मार्च 29, 2024

फैक्ट चेकः पाकिस्तान में नरेंद्र मोदी की जीत का जश्न मनाने की सच्चाई

Pakistan

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) की जीत का जश्न मनाया गया है। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि बलूचिस्तान में रहने वाले पाकिस्तानियों को उम्मीद है कि मोदी के पीएम बनने के बाद बलूचियों को पाकिस्तान से आजादी मिल सकेगी।

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ये लोग बीजेपी के झंडे के साथ जश्न मना रहे हैं। इस वीडियो में बुर्का पहने मुस्लिम महिलाएं दिख रही हैं।

इस वीडियो को शेयर करते हुए प्रोफेसर एस. वेणुगोपालन ने लिखा- “मोदी की जीत का जश्न सीमा पार मनाया जा रहा है, जिन्हें ताजी सांस लेने में उनकी मदद की जरूरत होगी। देखो तुम लोग! अमित शाह जी आपकी चिंताओं का ध्यान रखेंगे।” इस वीडियो पर हिन्दी में टेक्स्ट लिखा है- “यह भारत में नहीं, पाकिस्तान में है (बलूचीस्थान)”

 

फैक्ट चेकः

वीडियो की सत्यता की पुष्टि के लिए हमने इससे संबंधित न्यूज के लिए गूगल पर सर्च किया। लेकिन हमें बलूचिस्तान में बीजेपी की जीत पर जश्न मनाने से संबंधित कोई न्यूज नहीं मिली। इसके बाद हमने वीडियो की पड़ताल शुरु की तो सामने आया कि यह वीडियो 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान का है।

यह वीडियो हमें बीजेपी नेता सोफी युसुफ के ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की गई मिली। सोफी युसुफ के इस वीडियो को 30 मार्च 2019 को पोस्ट किया था। पोस्ट के मुताबिक वह जब जम्मू-कश्मीर की अनंनतनाग सीट से पर्चा दाखिल करने जा रहे थे, तब उनके समर्थकों ने यह नारेबाजी की थी।

 

वहीं इस वीडियो को जम्मू-कश्मीर बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया गया था। इस पोस्ट में लिखा है- “#फिरएकबारमोदीसरकार- अनंतनाग में मोदी मोदी नारेबाजी के बीच भाजपा के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार श्री सोफी युसूफ ने महिलाओं सहित हजारों समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया।”

निष्कर्षः

हमारी फैक्ट चेक से सामने आया कि वीडियो पाकिस्तान के बलूचिस्तान का नहीं बल्कि भारत के जम्मू-कश्मीर का है और बीजेपी झंडे के साथ जश्न मना रहे लोग पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारतीय ही हैं। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा झूठा और भ्रामक है।

दावा- पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मोदी की जीत का जश्न

दावाकर्ता- प्रोफेसर एस. वेणुगोपालन

फैक्ट चेक- भ्रामक

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