हाल ही में भारत ने आर्थिक संकट में घिरे श्रीलंका को ऋण सुविधा के तहत 40,000 टन डीजल की एक और खेप भेजी है। ताकि वह देश में पैदा हुए बिजली संकट से निपट सके।
इसी बीच सोशल मीडिया पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के कथित ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। जिसमे दावा किया गया कि भारतीय विदेश मंत्री ने श्रीलंका को भारत में मिलाने की पेशकश की है।
There is an offer!!
But I love my Sri Lanka.
Without these corrupted politicians, it's an absolute pearl in the Indian ocean.#GoHomeGota2020 #GoHomeRajapakshas pic.twitter.com/X6dJDhqzc2— Amour street – Ameer nana. (@ValachaniNews) April 21, 2022
वायरल स्क्रीनशॉर्ट में लिखा कि “यदि श्रीलंका के लोग सहमत हैं, तो भारत यह घोषणा करने को तैयार है कि श्रीलंका भारत का राज्य बन जाएगा। परिणामस्वरूप, भारत गैस,
ईंधन, दूध भोजन, उर्वरक और कई अन्य आवश्यक वस्तुओं की समस्याओं को हल करने में सक्षम होगा, जिनका देश सामना कर रहा है। इसके अतिरिक्त, भारत श्रीलंका के भविष्य के सभी मुद्दों को भी देखेगा।” आगे कहा गया, “भारत श्रीलंका के लोगों के लिए अस्तित्व का हाथ बढ़ा रहा है।”
फैक्ट चेक
वायरल स्क्रीनशॉर्ट की जांच के दौरान हमने पाया कि भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के ट्विटर अकाउंट से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया। वहीं विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मीडिया सेक्शन में भी इस बारे में कोई प्रेस रिलीज नहीं मिली। हालांकि हमें कोलंबो, श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग के आधिकारिक हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला।
We have seen a morphed image purported to be from the twitter handle of External Affairs Minister @DrSJaishankar. This is completely fake and fabricated. We strongly deny its malicious contents. Such mischievous attempts by desperate parties will never succeed in affecting (1/2)
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) April 20, 2022
ट्वीट में वायरल स्क्रीनशॉर्ट के बारे में कहा गया कि “हमने विदेश मंत्री @DrSJaishankar के ट्विटर हैंडल से कथित रूप से एक विकृत छवि देखी है। यह पूरी तरह फर्जी और मनगढ़ंत है। हम इसकी दुर्भावनापूर्ण सामग्री का दृढ़ता से खंडन करते हैं। हताश पार्टियों द्वारा इस तरह के शरारती प्रयास #भारत और #श्रीलंका के बीच घनिष्ठ, मैत्रीपूर्ण और सदियों पुराने संबंधों को प्रभावित करने में कभी सफल नहीं होंगे।”
निष्कर्ष
अत: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के श्रीलंका को भारत में शामिल करने के प्रस्ताव की पेशकश का दावा फेक है।