सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ कटिंग वायरल हो रही है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हिन्दू युवकी ने बलात्कार और धर्मांतरण की धमकी देने पर 6 मुस्लिम युवको के सिर काट दिये और युवकों के शव एक मंदिर से बरामद हुए।
वायरल न्यूज़ कटिंग में लिखा है – ‘बलात्कार और धर्मांतरण की धमकी देने पर 6 मुस्लिम युवको का गला काट दलित हिंदू युवती फरार ; बाबतपुर स्थित काली मंदिर से 6 कटे सिर बरामद’
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बाबतपुर वाराणसी : 13 जून को सुबह बाबतपुर के प्राचीन काली मंदिर में 6 कटे सिर मिलने से क्षेत्र मे सनसनी फैल गई। बाबतपुर थाना, वाराणसी : कार्यालय रोड कचहरी के हेमंतपुर गांव में आधी रात को दिल देहला देने वाली हत्या सामने आई है। बलात्कार की धमकी से परेशान एक दलित हिंदू लड़की ने आधी रात को सोते समय 6 मुस्लिम युवकों के सिर काटे और उनको प्राचीन काली मंदिर को अर्पित कर लापता हो गई । परीजनो का कहना है कि उनके पहले कई बार बाबतपुर थाने में शिकायत की थी लेकिन पुलिस की तरफ से दलित लड़की को कोई सुरक्षा नहीं दीया गया और ना ही मुस्लिमो पर कार्रवाई की गई।आखिरकार प्रशासन से कोई मदद ना मिलने पर खुद के आत्मसम्मान और धर्म की रक्षा के लिए बेटी ने ऐसा किया” । हालांकि पुलिस आरोपी युवती की तलाश कर रही है।
कई अन्य यूजर ने इस कटिंग को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
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वायरल दावे की सत्यता की जांच के लिए DFRAC टीम ने गूगल पर इस खबर से जुड़े कीवर्ड सर्च किये। लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज़ नहीं मिली। हालांकि हमें इस दौरान गोमती जोन के डीसीपी की ओर से चेतावनी भरा ट्वीट मिला। जिसमे इस खबर का खंडन किया गया है।
ट्वीट के साथ पोस्ट किये गए पोस्टर में कहा गया कि कृपया ध्यान दें। कतिपय ट्वीटर हैंडलों द्वारा एक फेक न्यूज को पोस्ट कर वायरल किया जा रहा है जिसमें “बलात्कार व धर्मान्तरण की धमकी देने पर 06 मुस्लिम युवकों का गला काट दलित हिंदू युवती फरार; बाबतपुर स्थिल काली मंदिर से 06 सिर बरामद” होना बताया जा रहा है, जो पूर्णतया असत्य है। वाराणसी गोमती ज़ोन के थाना फूलपुर अंतर्गत चौकी में ऐसी कोई भी घटना घटित नहीं हुई है। वाराणसी पुलिस इस असत्य भ्रामक खबर का खण्डन करती है। कृपया इस प्रकार के असत्य व भ्रामक पोस्ट को साझा न करें। वाराणसी पुलिस द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है, ऐसे पोस्ट को शेयर करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
इसके अलावा हमने UP TAK के ट्विटर हैंडल को चेक किया तो हमें वहां इस बारे में कोई खबर नहीं मिली। बल्कि इसके विपरीत 19 जून को इस खबर के खंडन में एक ट्वीट मिला। जिसमे इस खबर को काल्पनिक करार देते हुए असत्य और भ्रामक बताया गया।
ट्वीट में कहा गया, सोशल मीडिया पर यूपी Tak के नाम (Logo) के साथ फैलाई जा रही ये काल्पनिक ख़बर पूर्णतया असत्य एवं भ्रामक है। कृपया ऐसी भ्रामक ख़बरों पर ध्यान न दें। वारणसी कमिश्नरेट ने भी इस ख़बर का खंडन किया है। पुलिस ऐसे पोस्ट को शेयर करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करेगी। #UPTak #FakeNews #UttarPradesh
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि बलात्कार और धर्मांतरण की धमकी देने पर 6 मुस्लिम युवको का गला काट कर दलित हिंदू युवती के फरार होने का दावा फेक है। क्योंकि ये एक काल्पनिक और असत्य खबर है।