सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। ये तस्वीर एक मूर्ति की है। दावा किया जा रहा है कि ये मूर्ति अल्लाह की है। इस तस्वीर को कई यूजर ने शेयर किया है। इस तस्वीर पर लिखा है कि अल्लाह की मूर्ति पुरातत्वविदों को सऊदी अरब के रेगिस्तान में कहीं कलाकृतियाँ मिली हैं, जो कुरान और हदीस में अल्लाह के वर्णन से मेल खाती हैं।
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X (ट्विटर) पर वेरिफाइड यूजर विभोर आनंद ने इस तस्वीर को शेयर कर लिखा कि क्या तुमने अल्लाह को देखा है?
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वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, कुरान और हदीस में वर्णित अल्लाह की मूर्ति! कई अन्य यूजर ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है।
फैक्ट चेक:
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वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। परिणामस्वरूप ये तस्वीर हमें पीटर मॉर्टन के एक ब्लॉग में मिली। जहां इस तस्वीर को केपशन दिया गया “पाज़ुज़ू डेमन सुपरस्टार।”
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आगे की जांच में हमें पता चला कि मूर्ति पाज़ुज़ू का प्रतिनिधित्व करती है, जो एक प्राचीन असीरियन दानव है। जिसे “द एक्सॉर्सिस्ट” (1973) में एक छोटी लड़की को वश में करने वाले दानव के रूप में दिखाया गया था। पाज़ुज़ू एक ऐसा दानव था जिसे जन्म देने वाली माताओं और शिशुओं को दानव लामाश्टू के द्वेष से बचाने के लिए बुलाया जाता था।
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इसके साथ ही हमने पाज़ुज़ू से जुड़ी और जानकारी एकत्रित की। इस बारे में हमें ब्रिटानिका इनसाइक्लोपीडिया में पाज़ुज़ू पर विस्तृत जानकारी मिली। जिसमे बताया गया कि मेसोपोटामिया के धर्म में पाज़ुज़ू, पवन राक्षसों का राजा, हनपा का पुत्र और हुम्बाबा (हुवावा) का भाई है। अनुयायियों का मानना था कि पाज़ुज़ू मनुष्यों को अन्य राक्षसों से दूर रखने में मदद करता था। पाज़ुज़ू का सबसे पहला पुरातात्विक साक्ष्य – निमरुद (वर्तमान मोसुल, इराक के पास) में दफन एक शाही महिला की कब्र में पाया गया – 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व का है। पाज़ुज़ू की छवियाँ पूरे प्राचीन मध्य पूर्व में पाई गई हैं, जो पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व की हैं, जिसमें नव-असीरियन, नव-बेबीलोनियन और देर से बेबीलोनियन काल शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इस्लाम धर्म में अल्लाह को निराकार माना गया है। यानि अल्लाह का कोई शरीर नहीं है। अल्लाह की कोई छवि नहीं है। इस्लाम धर्म में मूर्ति को भी वर्जित माना गया है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल दावा फेक है। क्योंकि वायरल तस्वीर अल्लाह की नहीं बल्कि पाज़ुज़ू की मूर्ति की है।