हाल के दिनों में खालिस्तानी अलगाववादियों ने कई देशों में विवाद को जन्म दिया। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन में बकायदा खालिस्तानी अलगाववादियों ने प्रदर्शन भी आयोजित किए। लंदन में खालिस्तानी अलगाववादियों ने भारतीय दूतावास के सामने बकायदा प्रदर्शन करते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। इस घटना के बाद भारत सरकार ने ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था।
भारत के अंदर भी खालिस्तान अलगाववादियों ने अपने पैर पसारने शुरु कर दिए। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल ने खुद को भारतीय मानने से भी इनकार किया था। अमृतपाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वह फिलहाल जेल में है। अमृतपाल पर DFRAC ने विस्तृत रिपोर्ट भी प्रकाशित किया है, जिसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
खालिस्तान के समर्थक कई देशों में सक्रिय है और वह अपना एजेंडा चलाते रहते हैं। खालिस्तानी समर्थकों ने अभी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आयोजित एक सभा में खालिस्तान के झंडे लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इसके अलावा कई मौकों पर खालिस्तान समर्थकों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग और पोस्ट शेयर कर अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया था। इस विस्तृत रिपोर्ट में हम खालिस्तानी अलगाववादियों की ट्विटर पर एक्टिविटी का विस्तृत विश्लेषण प्रदान कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दू इस प्रकार हैं-
- कब शुरू हुआ खालिस्तान आंदोलन?
- पाकिस्तानी यूजर्स का खालिस्तान प्रेम
- खालिस्तानी समर्थक ट्विटर अकाउंट्स का निर्माण
- खालिस्तानी समर्थकों ने बनाया भारतीयों को निशाना
- खालिस्तान की गूगल पर सर्च हिस्ट्री
- कब शुरू हुआ खालिस्तान आंदोलन?
माना जाता है कि खालिस्तान आंदोलन अविभाजित पंजाब जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों के हिस्से शामिल हैं, को मिलाकर एक अलग संप्रभु सिख राज्य के लिए लड़ाई है। इस आंदोलन की उत्पत्ति को भारत के विभाजन के समय माना जा सकता है, दरअसल विभाजन के बाद महाराजा रणजीत सिंह के सिख साम्राज्य की राजधानी क्षेत्र लाहौर पाकिस्तान के हिस्से चली गई। इसके अलावा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म स्थान ननकाना साहिब सहित कई बड़े सिख धर्म के पवित्र धर्मस्थल भी बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चले गए।
भारत में खालिस्तान आंदोलन ने कई बार जोर पकड़ा लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984) और ऑपरेशन ब्लैक थंडर (1986 और 1988) के बाद यह आंदोलन दब गया। लेकिन दुनिया के कई देशों खासतौर पर कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में कुछ छोटे-छोटे खालिस्तानी ग्रुप क्रियाशील रहते हैं और खालिस्तान की मांग करते रहते हैं। पिछले दिनों कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक ग्रुप की कई गतिविधियां देखी गईं।
- पाकिस्तानी यूजर्स का खालिस्तान प्रेमः
पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स का कई मौकों पर खालिस्तान प्रेम देखने को मिलता रहा है। किसान प्रदर्शन, क्रिकेटर हर्शदीप सिंह और अमृतपाल सिंह सहित कई मुद्दों पर पाकिस्तानी यूजर्स ने फेक अकाउंट बनाकर खालिस्तान का समर्थन किया था। वहीं कई पाकिस्तानी सेलिब्रेटी ऐसे हैं, जो खुलेआम खालिस्तान का समर्थन करते हैं और पाकिस्तान में खालिस्तान को अलग देश बताते हुए उसका दूतावास खोलने की मांग भी करते हैं।
ट्विटर पर सहर शिनवारी नामक एक यूजर हैं। वह दावा करती हैं कि वह एक अभिनेत्री और पाकिस्तान के कराची शहर की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सहर ट्विटर पर खालिस्तानी विचारधारा के समर्थन में लिखती रहती हैं। 22 मार्च 2023 को, उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से “इस्लामाबाद में औपचारिक रूप से खालिस्तान दूतावास शुरू करने” का अनुरोध करते हुए ट्वीट किया।
शिनवारी ने लिखा- “चूंकि खालिस्तान जनमत संग्रह को पूरे पश्चिम में समर्थन मिला है, इसलिए मैं हमारे विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से अनुरोध करती हूं कि संयुक्त राष्ट्र में इसे मान्यता देने के बाद लाहौर में महावाणिज्य दूतावास के साथ इस्लामाबाद में खालिस्तान दूतावास को औपचारिक रूप से लॉन्च करें। सिख लोगों को हमारे समर्थन की जरूरत है।” (हिन्दी अनुवाद)
वहीं सहर शिनवारी समय-समय पर खालिस्तान के समर्थन में ट्वीट करती रहती हैं। नीचे दिया गया स्क्रीनशॉट @SeharShinwari द्वारा खालिस्तान के समर्थन में किए गए कुछ ट्वीट्स को दिखाता है।
इसके अलावा पाकिस्तान के कराची के एक अन्य वेरीफाइड यूजर्स खालिद इमरान खान को सोशल मीडिया पर खालिस्तान का पूर्ण समर्थन करते पाया गया। उसने ट्वीट किया – “अमृतसर बनेगा खालिस्तान”।
Source Twitter
इसके अलावा वह भी समय-समय पर खालिस्तान का समर्थन करते हुए ट्वीट करता रहता है। यहां खालिद इमरान खान के खालिस्तान के समर्थन में कुछ ट्वीट का कोलाज दिया जा रहा है।
वहीं कई पाकिस्तानी यूजर्स ने भारतीय क्रिकेटर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहकर निशाना बनाया था और #खालिस्तान #खालिस्तान_जिंदाबाद जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया था। नीचे कुछ ट्विट्स के स्क्रीनशॉट का एक कोलाज दिया गया है, जिसमें अर्शदीप सिंह को निशाना बनाया गया था।
इससे पहले DFRAC की टीम ने अर्शदीप सिंह को पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा निशाने बनाए जाने और उन्हें खालिस्तानी करार दिए जाने की विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित किया था। जिसे यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
- खालिस्तान समर्थक ट्विटर अकाउंट्स का निर्माणः
खालिस्तानी विचारधारा और उसके एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर सोशल मीडिया पर नए अकाउंट्स बनाए जाते रहे हैं। यहां हम खालिस्तान के समर्थन में हाल ही बनाए गए अकाउंट्स की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। मार्च 2023 में अधिकांश अकाउंट्स यानी 43.8% बनाए गए, यानी एक महीने में लगभग 150 नए अकाउंट्स बनाए गए। इसके बाद अप्रैल में 38.5% अकाउंट्स बनाए गए, जिसमें 130 नए अकाउंट्स शामिल थे। वहीं फरवरी में 11.8% नए अकाउंट्स बनाए गए थे। यहां दिया गया ग्राफ नए अकाउंट्स बनाए जाने को दर्शाता है।
- खालिस्तानी समर्थकों ने बनाया भारतीयों को निशानाः
विदेशी धरती पर खालिस्तान का एजेंडा चलाने वालों को भारतीयों द्वारा जवाब भी दिया जाता रहा है। लंदन में जब खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया था, तो भारतीयों ने प्रदर्शन कर इसका जवाब दिया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों ने खालिस्तानियों को करारा जवाब दिया था, जिसके बाद उन पर हमले भी किए गए थे। इसके अलावा राहुल गांधी की सभा में खालिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वालों को भारतीयों द्वारा हिन्दुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाकर करारा जवाब भी दिया गया था।
भारतीयों ने कई बार खालिस्तानियों को करारा जवाब दिया है, जिसके बाद खालिस्तानियों ने भारतीयों को धमकाने और उन्हें निशाना बनाने की भी कोशिश की थी। यहां हम उन घटनाओं का विवरण प्रदान कर रहे हैं, जब खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीयों को धमकी देने या निशाना बनाने की कोशिश की थी।
- पंजाब सीएम भगवंत मान की पहली पत्नी और बच्चों को धमकीः
पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई किए जाने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान की अमेरिका में रह रही पहली पत्नी और बच्चों को खालिस्तानी समर्थकों ने धमकी दी थी। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इस वीडियो में देखा गया था कि खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने मान की पहली पत्नी और बच्चों को धमकी दी थी।
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- भारतीय पत्रकार को खालिस्तानी समर्थक पन्नू ने दी थी धमकीः
एक खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू है। वह लगातार खालिस्तान और भारत विरोधी अभियान में जुटा रहता है। उसने कई मौकों पर भारत के नेताओं को जान से मारने की धमकी भी दी है। वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पंजाब सीएम भगवंत मान, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित कई नेताओं को धमकी दे चुका है। उसकी धमकियों पर न्यूज कवरेज का कोलाज यहां दिया जा रहा है।
इसके अलावा पन्नू और उसके समर्थकों ने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शन को कवर कर रहे भारतीय पत्रकार ललित के. झा को ना सिर्फ गाली दी, बल्कि चलते समय उन्हें छड़ी से मारा भी था।
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- खालिस्तानी समर्थकों ने भारत के गुजरात के रहने वाले एक यात्री को भी धमकी दिया था।
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- भारतीय सिख दंपत्ति पर खालिस्तानियों का हमलाः
खालिस्तान आंदोलन के खिलाफ बोलने वाले ब्रिटेन के सिख जोड़े हरमन सिंह और उनकी पत्नी खुशी कौर पर खालिस्तानियों ने हमला किया और उनके रेस्टूरेंट में तोड़-फोड़ भी की थी। एक मीडिया इंटरव्यू में हरमन सिंह ने बताया था कि वह कई दिनों तक अपनी जान बचाने के लिए छिपते फिर रहे थे।
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- खालिस्तान की गूगल पर सर्च हिस्ट्रीः
हमने पिछले 90 दिनों से Google Trends पर “खालिस्तान जिंदाबाद” कीवर्ड को सर्च करने की जांच की। हमारी जांच में सामने आया है कि यह कीवर्ड कनाडा में सबसे ज्यादा बार सर्च किया गया है। उसके बाद अपेक्षाकृत कम गूगल सर्च में भारत का स्थान रहा है। जिसे नीचे दिए ग्राफ में देखा जा सकता है।
हमने भारत के बारे में डाटा इकट्ठा करने के लिए एक बार फिर सर्च किया। हमारी जांच में सामने आया कि चंडीगढ़ और पंजाब में “खालिस्तान जिंदाबाद” कीवर्ड सबसे ज्यादा सर्च किया गया था।
जब हमने गूगल ट्रेंड का विश्लेषण किया और “खालिस्तान” कीवर्ड की जांच की, तो हमें पता चला कि भारत पहला देश था, जहां मई 2023 के महीने में कीवर्ड सबसे ज्यादा सर्च किया गया था। इसके बाद कनाडा, यूएई और जॉर्जिया का नंबर आता है। यह कीवर्ड पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया में भी ट्रेंड कर रहा था।
निष्कर्षः
खालिस्तान और उसके समर्थक भारत की सरजमीं पर ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में खालिस्तानी विचारधारा को बढ़ावा देते रहते हैं। इसके लिए वह विभिन्न प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते रहते हैं। इस दौरान वह भारतीयों को निशाने पर लेते रहते हैं। कई मौकों पर या तो उन्होंने सीधा भारतीयों पर हमला किया है फिर उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया है।