प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से अमेरिकी में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर दावा किया गया है कि रूस के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन को भारत तोपखाने, टैंक और गोला-बारूद की नई खेप मुहैया कराएगा।
एक यूजर ने लिखा, “रूस के खिलाफ लड़ने के लिए भारत यूक्रेन को तोपखाने और टैंक गोला-बारूद की नई खेप मुहैया कराएगा। हाल ही में पीएम मोदी ने अमेरिका में यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात की।” (हिन्दी अनुवाद)
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने जांच में पाया कि यह दावा फेक है। भारत की तरफ से यूक्रेन को हथियार सप्लाई के संदर्भ में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पीएम मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात में ऐसी कोई डील नहीं हुई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज के अनुसार, “पीएम नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में भविष्य के शिखर सम्मेलन के अवसर पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री की हाल की यूक्रेन यात्रा को याद किया और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सुदृढ़ीकरण पर संतोष व्यक्त किया। यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के तरीके पर भी उनकी चर्चाओं में प्रमुखता से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कूटनीति और संवाद के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच जुड़ाव के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने बताया कि भारत संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने साधनों के भीतर सभी प्रकार का समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है।”
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी पीएम मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात के बारे में ट्विट किया है। हालांकि उनके ट्विट में भी कहीं भी हथियारों की सप्लाई का जिक्र नहीं है।
इसके अलावा कुछ दिन पहले ही यूक्रेन को भारतीय हथियारों की सप्लाई के संदर्भ में एक फेक न्यूज फैलाई गई थी। जिसका खंडन रणधीर जायसवाल ने किया था। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत ने मीडिया में आई उस खबर को गलत करार दिया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप और गोले यूरोपीय ग्राहकों ने यूक्रेन भेजे हैं। भारत ने इसे रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर किया गया दावा फेक है। भारत की तरफ से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।