पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से अपदस्थ होने और देश छोड़ देने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरे सामने आ रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बड़ी वायरल हो रही है। जिसमे जली गायों के शव को देखा जा सकता है।
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इस तस्वीर को शेयर कर सोशल साईट X (ट्विटर) पर वेरिफाइड यूजर Er niraj babu jay prakash (बड़े भैया) ने लिखा कि आखिर इन निरीह गायों ने #बांग्लादेश के दरिंदे आतंकवादियों का क्या बिगाड़ा है? #जमाते इ के आतंकवादियों ने पूरे #बांग्लादेश पर अघोषित रूप से कब्जा कर लिया है और उनका सॉफ्ट टारगेट #हिन्दू लोग है इन आतंकवादियों ने कल रात बांग्लादेश के नबीनगर में एक फार्म में आग लगा दी, फार्म में मौजूद सभी गायें और बकरियां जलकर राख हो गईं. ऊपर वाले के नाम पर हो रही अकारण मौतों के लिए यह कथित आतंकवादी संगठन/समूह/फॉर्म आदि जिम्मेवार है
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वहीं एक अन्य वेरिफाइड यूजर हम लोग We The Pepple ने लिखा कि आखिर इन निरीह गायों ने इस्लामवादियों का क्या बिगाड़ा है? जमाते इस्लामी के आतंकवादियों ने कल रात बांग्लादेश के नबीनगर में एक फार्म में आग लगा दी, फार्म में मौजूद सभी गायें और बकरियां जलकर राख हो गईं.
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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी इस तरह के मिलते-जुलते दावे के साथ इस तस्वीर को शेयर किया है।
फैक्ट चेक:
वायरल तस्वीर के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। ऐसे में हमें ये तस्वीर बंगाली भाषा के एक न्यूज़पोर्टल द जनता न्यूज़ की एक खबर में मिली। जिसमे इस तस्वीर के साथ हेडिंग मिली “ब्राह्मणबरिया के नबीनगर में आग लगने से गाय-बकरियां जलकर राख हो गईं”
आगे खबर में बताया गया कि ब्राह्मणबरिया के नबीनगर उपजिला के कृष्णनगर के बलुआटी गांव में सोमवार (9 दिसंबर) की सुबह मो. बेदोन मिया की गौशाला में अचानक आग लग गई। मो. बेदोन मिया बलुआटी गांव के दीवान अली के पुत्र हैं।
मो. बेदोन मिया ने बताया कि सुबह-सुबह गायों के रोने की आवाज सुनकर अचानक उनकी नींद खुल गई। जब वे उठे तो देखा कि उनकी खलिहान में आग लगी हुई है। मैंने आग पर काबू पाने की काफी कोशिश की। लेकिन इस बीच गौशाला में छह गाय और एक बकरी जलकर राख हो गई। आग में मुझे करीब 15 लाख टका का नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी।
इसके अलावा ये खबर हमें एक अन्य बंगाली न्यूज़ पोर्टल जाग्रत बांग्ला पर भी मिली।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि गायों की मौत शॉर्टसर्किट से लगी आग से हुई है। वहीं इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल भी नहीं है।