बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा अपनी साफगोई और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं। कई मौकों पर...
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सोशल मीडिया भ्रामक सूचनाओं का गहरा समंदर है। यहां सूचनाओं और खबरों की सत्यता की बिना पुष्टि...
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुए सांप्रदायिक झड़प की घटना के बाद अब प्रशासनिक कार्रवाई चल रही है।...
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान हिंसा...
पिछले दिनों भारत के कुछ हिस्सों में साम्प्रदायिक झड़प की कुछ घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं को...
राजस्थान के करौली में हिन्दू नववर्ष के मौके पर 2 अप्रेल को हिन्दू संगठनों द्वारा निकाली गई...
बंगाल हर दिन एक नए दंगे से जल रहा है। इंटरनेट पर लोग अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स...
सोशल मीडिया का शाब्दिक अर्थ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है| जहां यह कई लोगों के लिए वरदान है, वही दूसरों के लिए अभिशाप बन सकता है। जैसा कि लोग कहते हैं कि सोशल मीडिया बेजुबानों को आवाज देता है , यह कुछ हद तक सच है| लेकिन यह हमारे समाज के विरोधी तत्वों को भी आवाज देता है। इन असामाजिक तत्वों के मन में ऐसी रूढ़िवादी विचारधारा हैं कि इसके नीचे या ऊपर कुछ भी उनके लिए काम नहीं करता है। वे सभी अलग-अलग समुदायों और लोगों के बीच नफरत फैलाने में व्यस्त हैं। सोशल मीडिया के जरिए यह अब बहुत आसान हो गया है। यह हमारे राष्ट्र के लिए बड़े ही दुख की बात है | जो युवा देश के लिए एक बड़ी संपत्ति हो सकते हैं, वे वास्तव में एक बोझ बनते जा रहे हैं। अगर देखा जाए तो जिस सदी मे हम रेह है जो की 21वी सदी है, ऐसी रूढ़िवादी मानसिकता के बारे में सोचना एक सकारात्मक स्थान में रहने वाले व्यक्ति के लिए मुश्किल है| लेकिन, यह मौजूद है और इसे तब तक मिटा नहीं सकता जब तक कि वे स्वयं उस पर निर्णय नहीं लेते। हुमे बहुत हैरानी हुई जब हमने इंस्टाग्राम पर समाज के विभिन्न वर्गों में नफरत फैलाने वाले बहुत सारे खातों को देखा, जैसे कि एक तरफ ऐसे खाते थे जो महिलाओं को नीचा दिखा रहे हैं, वहीं कुछ अन्य हैं जो बहुजन समाज/दलितों को नीचा दिखाते हैं। महिलाओं के खिलाफ...
कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद न केवल पूरे देश में फ़ेल गया। बल्कि...
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि राजस्थान से कश्मीर घूमने...