
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस तनाव के बीच पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर कई फेक और भ्रामक सूचनाएं शेयर की जा रही हैं। पाकिस्तानी यूजर्स पुरानी घटनाओं के वीडियो शेयर कर उसे भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी का बताकर शेयर कर रहे हैं।
पाकिस्तानी आर्मी के नाम से संचालित एक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल @Pakistan1_Army से यमन में हूती विद्रोहियों की घुसपैठ को रोके जाने के वर्ष 2020 के वीडियो को भारत-पाक सीमा पर गोलीबारी का बताकर शेयर किया गया है। वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है, ‘रात के दृश्य: पहली बार मैदान से फुटेज दिखाया गया। पाकिस्तानी सेना ने लोहे की मुट्ठी से हमला किया। अल्लाह महान है, और अल्लाह की प्रशंसा हो। पाकिस्तानी सेना के लिए आपकी प्रार्थनाएँ।’ (हिन्दी अनुवाद)

फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वीडियो के कुछ फ्रेम्स को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह वीडियो अरबी भाषा के यूट्यूब चैनल المركز الإعلامي لألوية العمالقة الجنوبية पर 1 फरवरी 2020 पर अपलोड मिला। इस वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि यह यमन के अल हुदैदाह गवर्नरेट प्रांत का वीडियो है, जब रात के वक्त हूती विद्रोहियों की घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तरफ से फायरिंग की गई थी।
वीडियो में दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, संयुक्त बलों के जवानों ने अल-हुदैदाह गवर्नरेट के दक्षिण में अल-दुरैहिमी मोर्चे पर किए गए आत्मघाती घुसपैठ के प्रयास के परिणामस्वरूप हूती विद्रोहियों पर कठोर कार्रवाई की गई। संयुक्त बलों ने रात्रिकालीन फुटेज जारी किए, जिनमें सुरक्षा बलों के जवानों की घुसपैठ का प्रयास करने वाले हूती विद्रोहियों के साथ झड़पें दिखाई गईं।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर गोलीबारी का नहीं है। यह वीडियो 1 फरवरी 2020 को यमन में हूती विद्रोहियों की घुसपैठ को रोकने का वीडियो है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर का दावा भ्रामक है।