फ़ैक्ट चेक: क्या दीपिका के पास है दोहरी नागरिकता? शाहरुख़ भारत में कोई समाज सेवा नहीं करते?

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फ़िल्म पठान अगले साल 25 जनवरी को रिलीज़ होने को है। गाना,“बेशर्म रंग” में दीपिका पादुकोण के भगवा रंग के ड्रेस के कारण इस फ़िल्म का विरोध हो रहा है। शाहरुख़ ख़ान और दीपिका को लेकर तरह तरह के दावे किये जा रहे हैं। इन्हीं में एक दावा ये भी है कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण दोहरी नागरिकता रखती हैं। 

अखिलेश पुरोहित नामक यूज़र ने फ़सबुक पर एक पोस्ट कर दो दावे किये हैं: पहला, दीपिका डैनिश (डेनमार्क) नागरिकता के साथ दोहरी नागरिकता रखती हैं। दूसरे, शाहरुख़ ख़ान भारत में कोई समाज सेवा नहीं करते हैं जबकि पाकिस्तान में करोड़ों रूपये का दान करते हैं।

 

इसी तरह डॉ. भावना सिन्हा नामक एक अन्य यूज़र ने भी फ़ेसबुक पोस्ट में यही दावा किया है। 

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फ़ैक्ट चेक: 

उपरोक्त दावे की सच्चाई जानने के लिए DFRAC की टीम ने गूगल पर कुछ ख़ास की-वर्ड की मदद से एक सिंपल सर्च किया। इस दौरान हमें अलग अलग मीडिया हाउसेज़ द्वारा पब्लिश कई रिपोर्ट्स मिलीं।

शीर्षक, “दीपिका पादुकोण अपनी नागरिकता पर: कन्फ्यूज़ ना हों, मुझे भारतीय होने पर गर्व है” (हिंदी अनुवाद) के तहत पब्लिश इंडिया टूडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपिका पादुकोण की नागरिकता को लेकर क़यास लगाए जा रहे थे क्योंकि उनका जन्म डेनमार्क में हुआ था। हालांकि एक्ट्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 में वोट डालकर सारा भ्रम दूर कर दिया है।

विकीपीडिया पेज के अनुसार दीपिका पादुकोण का जन्म 5 जनवरी 1986 को कोपेनहेगन, डेनमार्क में एक सारस्वत ब्राह्मण परिवार में कोंकणी भाषी माता-पिता के यहाँ हुआ था। उनके पिता, प्रकाश पादुकोण, एक पूर्व पेशेवर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और उनकी माँ, उज्जला, एक ट्रैवल एजेंट हैं।

वेबसाइट bollywood.asia द्वारा पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक दीपिका पादुकोण का जन्म 5 जनवरी 1986 को कोपेनहेगन, डेनमार्क में हुआ था। जब वो 11 महीने की थी तब उनके माता-पिता भारत लौट आए। तब से वह बैंगलोर में पली-बढ़ी है। वह अपने माता-पिता के साथ 10 साल की उम्र में डेनमार्क गई थी। उसके बाद से दीपिका कभी भी डेनमार्क नहीं गई, यहां तक कि किसी संगीत समारोह या फिल्म की शूटिंग के लिए भी नहीं।

आगे इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपिका डेनिश नागरिक नहीं है क्योंकि डेनिश कानून के अनुसार, यदि बच्चा डेनमार्क में पैदा हुआ है और कम से कम माता-पिता में से एक के पास डेनिश नागरिकता है तो बच्चा जन्म के समय डेनिश नागरिक हो सकता है। यदि कोई बच्चे के रूप में भी प्राकृतिक नागरिक है, तो उस नागरिकता को कभी भी निरस्त नहीं किया जा सकता है। दीपिका पादुकोण का जन्म डेनमार्क में हुआ था लेकिन उस समय उनके माता-पिता में से कोई भी डेनिश नागरिक नहीं था। उनके पिता प्रकाश पादुकोण शायद बैडमिंटन की कोचिंग कर रहे थे और माँ उज्जला पादुकोण एक ट्रैवल एजेंसी में काम कर रही थीं। वे कैंट्रेक्ट नौकरी पर थे। 

हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा पब्लिश रिपोर्ट में भी बताया गया है कि-दीपिका पादुकोण ने मुंबई में अपना वोट डाला और अपनी नागरिकता के बारे में अफवाहों पर ट्वीट किया, ‘कभी संदेह नहीं किया कि मैं कौन हूं, मैं कहां से हूं’

शाहरुख़ भारत में कोई समाज सेवा नहीं करते?

DFRAC टीम ने इस संदर्भ में कुछ ख़ास की-वर्ड की मदद से सर्च किया। हमने पाया कि आज तक द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक़-एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा था कि अपनी चैरिटी और डोनेशन्स को लेकर बात करना पसंद नहीं करते हैं।

वेबसाइट oneindia.com की रिपोर्ट के अनुसार- शाहरुख खान को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की दावोस में होने वाली 48वीं वार्षिक बैठक में क्रिस्टल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। शाहरुख खान को ये सम्मान ‘बिखरी दुनिया साझा भविष्य’ बनाने की थीम के तहत उनकी चैरिटी के लिए दिया गया।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि- शाहरुख खान को भारत में बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के बचाव में अपने एनजीओ मीर फाउंडेशन द्वारा किए गए काम के लिए चुना गया है। शाहरुख गैर-लाभकारी मीर फाउंडेशन के संस्थापक हैं, जो चिकित्सा उपचार, कानूनी सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण, पुनर्वास और आजीविका समर्थन के माध्यम से एसिड हमलों में महिला पीड़ितों को सहायता प्रदान करता है।

वहीं नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार शाहरुख खान को मानवता के लिए किए गए प्रयासों के लिए मेलबर्न की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी ने उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। साल 2009 में उन्होंने उड़ीसा के 5 गांवों को गोद लिया था और सालों से अंधेरे में जी रहे इन गांवों में इलेक्ट्रिसिटी पहुंचाई और इन्हें रौशन कर दिया।

शाहरूख़ का ये ट्वीट भी उनके मानवीय प्रयासों को उजागर करने का मुंह बोलता सुबूत है। 

निष्कर्ष: 

DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि बॉलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण के पास दोहरी नागरिकता नहीं है और शाहरुख़ ख़ान मानवीय मदद में हिस्सा लेते हैं, इसलिए यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।