पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओ के खिलाफ हिंसा की वारदात रिपोर्ट की जा रही हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, वीडियो में देखा जा सकता है कि एक स्क्रीन पर बाबरी मस्जिद से संबंधित कंटेंट दिखाया जा रहा है। यूजर्स यह वीडियो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में बड़े बड़े स्क्रीन लगाकर धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है।
एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “बांग्लादेश में बड़े-बड़े स्क्रीन लगाकर धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है। लेकिन हमारे देश में क्या हमारी सरकार ऐसा कुछ करने की हिम्मत कर सकती है? यहां तो हम व्हाट्सएप पर कुछ भी पोस्ट करें, हमारे अपने ही लोग बुरा मान जाते हैं। फिर हमें कौन बचाएगा?”
इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा किया है। जिसे यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह वीडियो SDPI Kalwa Mumbra नामक यूट्यूब चैनल पर 6 दिसंबर 2024 को अपलोड मिला। यहां वीडियो के टाइटल में लिखा है, “बाबरी मस्जिद टाइमलाइन एग्जिबिशन | दारुल फलाह में एसडीपीआई मुंब्रा | इतिहास के माध्यम से एक यात्रा”। SDPI (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) भारत का एक राजनीतिक दल है। जो भारत के अलग अलग राज्यों में होने वाले चुनावों में हिस्सा लेता है।
इसके अलावा एक अन्य यूट्यूब चैनल Real Talk India (RTI) News नामक यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो 6 दिसंबर को अपलोड किया गया है।
साथ ही यह वीडियो हमें sdpi_mumbra के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी मिला।
जबकि sdpi_mumbra के पेज पर ही एक वीडियो में लोगों से बाबरी मस्जिद एग्जिबिशन में शामिल होने की अपील की गई है। वीडियो के साथ यहां लिखा गया है, “एसडीपीआई मुंब्रा कलवा के जेंरे एहतिमाम एक एग्जिबिशन का इनेकाद किया गया है जो बाबरी मस्जिद की टाइमलाइन को तफ्सील से समझाता है। 6 दिसंबर को जुमे के दिन दारुल फलाह मस्जिद के बाहर यह प्रोग्राम आयोजित होगा।”
हमने एसडीपीआई मुंब्रा कलवा जनरल सेक्रेट्री सरफराज शेख से संपर्क किया। उन्होने हमें बताया कि वायरल वीडियो मुंब्रा से है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का नहीं है बल्कि एसडीपीआई मुंब्रा द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वसं की याद में 6 दिसंबर 2024 को मुंब्रा, महाराष्ट्र में आयोजित एक प्रोगाम का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।