भारत पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। राजधानी नई दिल्ली में समिट की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और दुनिया के ताकतवर नेताओं के आगमन का इंतजार हो रहा है। दुनिया के लिहाज से देखें तो विकसित हो रही नई वैश्विक अर्थव्यवस्था को जी-20 में एक ऐतिहासिक मोड़ दिया जा सकता है, तथा एक समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य-उन्मुख और निर्णायक जी-20 का भारत अगुवाई कर सकता है। इसके अलावा भारत में हो रही जी-20 बैठक दुनिया के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बैठक ऐसे वक्त में होने जा रही है, जब अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आए हैं। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष और ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव रहे हैं। जी-20 की इस बैठक पर अफ्रीकन यूनियन के साथ-साथ पूरी दुनिया की भी नजर है, क्योंकि भारत ने जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है, जिसका जी-20 के कई देशों ने समर्थन भी किया है।
इन सबके बीच इस महत्वपूर्ण बैठक को लेकर तमाम देशों खासतौर पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से सोशल मीडिया पर जमकर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। पड़ोसी मुल्क के यूजर्स खालिस्तान आतंकियों और फेक न्यूज का सहारा लेते हुए जमकर झूठ फैला रहे हैं। इस झूठ में पाकिस्तान सेना के रिटायर्ड बड़े अधिकारियों से लेकर मीडिया संस्थान तक शामिल हैं। इस रिपोर्ट में हम खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तान के सोशल मीडिया यूजर्स के नेक्सस का विशेषण करेंगे। इस रिपोर्ट में हम निम्नलिखित बिंदूओं को कवर कर रहे हैं-
- खालिस्तानियों का जी-20 के विरोध में ट्विटर स्टॉर्म
- जी-20 पर SFJ आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की भारत को धमकी
- खालिस्तान के समर्थन में पाकिस्तानी अधिकारी और यूजर्स
- भारत में आयोजित जी-20 के विरोध में शामिल विदेशी संगठन
1. खालिस्तानियों का जी-20 के विरोध में ट्विटर स्टॉर्मः
पिछले दिनों नई दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर खालिस्तान के समर्थन में स्लोगन लिखे गए थे। ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) की तरफ से लिखे गए स्लोगन में दावा किया गया था कि दिल्ली बनेगा खालिस्तान। इस स्लोगन वाले वीडियो के साथ एसएफजे के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत को धमकी देता हुआ नजर आता है और जी-20 देशों को भी आगाह करता है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू के इस वीडियो को कैप्शन- “#G20India2023 #दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर खालिस्तान आरपीजी का हमला- “9/11 तक #G20 के लिए लड़ाई जारी है”-SFJ” लिखा गया है। इसके साथ एसएफजे के लेटर हेड पर एक संदेश भी लिखा गया है।
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की पोस्ट को शेयर करने के लिए कई बॉट अकाउंट्स बनाए गए हैं। DFRAC ने जांच के दौरान इन बॉट अकाउंट्स का विश्लेषण किया है। एसएफजे की पोस्ट और हैशटैग को शेयर करने के लिए बहुत ही कम समय में हजारों कॉपी-पेस्ट ट्वीट किए गए।
नीचे दी गई सूची, उन बॉट अकाउंट्स की है, जो SFJ के नरेटिव को आगे बढ़ा रहे हैं। हम यहां पर उन बॉट अकाउंट्स की यूजर आईडी, यूजरनेम, नाम और क्रिएट किए जाने के महीने का विवरण प्रदान कर रहे हैं।
खालिस्तान का समर्थन वाले पोस्टर का कॉपी पेस्ट पैटर्नः
एसएफजे के इस पोस्टर और गुरपतवंत सिंह के वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स एक ही कैप्शन को कॉपी-पेस्ट कर रहे थे। इन यूजर्स द्वारा ना सिर्फ पोस्ट किए जा रहे थे, बल्कि उन्हें रिट्वीट किया जा रहा था। एक-एक यूजर द्वारा करीब 400 से 500 ट्वीट किए गए हैं। कुछ यूजर्स तो ऐसे हैं, जिन्होंने 1000 से ज्यादा ट्वीट किए हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ये यूजर्स हैशटैग को ज्यादा से ज्यादा ट्वीट और रिट्वीट के जरिए ट्रेंड में लाना चाहते थे। जिन 16 यूजर्स का डाटा DFRAC को प्राप्त हुआ है, उन यूजर्स की टाइम लाइन पर सिर्फ इसी प्रकार के पोस्ट को ट्वीट और रीट्वीट में देखा जा सकता है। नीचे दिया गया ग्राफ़ इनमें से कुछ बॉट अकाउंट्स और उनके द्वारा भारत में जी-20 को टारगेट करते हुए किए गए ट्वीट्स की संख्या को दर्शाता है।
ये अकाउंट SFJ के ट्वीट्स और वीडियो को प्रचारित करने के लिए बनाए गए थे, जिसमें पन्नू ने जी-20 और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
यह देखा गया है कि जब भी खालिस्तानी समर्थकों का कोई भी सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा चलाया जाता है, तो खालिस्तान के हैशटैग और पोस्ट को शेयर करने के लिए बड़े पैमाने पर बॉट अकाउंट्स बनाए जाते हैं। इसी साल फरवरी-अप्रैल 2023 में पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा से पहले एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो को प्रसारित करने के लिए 300 से अधिक अकाउंट्स बनाए गए थे। जबकि, #G20IgnoringHRViolationsInIIOJK, #G20_Boycott_Meeting_in_IIOJK जैसे हैशटैग को शेयर करने के लिए 100 से अधिक नए अकाउंट्स बनाए गए। नीचे दिए ग्राफिक में आप बॉट अकाउंट्स क्रिएट किए जाने को देख सकते हैं।
2. जी-20 पर SFJ आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की भारत को धमकीः
खालिस्तानी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए बनाए गए अकाउंट्स ने गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो के अलावा उसके ऑडियो मैसेज को भी खूब शेयर किया है। इस ऑडियो क्लिप में वह भारत को धमकी दे रहा है। ऑडियो में पन्नू कश्मीरी मुस्लिमों को उकसा रहा है और उनसे कश्मीर घाटी छोड़कर तथा दिल्ली पहुंचकर जी-20 समिट के राजधानी को ब्लॉक करने की बात कर रहा है। इतना ही नहीं पन्नू ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रगति मैदान पर मार्च की धमकी भी दे रहा है।
इन ट्वीट्स में खुले तौर पर धमकी दी गई है कि एसएफजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खालिस्तानी झंडे को लगाएगा। वहीं इन पोस्ट में यह भी अपील की गई है कि प्रीतपाल काका को रिहा करो अन्यथा जी-20 पर कार्रवाई के लिए तैयार रहो।
इस ऑडियो क्लिप को बड़ी मात्रा में ट्विटर पर बॉट अकाउंट्स द्वारा शेयर किया गया है। जिसे नीचे दिए कोलाज में देखा जा सकता है।
पन्नू के इस ऑडियो संदेश के साथ प्रीतपाल काका को रिहा करने की अपील की गई है। यहां हम उन यूजर्स का डाटा विश्लेषण प्रदान कर रहे हैं, जिन्होंने प्रीतपाल को रिहा करने के लिए पन्नू के ऑडियो को शेयर किया था। इनमें से कई यूजर्स ऐसे हैं, जिन्होंने 20 से लेकर 40 ट्वीट किए हैं।
3. खालिस्तान के समर्थन में पाकिस्तानी अधिकारी और यूजर्सः
शफाअत शाह (@INFANTRY28)-
ट्विटर पर शफाअत शाह (@INFANTRY28) नाम के एक यूजर हैं। इनके ट्विटर पर 32.2K फॉलोवर्स हैं। इन्होंने 37.8K ट्वीट्स किए हैं। इन्होंने अपना लोकेशन लाहौर-पाकिस्तान बताया है। इनके बायो के मुताबिक ये पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हैं। वे पाकिस्तानी राष्ट्रपति के सैन्य सचिव (MS) और जॉर्डन में पाकिस्तान के अंबेसडर रहे हैं।
शफाअत शाह का जी-20 पर ट्वीटः
शफाअत शाह भारत में हो रहे जी-20 पर खूब ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा- “ऐसा लगता है कि यह चीन द्वारा भारत को दो समान रूप से खराब विकल्पों में बांधने का एक सोचा-समझा कदम है – इसके गौरव को खत्म करना या जी-20 शिखर सम्मेलन को खत्म करना। कम से कम जी-20 शिखर सम्मेलन विभाजित होकर आयोजित किया जाएगा”
शफाअत शाह का खालिस्तान के समर्थन में ट्वीटः
शफाअत शाह खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट करते रहते हैं। उन्होंने कई मौकों पर खालिस्तान की मांग का समर्थन करते हुए खालिस्तानियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संबोधित किया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा- “अलग मातृभूमि, खालिस्तान के लिए संघर्ष कर रहे सिख आतंकवादी नहीं बल्कि स्वतंत्रता सेनानी हैं और वे भारत में रहने वाले 24 मिलियन सिखों और विदेशों में रहने वाले सभी 3 मिलियन सिखों में बहुमत हैं। जनमत संग्रह के नतीजे काफी हद तक प्रतिबिंबित होते हैं। कब तक भाजपा/आरएसएस जम्मू-कश्मीर, खालिस्तान, नागालैंड, उत्तरी राज्यों में स्वतंत्रता संग्राम को आतंकवाद का नाम देकर दुनिया को धोखा देगी?”
एक ट्वीट में शफाअत शाह लिखते हैं कि- “खालिस्तान के लिए पाकिस्तान दूतावास खोल सकता है।”
एक ट्वीट में शफाअत ने लिखा- “खालिस्तान एक वास्तविकता और समय की बात है। अगर अमृतपाल सिंह गिरफ्तार भी हो गए तो ऐसे ही कई नेता सामने आ जाएंगे। भाजपा/आरएसएस का फासीवादी शासन जम्मू-कश्मीर की तरह इस स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने में सक्षम नहीं होगा, क्योंकि दुनिया भर के सिख भारत से अलग होने का समर्थन करते हैं और संघर्ष को प्रज्वलित रखते हैं। आज भी भारत, ऑस्ट्रेलिया के QUAD में जनमत संग्रह चल रहा है।”
खालिस्तान के समर्थन में शफाअत शाह का फेक न्यूजः
फेक न्यूज-1
खालिस्तान का समर्थन करने के लिए शफाअत शाह ने कई बार फेक न्यूज भी फैलाया है। उन्होंने एक ट्वीट में दावा किया कि साल 2021 में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारत के लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराया गया था।
फैक्ट चेकः
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लाल किले पर जो झंडा फहराया गया था, वो खालिस्तान का झंडा नहीं था, बल्कि सिख धर्म का पवित्र निशान साहिब का झंडा था। निशान साहिब को खालसा पंथ का पवित्र ध्वज माना जाता है, जो देश के सभी गुरुद्वारों में लगा मिल जाता है इसके अलावा भारतीय सेना के सिख रेजीमेंट के भी यह पवित्र ध्वज है।
फेक न्यूज-2
शफाअत शाह ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर खालिस्तान के समर्थन में पोस्टर लगे होने का दावा किया। उन्होंने एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा- “न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर की सबसे अधिक देखी जाने वाली साइट पर खालिस्तान आंदोलन के बैनर”
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने इस फोटो का फैक्ट चेक किया। हमारी जांच में सामने आया कि ये न्यूयॉर्क के टाइम स्क्वायर की फोटो को एडिट करके उसमें खालिस्तान का पोस्टर लगाया गया है। यहां दिए गए फोटो में आप देख सकते हैं कि ओरिजिनल फोटो में HSBC बैंक का पोस्टर लगा है।
उस्मान मुगल (@Usman_Moghal):
उस्मान मुगल नामक यूजर के ट्वीटर पर 1 लाख 61 हजार फॉलोवर्स हैं। उस्मान ने उर्दू में लिखे एक ट्वीट में दावा किया है कि- “चीन, तुर्की, सऊदी अरब, इंडोनेशिया के बाद रूस ने भी भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान की विदेश नीति काम कर रही है।”
फैक्ट चेकः
उस्मान मुगल का दावा फेक है। जी-20 के किसी भी सदस्य देश ने भारत में होने वाली जी-20 शिखर समिट में शामिल होने से इनकार नहीं किया है। चीन की तरफ से प्रधानमंत्री ली कियांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे।
सिंह-M (@reach2msingh):
ट्विटर पर सिंह-M नाम का एक यूजर है। इस यूजर ने अपने प्रोफाइस फोटो में भारतीय तिरंगा लगा रखा है और लोकेशन में ‘इंडिया’ लिखा है। इस यूजर ने जी-20 में शामिल होने वाले सदस्य देशों को लेकर फेक और भ्रामक सूचनाएं फैलाई हैं। जिसका विवरण यहां दिया जा रहा है।
इस यूजर एक पोस्ट में दावा किया कि भारत में होने वाली जी-20 की बैठक में चीन, तुर्की, मिस्र और सउदी अरब शामिल नहीं होंगे।
इस यूजर ने इसके बाद अलग-अलग ट्वीट में सउदी अरब, मिस्र और तुर्की के बारे में ऐसा ही दावा किया है। जिसे नीचे दिए कोलाज में आप देख सकते हैं।
फैक्ट चेकः
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में आयोजित जी-20 में चीन की तरफ से प्रधानमंत्री ली कियांग शामिल होंगे। इसके अलावा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत आएंगे। वहीं मिस्र को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह भी जी-20 में शामिल नहीं होगा, लेकिन फैक्ट यह है कि मिस्र जी-20 देशों में शामिल ही नहीं है।
4. भारत में आयोजित जी-20 के विरोध में शामिल विदेशी संगठनः
- IAMC का जी-20 विरोधी पर अभियानः
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सक्रिय रूप से एजेंडा का प्रसार कर रहा है। IAMC ने 24 अगस्त को शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की भारत यात्रा के बारे में ट्वीट किया, जिसमें कहा गया है कि- “देश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न आसमान छू रहा है”।
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने एक ज़ूम मीटिंग भी आयोजित किया, जहाँ वे निम्नलिखित बिंदुओं पर एक सत्र का आयोजन करने की बात करते हैं:
- भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के खतरे
- मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद से जो दुर्व्यवहार हुए
- भारत सरकार को अमेरिकी समर्थन के चल रहे राजनीतिक निहितार्थ
- अमेरिका में कैसे शामिल हों और कार्रवाई करें
यह पाया गया कि वेबिनार सत्र पर @IAMCuncil के ट्वीट के बाद, कई अमेरिकी हैंडल ने @IAMCouncil द्वारा आयोजित सत्र में अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित करने और पंजीकृत करने के लिए ट्वीट किया है। @IAMCuncil के ट्वीट को शेयर करने वालो में सुचित्रा विजयन (लेखिका और पोलिस प्रोजेक्ट और वॉच द स्टेट की संस्थापिका), अरुण सेठी (अमेरिकी नागरिक और राजनीतिक अधिकार लेखक, मानवाधिकार वकील), हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन, मुस्लिम फॉर जस्ट फ्यूचर्स, दीपा अय्यर (दक्षिण एशियाई अमेरिकी लेखिका, वकील, कार्यकर्ता) शामिल हैं।
ऐसा देखा गया कि इंडियन अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल ने भारत को जी-20 की मेजबानी मिलने के साथ ही भारत विरोधी प्रोपेगेंडा करना शुरु कर दिया था। जब कश्मीर में जी-20 पर्यटक समूह की बैठक की खबर आई थी, तब भी @IAMCouncil ने अपना एजेंडा शुरू किया और कश्मीर में बैठक के खिलाफ ट्वीट करना शुरू कर दिया था।
जी-20 पर @IAMCuncil के पोस्ट ने बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया, क्योंकि ट्विटर पर इस अकाउंट के 1,78,000 से अधिक फॉलोवर्स हैं।
@IAMCuncil के ट्वीट्स का विश्लेषण करने पर एक वर्डक्लाउड बना है। जिसमें उन शब्दों को दर्शाया गया है, जो ट्वीट्स में प्रमुख रूप से उपयोग किए गए थे। यहां देखा जा सकता है कि, जी-20 पर किए गए @IAMCuncil ट्वीट्स में प्रमुख रूप से “बॉयकॉट”, “IndiaGenocideNews”, “कश्मीर” और “अल्पसंख्यक विरोधी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है।
- द न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का जी-20 विरोधी अभियानः
कनाडा की राजनीतिक पार्टी “द न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी” (एनडीपी) ने कश्मीर और भारत में जी-20 के बहिष्कार का आह्वान किया है। हमने NDP के आधिकारिक वेबसाइट पर कुछ सर्च किया, जहां हमें जस्टिन ट्रूडो से भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ खड़े होने और जी-20 का बहिष्कार करने की अपील करने वाला एक पंजीकरण पृष्ठ मिला।
फॉर्म में, एनडीपी ने लिखा है, “जगमीत सिंह और एनडीपी इसके आलोक में जस्टिन ट्रूडो और लिबरल सरकार से आह्वान कर रहे हैं:
- चंडीगढ़ और कश्मीर में आयोजित किसी भी जी-20 कार्यक्रम का बहिष्कार करें
- कनाडा में अल्पसंख्यकों और निर्वाचित अधिकारियों के खिलाफ धमकियां देने वाले भारत के भाजपा पदाधिकारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना, और
- विदेशों में कनाडा के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
एक टेक्स्ट लिखा गया है कि- “जगमीत सिंह के साथ खड़े रहें और जस्टिन ट्रूडो और उदारवादियों को बताएं: कनाडा को भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर एक मजबूत रुख अपनाना चाहिए।”
यह पाया गया कि जी-20 का बहिष्कार करने की एनडीपी की अपील के बाद, कई पाकिस्तानी समाचार मीडिया ने इस पर एक लेख प्रकाशित किया है। वहीं The Siasat Daily, The Nation, Pakistan Observer, और Associated Press of Pakistan सहित कुछ बड़े मीडिया हाउस ने भी खबर प्रकाशित किया है।
वहीं, दूसरी ओर, एनडीपी की अपील को ट्विटर पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (@IAMCuncil) और पाकिस्तान की Dunya News द्वारा प्रचारित किया गया। जिसके बाद पाकिस्तानी ट्विटर आर्मी ने मोर्चा संभाला और इस खबर को जमकर शेयर किया।
21 मार्च, 2023 को खालिस्तानी संगठन, विश्व सिख संगठन (डब्ल्यूएसओ) ने भारत में जी-20 कार्यक्रमों के बहिष्कार के एनडीपी के आह्वान का समर्थन करने के लिए एक पत्र लिखा। डब्ल्यूएसओ के अध्यक्ष तजिंदर सिंह सिद्धू ने पत्र में उल्लेख किया है कि भारत सरकार के पास जी-20 की अध्यक्षता करने और जी-20 देशों की मेजबानी करने के लिए विश्वसनीयता और नैतिक अधिकारों का अभाव है।
निष्कर्षः
भारत में होने वाला जी-20 शिखर समिट दुनिया के लिए कई सौगात दे सकता है। दुनिया के देश इस बैठक की नजर लगाए बैठे हैं कि वैश्विक परिदृश्य में कोई सकारात्मक बदलाव दिखेगा। लेकिन ऐसे मौके पर पड़ोसी मुल्क अपनी ना-पाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।