![](https://dfrac.org/wp-content/uploads/2022/01/WhatsApp-Image-2021-12-31-at-5.00.37-PM.jpeg)
![विकीलीक्स की सूची](https://dfrac.org/wp-content/uploads/2021/12/विकिलक्स.jpg)
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है। जिसमे दावा किया गया कि विकीलीक्स ने स्विस बैंकों में काला धन रखने वाले भारतीयों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में राहुल गांधी, अहमद पटेल, जयललिता, राजीव गांधी और अशोक गहलोत आदि का नाम है।
हालांकि ये दावा नया नहीं है। इससे पहले भी इस तरह का दावा किया जाता रहा है।
फैक्ट चेक:
उपरोक्त दावे की पड़ताल करने पर हमने पाया कि इस तरह की कोई जानकारी विकीलिक्स की आधिकारिक वेबसाईट https://wikileaks.org/ पर भी नहीं दी गई।
इस सबंध में हमारी टीम को सिर्फ 2011 में ‘दी इकनॉमिक टाइम्स’ पर प्रकाशित, विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का एक बयान मिला है। जिसमे उन्होने एक इंटरव्यू में कहा कि “हां, सूची में भारतीय नाम हैं।” असांजे ने खुलासा किया कि स्विस बैंकों और उनके गुप्त खाताधारकों की सूची का विवरण सौंपने के लिए उन्हें एक स्वैप सौदे की पेशकश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि विकीलीक्स के पास एक तीसरे पक्ष के माध्यम से एक प्रस्ताव था कि अगर वह डेटा लौटाता है, तो व्हिसलब्लोअर जूडिथ एल्मर को मुक्त कर दिया जाएगा।
![विकीलीक्स ट्वीट](https://dfrac.org/wp-content/uploads/2021/12/WIKILEAKS-TEWEET.jpg)
इसके अलावा विकीलिक्स के आधिकारी ट्विटर अकाउंट से 2011 में किया हुआ एक ट्वीट मिला। जिसमे साफ कहा गया कि विकीलीक्स ने कभी उन भारतीयों की सूची प्रकाशित नहीं की जिन्होंने स्विस बैंकों में काला धन जमा किया है।
बता दें कि, भारत सरकार Automatic Exchange of Information Pact (EOI) के तहत स्विट्जरलैंड सरकार से खातों की सूची प्राप्त करती है।
इस समझौते के बाद पहली बार भारत को सितंबर 2019 में अपने नागरिकों के स्विस बैंक खाते के विवरण की पहली सूची प्राप्त हुई थी। दूसरी सूची सितंबर 2020 में और तीसरी अक्टूबर 2021 में भेजी गई थी।
निष्कर्ष
अत: विकीलिक्स के नाम से स्विस बैंकों में काला धन रखने वाले भारतीयों की सूची जारी करने और इस सूची में राहुल गांधी, अहमद पटेल, जयललिता, राजीव गांधी और अशोक गहलोत आदि का नाम होने के दावा झूठा और फेक है।