सोशल मीडिया पर नॉर्डिक देश फिनलैंड को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है कि फिनलैंड ने मुस्लिम घुसपैठियों को अपने देश में आने से रोकने के लिए एक कानून बनाया है।
Epanchjanya नामक सोशल मीडिया अकाउंट ने फिनलैंड के हवाले से दावा करते हुए लिखा , “बड़ी खबर ! मुस्लिम घुसपैठियों के खिलाफ फ़िनलैंड ने बनाया कानून ! अपने देश में एक भी मुस्लिम घुसपैठिया को घुसने नहीं देगा। सीरिया, ईरान, अफ्रीका, सोमालिया से आने वाले घुसपैठियों के खिलाफ संसद में पास किया कानून। फिनलैंड में अब बॉर्डर गार्ड को होगा अधिकार, बॉर्डर पर ही घुसपैठियों को रोक सकेंगे। छिपकर फ़िनलैंड में घुसने वालों ढूंढकर देश से बाहर निकालने की तैयारी में फ़िनलैंड सरकार।“
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किया , हमें Indian Express, brusselstimes, euronews सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।
Brusselstimes की रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड की संसद ने एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है, जिसके तहत सीमा रक्षकों को कुछ परिस्थितियों में, शरणार्थियों के आवेदन पर विचार किए बिना, देश की पूर्वी सीमा पर प्रवेश देने से इंकार करने की अनुमति दी गई है। यह अस्थायी कानून पिछले साल रूस की सीमा पर शरणार्थियों के आने की बढ़ती संख्या के बाद आया है। यह कानून 31 मतों के मुक़ाबले 167 मतों से पारित हुआ है।
जबकि euronews की रिपोर्ट में बताया गया है, कि फ़िनिश सांसदों ने एक विवादास्पद विधेयक को मंज़ूरी दी है, जो सीमा रक्षकों को पड़ोसी रूस से आने वाले तीसरे देश के प्रवासियों को वापस भेजने की अनुमति देगा। हालांकि, सीमा रक्षक कथित तौर पर बच्चों, विकलांग लोगों और ऐसे किसी भी प्रवासी को प्रवेश देने से मना नहीं करेंगे, जिन्हें सीमा रक्षकों द्वारा विशेष रूप से असुरक्षित स्थिति में माना जायेगा।
इस विधेयक का उद्देश्य नॉर्डिक राष्ट्र में प्रवासियों के प्रवेश को रोककर अस्थायी उपाय लागू करना है, क्योंकि हेलसिंकी रूस की ओर से आ रहे प्रवासियों को “हाइब्रिड युद्ध” के रूप में देखता है।इस विधेयक पर फिनलैंड की सरकार का कहना है कि मास्को आप्रवासन की बाढ़ को बढ़ावा देने के लिए बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को दोनों देशों की सीमा पर भेज रहा है।जबकि फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तर्क दिया कि रूस द्वारा जानबूझकर प्रवासियों को कड़ी सुरक्षा वाली सीमा पर भेजने की चालों से निपटने के लिए यह कानून लाना जरूरी था।
इसके अलावा Indian Express की रिपोर्ट में भी brusselstimes और euronews के जैसी ही जानकारी दी गई है, और बताया गया है कि फ़िनलैंड के सांसदों ने एक विवादास्पद विधेयक को मंजूरी दी है, जो सीमा रक्षकों को पड़ोसी रूस से प्रवेश करने का प्रयास करने वाले तीसरे देश के प्रवासियों को वापस भेजने और उनके शरण आवेदनों को अस्वीकार करने की अनुमति देगा। सरकार के इस विधेयक का उद्देश्य नॉर्डिक राष्ट्र में प्रवेश करने से प्रवासियों को रोकने के लिए अस्थायी उपाय पेश करना है।
निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि फिनलैंड ने रूस बॉर्डर से आने वाले तीसरे देश के आप्रवासियों के लिए एक विधेयक पारित किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं भी मुस्लिम घुसपैठियों का ज़िक्र नहीं किया गया है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर का दावा भ्रामक है।