
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल के पूर्व प्रभारी अरुण यादव 650k से अधिक फॉलोअर्स के साथ ट्विटर पर सक्रिय हैं। 7 जुलाई 2022 को ट्विटर यूज़र्स द्वारा वेबसाइट पर बाढ़ आने के बाद, उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था, हज़रत पैगंबर-ए-इस्लाम ﷺ पर आपत्तिजनक ट्वीट पर उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी, फिर भी वह अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के अनुसार वो खु़द को गर्वित भाजपा कार्यकर्ता कहते हैं।
और फिर भी वह अपने ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल एक विशेष धर्म को लक्षित करके समाज में वैमनस्य और अशांति फैलाने के लिए एक
टूल के रूप में कर रहे हैं।
इस DFRAC एक्सक्लूसिव में हम दिखाएंगे:
भ्रामक कंटेंट
राजनीतिक द्वेष
धार्मिक घृणा
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भ्रामक कंटेंट
वो देश के वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए, अधिक से अधिक फ़ालोअर्स बढ़ाने, सस्ती लोकप्रियता पाने, हमेशा सुर्खि़यों में रहने और भारत को हिंदू-राष्ट्र बनाने के लिए इस प्रकार के कंटेंट फैलाते रहते हैं। आइए! उनके ऑफ़िशियल पेज पर ऐसे कंटेंट पर एक नज़र डालते हैं:
भ्रामक न्यूज़ 1:
उन्होंने शाहरुख़ ख़ान को मुंबई हवाईअड्डे पर कस्टम द्वारा रोके जाने के दावे पर ट्वीट किया।
उन्होंने लिखा,“Updated:शाहरुख खान को मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम्स ने रोक लिया।महंगी घड़ियां और उनके कवर थे,कीमत 18 लाख रुपये थी।इन घड़ियों के लिए शाहरुख को 6.83 लाख रुपए की कस्टम ड्यूटी चुकानी पड़ी।”

फ़ैक्ट चेक
वायरल दावे की हक़ीक़त का विश्लेषण करने के लिए DFRAC टीम ने गूगल पर कुछ सिंपल की-वर्ड्स की मदद से सर्च किया। टीम को एएनआई की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया है कि शाहरुख़ ख़ान को नहीं बल्कि उनके बॉडीगार्ड को कस्टम ने रोका था।

भ्रामक न्यूज़ 2:
उन्होंने राजस्थान की गहलोत सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया,“जो मुगलों से नहीं हुआ वो गहलोत ने कर दिया , राजस्थान में हिंगलाज माता के मंदिर में नवरात्रि से पहले धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध”।

फ़ैक्ट चेक
DFRAC टीम ने कुछ की-वर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया तो राजस्थान पुलिस का एक ट्वीट पाया। इस ट्वीट में कहा गया है कि हिंगलाज मंदिर में आम आदमी या खत्री समाज के पूजा या प्रवेश पर रोक नहीं लगाई गई है। यहां स्पष्ट किया गया है कि दो गुट के बीच विवाद चल रहा है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

भ्रामक न्यूज़ 3:
उन्होंने स्वर कोकिला लता जी को प्रार्थना करते हुए शाहरुख़ ख़ान की एक वीडियो क्लिप शेयर कर दावा किया कि शाहरुख़ उनके शव के सामने थूक रहे थे। वह लिखते हैं, “क्या इसने थूका?”

फ़ैक्ट चेक
वीडियो को देखकर साफ पता चल रहा है कि शाहरुख़ दिवंगत लता जी के लिए दुआ कर रहे थे और उसके बाद, उन्होंने प्यार और सम्मान के संकेत के रूप में फूंक डाल रहे हैं।
भ्रामक न्यूज़ 4:
उन्होंने पंजाब के सीएम भगवंत मान का मज़ाक़ उड़ाया।

फ़ैक्ट चेक
वीडियो के अलग-अलग की-फ्रेम को इंटरनेट पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर 1:06:42 मिनट का एक वीडियो मिला। वीडियो को 7 सितंबर, 2022 को शीर्षक, “LIVE | Haryana के युवाओं के साथ श्री Arvind Kejriwal और श्री Bhagwant Mann जी का TOWNHALL” के साथ अपलोड किया गया है।
उपरोक्त वीडियो के 18:19 मिनट पर, भगवंत मान को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हम कहते हैं कि हम क्या करते हैं और हम क्या नहीं कर सकते, हम यह भी कहते हैं कि यह हमारे द्वारा नहीं किया जा सकता है।”
भ्रामक न्यूज़ 5:
उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस का मज़ाक़ उड़ाया, “बेंगलुरु कोर्ट का बड़ा आदेश, कांग्रेस और ‘भारत जोड़ो’ ट्विटर हैंडल पर लगे रोक, आख़िरकार चोर साबित हुई कांग्रेस”

फ़ैक्ट चेक
हमने मेन स्ट्रीम मीडिया, न्यूज़ चैनलों पर सर्च किया और पाया कि द् इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत एक रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें कहा गया है,“कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सिविल कोर्ट के एक आदेश को खारिज कर दिया, जिसने ट्विटर को इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) के हैंडल और इसके जन आंदोलन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।”

भ्रामक न्यूज़ 6:उन्होंने कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी की 10 सेकंड की एक वीडियो क्लिप शेयर की, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जो लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं, वे संत नहीं हैं, बल्कि राक्षस हैं।

फ़ैक्ट चेक
DFRAC टीम ने पाया कि वायरल वीडियो، मूल वीडियो की एक शॉर्ट क्लिप किया हुआ संस्करण है। अल्वी, जो उत्तर प्रदेश में कल्कि महोत्सव में बोल रहे थे, ने रामायण के एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि हर कोई, जो ‘जय श्री राम’ का नारा लगाता है वह संत नहीं है। पूरा भाषण यहां सुना जा सकता है:
Raashid Alvi FULL STATEMENT | Salman Khurshid के बाद राशिद अल्वी ने राम भक्तों को बताया राक्षस
राजनीतिक नफ़रत
वो अपने अकाउंट में अन्य राजनेताओं और राजनीतिक दलों की छवि को ख़राब करने के लिए पूरे तौर पर प्रयासरत रहते हैं, उन्हें कई तरह से ट्रोल करते हैं। वो जिस पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, उसे श्रेष्ठ बनाने के लिए वो दूसरी पार्टियों को नीचा दिखाने के प्रचार पर जमकर काम करते हैं।

धार्मिक घृणा
केवल राजनीतिक द्वेष ही नहीं, उनका अकाउंट खुलकर धार्मिक नफ़रत को बढ़ावा देता है जो उन्हें समाज के एक विशेष वर्ग के प्रति एजेंडा सेट करने और नफ़रत फैलाने में मदद करता है।
