शुरुआती पीड़ितों ने ट्विटर पर अपना अकाउंट खोला और विभिन्न हैशटैग में भाग लेकर सीएफआई के एजेंडे को बढ़ावा देना शुरू कर दिया। साथ ही विभिन्न क्षेत्रीय दलों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया घरानों ने इस प्रवृत्ति का अनुसरण किया।

 

 

हाल ही में अमेरिका स्थित व्यक्तिगत आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने मुसलमानों के लिए “उर्दूिस्तान” नामक एक नए देश की मांग की। इसलिए हम सभी को एक ठोस सबूत दे रहे है कि यह सब कैसे हमें #HijabRow की आड़ में देश के विभाजन की ओर खींच रहा है।

 

वेरिफाइड अकाउंट का इस्तेमाल

ट्विटर पर 600 से ज्यादा वेरिफाइड अकाउंट के जरिये इस हैशटैग पर ट्वीट किए गए। उनमें से कुछ में शामिल हैं, @ndtv, @aajtak, @timesofindia, @sardesairajdeep, @ShireenMazari1

 

नीचे दिया गया ग्राफ़ हैशटैग के साथ इंटरैक्ट करने वाले यूजर की टाईमलाइन के बारे में बताता है। जिसमे देखा जा सकता है कि 10,000 से अधिक यूजर इस हैशटैग के साथ जुड़े थे। वहीं 9 फरवरी 2022 को 100+ अकाउंट बनाए गए थे।

 

 

यूजर लोकेशन:

ग्लोबल मैप पर उन देशों को दिखाया गया है जहां से यूजर्स ने हैशटैग पर सबसे ज्यादा ट्वीट किए। भारत से हैशटैग पर 4000 से अधिक ट्विटर यूजर ने सबसे अधिक ट्वीट किए हैं, इसके बाद पाकिस्तान में 1600 से अधिक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किए हैं।

 

 

निष्कर्ष

#HijabRow का विश्लेषण करते हुए, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इस हैशटैग का उपयोग कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय असामाजिक तत्वों द्वारा किया गया है, जो हमारे देश को विभाजित करने, धर्मनिरपेक्षता को बर्बाद करने और सद्भाव को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।

IAMC (इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल), CFI (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) और पाकिस्तानी अकाउंट ने इस आग को हवा दी है। विभिन्न अकाउंट, हैशटैग और टूलकिट का इस्तेमाल मुख्य रूप से कॉपी पेस्ट वर्ड टू वर्ड किया। ताकि अप्रिय वातावरण बनाकर इसे पूरे देश में फैलाया जा सके।

इस पूरे विश्लेषण से यह साबित होता है कि #HijabRow एक सुनियोजित प्रचार है और कुछ नहीं।