
जम्मू-कश्मीर को भारत अपना अभिन्न अंग मानता है और यहां की घटनाओं और मुद्दों को भारत का आंतरिक मामला भी माना जाता है। लेकिन यहां होने वाली घटनाओं का असर व्यापक है। वह सरहद पार पाकिस्तान और यहां तक कि सात समुंदर पार तक असर डालती हैं। धारा-370 के खत्म होने के बाद कश्मीर की घटनाओं पर दुनिया की नजर और ज्यादा पैनी हो गई हैं। यहां की एक-एक घटना अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में रहती है।
कश्मीर पर विवादों की असलियत कुछ भी हो लेकिन यहां बहुत ज्यादा प्रोपेगैंडा भी है। जो कि सरहद पार पाकिस्तान से खूब प्रचारित और प्रसारित किया जाता है। वहां के सोशल मीडिया पर कश्मीर को लेकर तमाम भ्रामक पोस्ट किए जाते हैं, जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं होता है। हमारी टीम द्वारा इससे पहले भी एक रिपोर्ट (रिपोर्ट यहां पढ़ें ) किया गया है। जिसमें इन बातों पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा का खुलासा किया जा चुका है।
फेक दावा- एक
ट्वीटर पर नवीद नोमी नाम का एक पाकिस्तानी यूजर्स है। इसने अपने नाम में ही पाकिस्तान का झंडा लगा रखा है। उसने अपने बायो में बताया है कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है। इसने #RaiseVioceForKashmir हैशटैग से एक फोटो पोस्ट किया है। इस फोटो में कुछ लोग घायल और बीमार अवस्था में सड़क के किनारे बैठे हुए हैं। इस फोटो को कश्मीर का बताया जा रहा है।
:عرش سے ٹکرا گئ فرش کو ہلا گی
کشمیر کی ماوں کی آہیں ساری بھارت کو کھا گی۔ یہ کشمیریوں پر ظلم کا نتیجہ ہے pic.twitter.com/KK2Am7JSkp— NAVEED NOMI 🇵🇰 (@naveednomi52) December 12, 2021
फैक्ट चेक
नवीद नोमी द्वारा ट्वीटर पर किए दावे की पड़ताल पर सामने आया है कि यह वीडियो आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टन का है, जहां गैस लीक की वजह से हजारों लोग बीमार हो गए थे। 7 मई 2020 को नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर के मुताबिक विशाखापट्टन में गैस लीक होने की वजह से 5 हजार से ज्यादा लोग बीमार हो गए थे। वहीं इस संदर्भ न्यूज नेशन का भी वीडियो 7 मई 2020 का ही है, जिसमें इस घटना की रिपोर्टिंग की गई। इसलिए नवीद नोमी द्वारा किया गया दावा झूठा और भ्रामक है।
https://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/other-cities/3-persons-dead-after-chemical-gas-leakage-at-lg-polymers-industry-in-visakhapatnam/articleshow/75590346.cms
फेक दावा- दो
पाकिस्तान के कई ट्वीटर हैंडल्स द्वारा भारत की एक तस्वीर पोस्ट की गई है। इस फोटो में दिख रहा है कि कुछ प्रदर्शनकारी छात्र और छात्राएं हैं, जिनपर पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि ये फोटो कश्मीर का है और कश्मीरी पुलिस इन कश्मीरी छात्रों पर लाठीचार्ज कर रही है। एक यूजर्स ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा “#RaiseVioceForKashmir बहुत वर्षों से भारतीय शासकों ने भारतीय सेना को ये आदेश दे रखा है कि उन कश्मीरियों को प्रताड़ित करो, जिन्होंने भारत को स्वीकार नहीं किया है। कश्मीरी शहीद हो जाएगा लेकिन भारत पर भरोसा नहीं करेगा।”
फैक्ट चेक
पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किए जा रहे दावे की जब हमारी टीम ने प़ड़ताल की तो सच्चाई सामने आई। हमारी टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि पाकिस्तानियों द्वारा किया जा रहा फोटो झूठा और भ्रामक है। पाकिस्तानी यूजर्स ने जिस फोटो का इस्तेमाल किया है, वो कश्मीर का नहीं बल्कि भारत की राजधानी नई दिल्ली का है। ये फोटो 2012 में निर्भया गैंगरेप के बाद छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का है। इस प्रदर्शन में पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।
http://theanalyst007.blogspot.com/2013/01/delhi-gang-rape-society-missed-key.html
झूठा दावा- तीन
पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स एक फोटो को शेयर कर रहे हैं। इस फोटो में दिख रहा है कि एक महिला को कुछ पुलिसवाले उठाकर ले जा रहे हैं। पाकिस्तानी यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये लड़की कश्मीरी है। ये भी दावा किया जा रहा है कि धारा-370 हटने के दो साल बाद जब कश्मीरियों ने प्रदर्शन किया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है।
#RaiseVioceForKashmir
On August 5 this year, two years have passed since the end of the special security of Jammu and Kashmir, which was illegally ruled by India. These two years are a bitter reminder that our Kashmiri brothers ⏬@Sameer_Mughaal @TeamWPak_ pic.twitter.com/apxmz0ORKP— Muhammad Sameer 🇵🇰 (@Sameer_Mughaal) December 12, 2021
फैक्ट चेक
हमारी टीम ने पाकिस्तानी यूजर्स के इस फोटो और उनके दावों की पड़ताल की। फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर सामने आया कि यह तस्वीर भारत की ही है, लेकिन यह तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश की है, जहां समाज कल्याण छात्रावासों को बंद करने के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। इस को फोटो सीपीआई (एम) के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल द्वारा भी पोस्ट किया गया था। जिसके अनुसार एसएफआई के छात्रों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक बल प्रयोग किया गया था।
इस फैक्ट चेक से साबित होता है कि यह फोटो कश्मीर का नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश का है। इस फोटो का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स भारत विरोधी एजेंडा सेट कर रहे हैं।
Brutal Police assault on SFI protest against closing down of social welfare hostels in Andhra Pradesh. pic.twitter.com/5On6ou5rqC
— CPI (M) (@cpimspeak) July 26, 2016
इस फोटो में आप देख सकते हैं कि महिला पुलिसकर्मी के कंधे पर लगे बैज में आंध्र प्रदेश पुलिस लिखा हुआ है। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए हमने फोटो में जम्मू-कश्मीर पुलिस के बैज को भी लगा दिया है। आपको बता दें कि भारत में अगल-अगल राज्यों की पुलिस का अलग-अलग लोगो और बैज होता है।
हैशटैग का इस्तेमाल
पाकिस्तानी यूजर्स भारत के खिलाफ ट्वीटर पर कई हैशटैग के साथ फेक फोटो और वीडियो पोस्ट कर रहे थे। इन हैशटैग्स में सबसे ज्यादा #RaiseVioceForKashmir इस्तेमाल किया गया, जिसे 500 से ज्यादा बार पोस्ट किया गया। इसके बाद #Kashmir, #kashmirRejectsIndia और #India_terrorist हैशटैग्स हैं, जिन्हें पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा पोस्ट किया गया। नीचे दिया गया ग्राफ पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किए गए हैशटैग्स का ग्राफ और उनका विश्लेषण प्रदान करता है।
हैशटैग में Voice की गलत स्पेलिंग Vioce का इस्तेमाल
यहां हम अपने पाठकों को बता दें कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा ट्रेंड कराए गए हैशटैग #RaiseVioceForKashmir में स्पेलिंग की गलती थी। इन सोशल मीडिया अकाउंट्स ने Voice की गलत स्पेलिंग Vioce के साथ हैशटैग का इस्तेमाल किया था। अब आप समझ लीजिए कि पाकिस्तानी यूजर्स कितने पढ़े-लिखे रहे होंगे। दूसरी बात उभरकर सामने आती है कि इस टैशटैग को कॉपी-पेस्ट किया गया था। या फिर इस हैशटैग को वायरल कराने के लिए लोगों को हैशटैग सोशल मीडिया के जरिए भेजे गए होंगे, जिसे लोगों द्वारा पोस्ट किया गया था।
वर्डक्लाउड
यहां पर पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा ट्वीटर पर इस्तेमाल किए गए शब्दों का एक वर्डक्लाउड दिया गया है। जिससे पता चलता है कि वे कौन से शब्द थे, जो ट्वीट्स में सबसे ज्यादा बार इस्तेमाल किए गए थे।
मेंशन
पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा भारत के खिलाफ किए गए ट्वीट्स में कई अकाउंट्स ऐसे थे, जिन्हें बार-बार मेंशन किया गया था। मेंशन किए गए अकाउंट्स से यह तथ्य की जांच करने में मदद होती है कि यही अकाउंट्स वह खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस हैशटैग्स की शुरुआत या फिर भारत विरोधी एजेंडा को चलाते रहते हैं।
नीचे दिए गए ग्राफ़ से पता चलता है कि वे कौन से अकाउंट्स थे, जिनको ज्यादातर मेंशन किया गया था। इसमें @teamwpak_ शामिल है, जिसे 180 से अधिक बार टैग किया गया था। फिलहाल इस अकाउंट को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद @WarriorsSquad4 और @HaroonRawal क्रमशः 40 और 25 से अधिक बार टैग किए गए थे।
सबसे ज्यादा ट्वीट और रिप्लाई करने वाले अकाउंट्स की जांच
नीचे दिया गया ग्राफ़ उन यूजर्स को प्रदर्शित करता है, जिन्होंने अधिकतर ट्वीट किया या फिर रिप्लाई किया है। @WarriorsSquad4 ने इस हैशटैग का उपयोग करते हुए 40 से अधिक बार ट्वीट किया है, उसके बाद @Master_PTI ने लगभग 40 बार ट्वीट किया है। आपको बता दें कि ट्रेंडिंग टीम का प्रमुख @TeamWPak_ है।
रिट्वीट्स करने वाले अकाउंट्स की जांच
इस ग्राफ में हमने रिट्वीट्स करने वाले अकाउंट्स की जांच की है। @WarriorsSquad4 ने सबसे अधिक 240 बार रीट्वीट किया है, उसके बाद @RukhsarQadir1 और @Bemine2330 ने क्रमशः 75 और 65 से अधिक बार रीट्वीट किया है। इस रिट्वीट के ट्रेंड से पता चलता है कि इन्होंने इस हैशटैग को ट्रेंड में लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्वीट, रिट्वीट और रिप्लाई कर रहे थे।
हैशटैग में शामिल ट्विटर अकाउंट
नीचे दिए गए ग्राफ़ से पता चलता है कि कौन से बड़े अकाउंट थे, जो इस हैशटैग को ट्रेंड कराने में शामिल थे। इन्हीं अकाउंट्स ने इन हैशटैग्स का उपयोग करके ट्वीट, रिट्वीट और रिप्लाई किया था। इनमें से प्रमुख अकाउंट के तौर पर @MazharAbbasFan है, जिसके 30,000 से अधिक फॉलोवर्स हैं। इसके बाद @AyazAmirFan है, जिसके लगभग 20,000 फॉलोवर्स हैं। @RealPahore अकाउंट के 13,000 से अधिक फॉलोवर्स हैं। इसके अलावा कई कम फॉलोवर्स वाले अकाउंट्स भी इस हैशटैग को ट्रेंड कराने में शामिल थे।
निष्कर्ष
हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए फेक फोटो, तथ्यहीन खबरें और भ्रामक सामग्रियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। इसके अलावा पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा कॉपी-पेस्ट बड़े पैमाने पर किया गया है। इस विश्लेषण से ये भी सामने आ रहा है कि भारत विरोधी एजेंडा कश्मीर की जनता को प्रभावित करने और पाकिस्तानी नागरिकों को गुमराह करने के लिए चलाया गया था।
हम आपको बता दें कि DFRAC की कोशिश सोशल मीडिया पर फैलाए जा दुष्प्रचार और फेक खबरों के प्रसार को उजागिर करना है। हमारी कोशिश फेक समाचारों की पड़ताल कर सच्ची खबर आप तक पहुंचाना है। हमने लगातार हेट न्यूज, फेक न्यूज और भ्रामक सामग्रियों का लगातार खुलासा किया है। पाठकों से अपील है सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे हेट और फेक सामग्रियों के झांसे में ना आएं। दूसरी बात कि किसी भी वायरल कराए जा रहे ट्रेंड की सच्चाई का पता करके ही उसमें शामिल होइए, वरना ये आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकता है।