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सोशल मीडिया यूजर्स शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की कुछ तस्वीरें शेयर कर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने अली मौला की मजार पर माथा टेका है। दरअसल राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को शास्त्र सम्मत न होने की बात कहकर शंकराचार्य इसमें शामिल नहीं होंगे।
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फ़ैक्ट-चेक:
फोटो को रिवर्स सर्च करने पर DFRAC टीम को emanch नामक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिला,जिसमें बताया गया है कि यह तस्वीरें 17 वर्ष पुरानी हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने 2006 में ‘रामसेतु रक्षा मंच’ के बैनर तले दिल्ली में हुई एक रैली का नेतृत्व किया था।
इस अवसर पर ब्रह्मलीन ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य पूज्यपाद स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आदेशानुसार अविमुक्तेश्वरानंद ने 2006 में दिल्ली स्थित स्वामी रामानंद की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए थे।
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वहीं, इस फेसबुक पेज पर दिए फोन नंबर पर हमने कॉल किया। फोन उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को ज्योतिर्मठ का CFO मदन मोहन उपाध्याय बताया। उन्होंने बताया कि तस्वीरों को संदर्भहीन रूप से शेयर किया जा रहा है। उन्होंने हमें ज्योतिर्मठ के CEO प्रकाश उपाध्याय का फ़ोन नंबर दिया।
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प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि स्वामी रामानंद की समाधि रामलीला मैदान से 1.5 किलोमीट दूर स्थित है, जिस पर अविमुक्तेश्वरानंद ने 2006 में श्रद्धा सुमन अर्पित किया था।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि शंकराचार्य की तस्वीरें 2006 में स्वामी रमानंद की समाधि की हैं। इसलिए, सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।