
महाराष्ट्र के नासिक में अफगान नागरिक सूफी मौलाना ख्वाजा सैयद जरीब चिश्ती की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह 35 वर्ष के थे। वह 4 साल पहले भारत रिफ्यूजी बनकर आए थे। उनको भारत सरकार की तरफ से रिफ्यूजी श्रेणी दी गई है। पुलिस द्वारा प्रथम दृष्टया हत्या के पीछे जमीन या फिर पैसे का विवाद बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही हैं।
वहीं सूफी मौलाना की हत्या ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग ले लिया है। कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सूफी मौलाना की हत्या हिन्दुवादी संगठनों ने की है। @SupportProphetM नामक एक यूजर ने अरबी में लिखा- “यह चौथी बार है जब हिन्दुओं ने इमाम को टारगेट किया। मुस्लिम संत ख्वाजा सैयद चिश्ती (35) की 4 हिन्दुओं ने गोली मारकर हत्या कर दी।”
للمرة الرابعة:الهندوس يستهدفون أئمة #المساجد
مقتل رجل الدين المسلم خواجة سيد شيستي 35 عاما برصاص 4 من الهندوس في مدينة #يولا#طرد_السفير_الهندي pic.twitter.com/tjO9hT4S62— الھیئة العالمیة لأنصار النبي ﷺ (@SupportProphetM) July 6, 2022
वहीं एक दूसरे यूजर ने भी इसी कैप्शन के साथ पोस्ट किया है।
للمرة الرابعة:الهندوس يستهدفون أئمة #المساجد
مقتل رجل الدين المسلم خواجة سيد شيستي 35 عاما برصاص 4 من الهندوس في مدينة #يولا#طرد_السفير_الهندي pic.twitter.com/WY1BkXuMMB— الصفحة الرسمية للشعوب الإسلامية (@ShoubE1moslmin) July 7, 2022
फैक्ट चेकः
सूफी संत की हत्या को लेकर किए जा रहे दावे पर हमने गूगल पर सिंपल सर्च किया। हमें ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने प्राथमिक तौर पर इमाम की हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद बताया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल अभी सामने नहीं आया है।
निष्कर्षः
हमारी फैक्ट चेक में सामने आया है कि सूफी संत की हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद सामने आ रहा है। इसका अभी कोई सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
दावा- हिन्दुओं ने की सूफी संत की हत्या
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- भ्रामक