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फैक्ट चेकः देवरिया में बाबा साहब की मूर्ति तोड़ने की वर्ष 2019 की घटना की न्यूज कटिंग भ्रामक दावे के साथ वायरल

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया पर हिन्दी अखबार ‘अमर उजाला’ की एक न्यूज कटिंग शेयर की जा रही है। अखबार की इस न्यूज कटिंग में शीर्षक लिखा है, “मुस्लिमों की भीड़ ने आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी, दलितों को पिटा”। सोशल मीडिया यूजर्स इस न्यूज कटिंग को शेयर कर समाजवादी पार्टी के PDA समीकरण पर निशाना साध रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- “उत्तर प्रदेश में देवरिया P__ पुर्वांचल की स्थिति बदल रही है D__अंबेडकर की मूर्ति तोड़ी, दलित लड़की से छेड़छाड़ और मारा A __ मुस्लिमों की भीड़ ने”

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वहीं कुछ यूजर सवाल कर रहे हैं कि क्या यह खबर बीएसपी सुप्रीमो मायावती और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद तक पहुंच सकती है? वहीं कई यूजर्स इस न्यूज कटिंग को शेयर कर मायावती और चंद्रशेखर आजाद पर तंज कस रहे हैं।

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फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने पाया कि वायरल न्यूज कटिंग ‘अमर उजाला’ अखबार की है। इस न्यूज कटिंग में घटना देवरिया जिले के गौरीबाजार के महुअवां गांव की बताई गई है। इसके अलावा आरोपी का नाम रहमत अली लिखा है। हमारी टीम ने इस घटना के संदर्भ में गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें ‘अमर उजाला’ की 21 अप्रैल 2019 की प्रकाशित दो न्यूज रिपोर्ट मिली। जिसमें घटना का विवरण दिया गया है।

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इस रिपोर्ट के अनुसार- “गौरीबाजार के करजहां गांव के महुअवा टोले में अनुसूचित जाति के लोगों की बस्ती है। गांव के ही एक अन्य टोले से दूसरे वर्ग के एक युवक ने गुरुवार की रात अनुसूचित बस्ती के एक घर में घुसकर किशोरी से छेड़खानी की। किशोरी के शोर मचाने पर घरवालों की नींद खुली तो युवक धमकी देते हुए भाग गया। शुक्रवार की रात युवक फिर से किशोरी के घर में घुस गया। परिवार के लोगों ने उसे दौड़ाया तो वह भाग खड़ा हुआ। कुछ ही देर बाद वह दर्जनों युवकों के साथ लाठी-डंडे से लैस होकर पहुंचा और किशोरी समेत घर वालों की पिटाई की। शोर सुनकर मोहल्ले के लोग जुटे तो उन्हें भी दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। करीब एक घंटे तक उनका उत्पात जारी रहा। लौटते समय बस्ती में लगी आंबेडकर प्रतिमा भी तोड़ दी। पिटाई से किशोरी, उसकी मां, एक दिव्यांग समेत करीब 20 लोग घायल हो गए।”

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वहीं हमारी टीम ने पाया कि वायरल अखबार की कटिंग को साल 2019 और 2020 में भी कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था।

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निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल न्यूज कटिंग हाल-फिलहाल की नहीं है, बल्कि देवरिया जिले में अप्रैल 2019 में हुई घटना की है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।