10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे आए। इन चुनावों में बीजेपी ने 4 राज्यों में जीत हासिल की है। हालांकि उसे पंजाब में हार का सामना करना पड़ा है। फिर भी बीजेपी की यह जीत इसलिए बड़ी है क्योंकि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 37 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दोबारा सत्ता हासिल की है। इससे पहले यह कारनामा कांग्रेस ने किया था, जब वह दोबारा चुनाव में जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की थी। बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद यूपी में योगी 2.0 की शुरुआत होने जा रही है। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार बने इससे पहले सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी पोस्ट शेयर किए जाने लगे। 10 मार्च को जैसे-जैसे बीजेपी की सीटें बहुमत के जादुई आंकड़े के पार जा रही थी, वैसे-वैसे सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी पोस्टों की संख्या बढ़ती जा रही थी। सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के प्रति एक खास प्रकार की नफरत देखने को मिली, जो योगी आदित्यनाथ की दोबारा सत्ता में वापसी देखते हुए हो रही थी।
चुनावी नतीजों के बाद मुस्लिम समाज और उनकी इबादतगाहों को टारगेट करते हुए भाषण दिए गए। मस्जिदों से जबरदस्ती लाउडस्पीकर उतारने का ऐलान किया गया। कई जगहों पर खुलेआम मंच लगाकर धमकी दी गई। सोशल मीडिया पर बढ़ती इन नफरतों के बीच अफसोस की बात है कि बीजेपी के किसी भी बड़े नेता ने इन बयानों की आलोचना नहीं की और ना ही अपने समर्थकों से ऐसे बयानों से बचने की अपील की। हम अपनी इस रिपोर्ट में 10 मार्च 2022 के आए चुनावी नतीजों के बाद मुस्लिम समुदाय के प्रति बढ़ी नफरती पोस्टों का विश्लेषण करेंगे तथा उसके ट्रेंड का अध्ययन करेंगे।
सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी पोस्टः
सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी सर्वाधिक पोस्ट 10 मार्च 2022 को देखने को मिले। यानी जिस दिन यूपी सहित 5 राज्यों के परिणाम आए, उस दिन सोशल मीडिया पर मुस्लिमों को जमकर टारगेट किया गया। नफरत वाले पोस्टों में 10 मार्च 2022 को करीब 51.5% यूजर्स ने पोस्ट किया। इसके बाद 11 मार्च को 30.3 फीसदी और इसके बाद 12 मार्च को ये आंकड़ा 18.2 फीसदी तक पहुंचा।
मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने वाले ट्वीटः
सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय को टारगेट करते हुई ट्वीट किए गए। इन ट्वीट में से कुछ चुनिंदा ट्वीट को हमने सेलेक्ट किया है। इसमें परम @Rambhaktparm नाम के यूजर ने लिखा कि- “तुम देखोगे हम दिखाएंगे… योगी जी के राज में सब जिहादी, जिहादन पेले जायेगे तुम देखोगे हम दिखाएंगे….।” इसके अलावा कई ट्वीट ऐसे हैं जो मुस्लिमों को टारगेट करते हैं। जिनके स्क्रीनशॉट नीचे दिए गए हैं।
मस्जिदों को टारगेट करने वाले पोस्टः
बीजेपी और योगी आदित्यनाथ की सत्ता में दोबारा वापसी को देखते हुए मुस्लिम समुदाय की मस्जिदों को लेकर सोशल मीडिया पर नफरत दिखाई दी। इन पोस्टों में काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की मस्जिद को गिराने की मांग की गई। कुछ लोगों ने योगी आदित्यनाथ से यह अपील किया कि वह अपना बुलडोजर मथुरा की मस्जिद पर चलाएं।
वर्डक्लाउडः
नीचे दिया गया वर्डक्लाउड हमें बताता है कि कौन से शब्द सबसे अधिक बार उपयोग किए गए थे। इन शब्दों में “योगी”, “मस्जिद”, “आदित्यनाथ”, “जिहादी”, “लाउडस्पीकर” और “बुलडोजर” आदि है।
ट्वीट करने वाले यूजर्सः
नीचे दिए गए ग्राफ़ से पता चलता है कि इस विषय पर ट्वीट करने वाले अकाउंट कौन थे। इसमें कुछ अकाउंट @RealPriyaRajput, @Bhagvadhari141, @hindurastra987, @MayurPa98074241 इत्यादि शामिल है।
शब्दों का इस्तेमालः
इन पोस्टों के साथ जो शब्द इस्तेमाल किए गए उनमें बुलडोजर, मस्जिद, लाउडस्पीकर, जिहादी और कटुआ या कटुए था। आपको बता दें कि कटुआ या कटुए शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम समाज के लोगों के लिए गाली के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
यूजर्स के ट्विटर बायो का वर्ल्डक्लाउडः
नीचे एक वर्ल्डक्लाउड दिया गया है, जो इस तरह की पोस्ट करने वाले यूजर्स के ट्वीटर बायो में लिखे गए शब्दों का है। उनमें से अधिकांश ने “सनातन”, “धर्म”, “योगी”, “श्रीराम” आदि शब्दों का प्रयोग किया है।
निष्कर्षः
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथियों के निशाने पर मुस्लिम समुदाय के लोग रहे। उनके खिलाफ ना सिर्फ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया, बल्कि उनकी इबादतगाहों को तोड़े जाने की बात कही गई। ऐसी पोस्टें भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हैं। इस तरह के भड़काऊ पोस्ट करना कानूनन जुर्म भी है। ट्वीटर और फेसबुक सहित तमाम सोशल मीडिया साइटों द्वारा घृणात्मक पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की जाती रही है, लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया की वर्चुअल दुनिया में नफरत और घृणा का प्रचार लगातार जारी है। एक अच्छे समाज के निर्णाण के लिए सोशल मीडिया पर फैले नफरत और अधकचरा ज्ञान का सफाया होना जरुरी है।