क्रिकेट में एक कहावत है कि “कैच छूटा… तो मैच छूटा”। क्रिकेट के इतिहास में ऐसी कई घटनाएं हैं, जब सिर्फ एक कैच छूट जाने से जीत रही टीम को हार का सामना करना पड़ा है। 1999 के वर्ल्ड कप में जब हर्शल गिब्स ने स्टीव वॉ का कैच छोड़ा था। तब स्टीव वॉ ने गिब्स से कहा था- “दोस्त तुमने तो कैच नहीं वर्ल्ड कप गिरा दिया” और हुआ भी वही कि ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप जीत गई थी। एशिया कप-2022 में भारत-पाकिस्तान के बीच मैच में भी एक कैच छूटा और भारत को हार का सामना करना पड़ा। देखा जाए तो अर्शदीप सिंह से कैच छूटना सामान्य घटना थी, जो खेल का हिस्सा होती है, लेकिन कैच छूटने की इस घटना ने 80/80 के क्रिकेट ग्राउंड की सिर्फ बाउंड्री ही पार नहीं की बल्कि देश की सीमाओं को लांघते हुए एक युद्ध में तब्दील हो गई। जी हां युद्ध… सूचना युद्ध, जिसे अंग्रेजी में इनफॉरमेशन वॉर कहते हैं। यह युद्ध वास्तविक दुनिया में बम, तोपों और हथियारों से नहीं लड़ी जाती बल्कि वर्चुअल दुनिया में लड़ी जाती है।
यह सूचना युद्ध एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक युद्ध है, जो दुष्प्रचार या दुष्प्रचार का प्रसार, फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाएं फैलाना, लक्षित देश और जनता को हतोत्साहित करना, सामाजिक वर्गों को टारगेट करना, धार्मिक पहचान को निशाना बनाना, सूचना-संग्रह के अवसरों से वंचित करना जैसे प्रमुख चीजें शामिल रहती हैं। भारतीय खिलाड़ी अर्शदीप सिंह के साथ भी सोशल मीडिया पर जमकर फेक न्यूज, भ्रामक सूचनाओं और अपमानजनक संज्ञाओं का प्रसार हुआ। DFRAC अपनी इस रिपोर्ट में अर्शदीप सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर हुई सभी घृणित ट्वीट्स की प्रकृति और उनके स्रोतों का गहन विश्लेषण प्रदान करेगा। इस रिपोर्ट में हम भारत के खिलाफ होने वाली सूचना वार पर और भी कई खुलासे करेंगे। इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दू-
• अर्शदीप सिंह के खिलाफ प्रतिक्रिया का क्या कारण था?
• अर्शदीप सिंह पर प्रतिक्रिया का विश्लेषण
• यह सब कहाँ से शुरू हुआ?
• अर्शदीप के विरोध के लिए बने नए अकाउंट्स का विवरण
• पाकिस्तान ने कब-कब की भारत के खिलाफ सूचना युद्ध!
अर्शदीप सिंह के खिलाफ क्यों भड़का गुस्सा?
एशिया कप टी-20 में भारत और पाकिस्तान के बीच दो मुकाबले हुए। 29 अगस्त को हुए लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था। इसके बाद फाइनल में पहुंचने के लिए शीर्ष की 4 टीमों के बीच मैच हुआ। 4 सिंतबर 2022 को हुए रोमांचक मुकाबले में अबकी पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था। इस मैच में के 18वें ओवर में पाकिस्तानी बल्लेबाज आसिफ अली का कैच अर्शदीप सिंह ने छोड़ दिया। जिसके बाद आसिफ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को हरा दिया। इस हार के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय फैन्स का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने अर्शदीप सिंह की जमकर आलोचना की। वहीं सोशल मीडिया पर अचानक कुछ ऐसे कमेंट्स और हैशटैग्स की बाढ़ आ गई, जिसमें अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी, पाकिस्तानी और पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट कहा गया। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सोशल मीडिया पर यह लोगों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी या फिर एक प्री प्लान साजिश थी जिसके तहत अर्शदीप के बहाने पूरे सिख समुदाय को निशाना साधा गया? इन सभी बातों का खुलासा आगे के विश्लेषण में किया गया है।
अर्शदीप के खिलाफ प्रतिक्रिया का विश्लेषणः
भारत जैसे ही पाकिस्तान के खिलाफ मैच हार गया ट्वीटर पर #ArshdeepSingh नामक हैशटैग 27,000 से अधिक ट्वीट्स के साथ ट्रेंड करने लगा। लगभग 4,500 ट्वीट #खालिस्तानी के साथ ट्रेंड कर रहे थे।
3 सितंबर को ट्विटर पर #ArshdeepSingh ट्रेंड में था। 4 सितंबर को रात 11:05 बजे के बाद अचानक इसमें वृद्धि देखी गई और हैशटैग 12 हजार से अधिक ट्वीट के साथ 5 सितंबर को अपने चरम पर पहुंच गया। #खालिस्तानी की शुरुआत 4 सितंबर की रात 11:05 बजे के बाद हुई और 5 सितंबर को 4K से अधिक ट्वीट के साथ अपने चरम पर था।
पाकिस्तानी यूजर ने सबसे पहले अर्शदीप के साथ जोड़ा खालिस्तानः
ट्वीटर पर सबसे पहले उस्मान नाम के यूजर ने #Arshdeepsingh पर ‘खालिस्तान’ कीवर्ड के साथ पहला ट्वीट 4 सितंबर को रात 11:15 बजे किया। यह चौंकाने वाली बात है कि उस्मान (@hmudg1997) एक पाकिस्तानी अकाउंट है।
Tweet Link: https://twitter.com/hmudg1997/status/1566482584468611072
कहाँ से शुरू हुआ?
Google सर्च टाइमलाइन से पता चलता है कि “अर्शदीप सिंह” कीवर्ड 4 सितंबर 2022 को देर रात शुरू हुआ, उसके बाद धीरे-धीरे कम होता चला गया।
इसके अलावा, कीवर्ड ज्यादातर पाकिस्तान में इस्तेमाल किया गया था, इसके बाद भारत और संयुक्त अरब अमीरात का स्थान है।
“खालिस्तानी” कीवर्ड के लिए Google सर्च का परिणामः
जब DFRAC टीम ने Google ट्रेंड्स पर “खालिस्तानी” की खोज की, तो पता चला कि कीवर्ड की टाइमलाइन 4 सितंबर को शुरू हुई थी और फिर 5 सितंबर को धीरे-धीरे तेज होती चली गई।
कीवर्ड में रुचि रखने वाले सबसे ज्यादा यूजर्स प्रमुख रूप से पाकिस्तान से थे।
पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाया गया हेटः
पाकिस्तानी यूजर्स ने अर्शदीप सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर काफी नफरत फैलाई। उन्हें खालिस्तानी बताने के लिए बकायदा ट्रेंड चलाया गया। इसके अलावा अर्शदीप सिंह के विकिपीडिया पेज के साथ भी छेड़खानी की गई। 4 सितंबर 2022 को संशोधन का समय यह देखा जा सकता है कि विकिपीडिया पेज में कैसे परिवर्तन किए गए, जहां “भारत” को हटाकर “खालिस्तान” लिख दिया गया।
Wikipedia Link: https://en.wikipedia.org/w/index.php?title=Arshdeep_Singh_(cricketer)&diff=prev&oldid=1108501200
IP एड्रेस का विवरणः
यहां DFRAC की टीम अर्शदीप सिंह की वीकिपीडिया पेज के साथ छेड़खानी करने वाले यूजर का खुलासा कर रही है। हमें जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार जिस आईपी एड्रेस 39.41.171.125 से विकिपीडिया पृष्ठ संपादित किया गया था, वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का था। इंटरनेट सेवा प्रदाता पाकिस्तान दूरसंचार कंपनी लिमिटेड (ptci.net.pk) है। जिसका पूरा विवरण यहां दिया गया है।
वहीं अर्शदीप सिंह के वीकिपीडिया के साथ छेड़छाड़ पर भारत सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने इस मामले में वीकिपीडिया के अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
पाकिस्तानी यूजर्स ने अर्शदीप को बताया ISI एजेंट और खालिस्तानीः
इसके तुरंत बाद, अर्शदीप सिंह के बारे में ट्विटर पर ट्वीट्स की अचानक से बाढ़ आ गई। कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने अर्शदीप सिंह को कैच छोड़ने पर ट्रोल किया। बहुत सारे यूजर्स ने उन्हें ISI एजेंट या खालिस्तानी भी कहा है। इनमें से कुछ अपमानजनक ट्वीट नीचे दिखाए गए हैं।
अर्शदीप सिंह को ‘खालिस्तानी‘ कहने वाले पाकिस्तानी अकाउंट:
पाकिस्तान के पत्रकार डब्ल्यूएस खान ने ट्वीट किया, “अर्शदीप स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थित खालिस्तान आंदोलन का हिस्सा हैं।”
#ArshdeepSingh और #Khalistani ट्रेंड कराने के लिए बनाए गए नए अकाउंट्सः
हैशटैग #ArshdeepSingh और #Khalistani पर ट्विट करने और इसे ट्विटर पर ट्रेंडिंग में लाने के लिए पाकिस्तान में हजारों नए अकाउंट्स बनाए गए। जिन अकाउंट्स ने #ArshdeepSingh और #Khalistani पर ट्विट किया था, उनमें से करीब 20,734 अकाउंट्स वर्ष 2022 में बनाए गए, यानी करीब 97.7 प्रतिशत ट्विटर अकाउंट्स इसी साल बनाए गए थे। वहीं 5 सितंबर को 20,000 से अधिक अकाउंट्स का विश्लेषण करने पर सामने आया कि करीब 100 से अधिक अकाउंट्स अकेले 5 सितंबर को बनाए गए थे। इन अकाउंट्स ने भी जमकर ट्वीट और रिट्वीट किए।
वहीं साल 2021 में लगभग 249 अकाउंट्स और 2020 में 157 अकाउंट्स बनाए गए। नीचे प्रति साल बनाए गए यूजर्स का पाई चार्ट है।
नीचे दिया गया कोलाज उन कुछ यूजर्स के ट्वीट का है, जो 5 सितंबर को बनाए गए थे।
वर्डक्लाउडः
अर्शदीप सिंह पर किए गए ट्वीट पर नीचे दिए गए वर्डक्लाउड के अनुसार, सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों में शामिल हैं, “खालिस्तानी”, “पाकिस्तानी”, “गद्दार”, “एजेंट”, “देशद्रोही”, आदि।
भारत के खिलाफ पाकिस्तान का सूचना युद्ध!
भारत के कई आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा जमकर फेक और भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की गई। DFRAC की टीम ने इससे पहले भी पाकिस्तान के इस सूचना युद्ध का खुलासा किया है। यहां हम सिलसिलेवार तरीके से बता रहे हैं कि कब पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स भारत विरोधी सूचना युद्ध में शामिल रहे।
पैगंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी के बाद अंतर्राष्ट्रीय अभियान
पैगबंर मोहम्मद साहब पर नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानियों की तरफ से फेक और भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की गई थीँ। DFRAC ने शीर्षक- पैगंबर मुहम्मद की आड़ में भारत विरोधी एजेंडे का अंतर्राष्ट्रीय अभियान को इस रिपोर्ट के माध्यम से एक्सपोज किया था।
कश्मीर पर पाकिस्तान का नफरती एजेंडा
कश्मीर को लेकर पाकिस्तान लगातार भारत विरोधी अभियान चलाता रहता है। इसके लिए भ्रामक सूचनाओं और फेक खबरों का खूब सहारा लिया जाता रहा है। पाकिस्तानियों द्वारा कश्मीर को लेकर फैलाए गए भ्रामक सूचनाओं और फेक खबरों को DFRAC ने एक्सपोज किया है। जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके अलावा पाकिस्तानियों ने यासीन मलिक को लेकर भारत विरोधी एजेंडा चलाया था।
- चाइनीज नामों से आईडी बनाकर पाकिस्तानियों का भारत विरोधी एजेंडा
DFRAC ने इस रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चाइनीज नामों से आईडी बनाकर पाकिस्तानी यूजर्स भारत विरोधी अभियान में लगे हुए हैं। जब हमने इनके लोकेशन और ट्विटर आईडी की जांच की तो पाया कि यह पाकिस्तान से हैं। इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं।
- भारत में ‘हिजाब’ विवाद में शामिल पाकिस्तानः
भारत में हिजाब को लेकर उठे विवाद में पाकिस्तानी यूजर्स ने खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन पाकिस्तानी यूजर्स ने नई-नई आईडी बनाकर भारत विरोधी पोस्ट किए। इन यूजर्स ने भारत को इस्लाम विरोधी तक बता दिया था। पूरी रिपोर्ट यहां पढ़े।
इसके अलावा पाकिस्तानी पत्रकार और मीडिया द्वारा भी लगातार भारत विरोधी प्रोपेगैंडा किया जाता रहा है। पाकिस्तानी पत्रकार असद खरल और नुसरत मिर्जा ने भारत विरोधी गलत सूचनाएं दी गई थीं।
शमी और अर्शदीप को ट्रोल करने वाले पाकिस्तान एक हैः
पिछले साल 24 अक्टूबर 2021 को टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की पाकिस्तान के हाथों 10 विकेट से करारी हार हुई थी। इस हार के बाद सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर उस वक्त भारतीय तेज गेंदबाद मोहम्मद शमी आए थे। यूजर्स ने शमी को भी गद्दार, देशद्रोही, पाकिस्तानी, आईएसआई एजेंट जैसे शब्द कहे थे। यहां आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि जिन पाकिस्तानी यूजर्स पिछले साल मोहम्मद शमी को ट्रोल किया था, उन्हीं में से कई पाकिस्तानी यूजर्स ने अबकी अर्शदीप सिंह को निशाने पर लिया है। यहां हम उन यूजर्स की कमेंट्स का एक लिस्ट दे रहे हैं। जिसमें यह दर्शाया गया है कि पिछले साल शमी को ट्रोल करने वाले पाकिस्तानी यूजर्स ने इस साल अर्शदीप को क्या कहा है।
अर्शदीप सिंह के खिलाफ निंदा करने वाले भारतीयों के ट्वीट्सः
अर्शदीप के खिलाफ ट्वीट के स्क्रीनशॉट वाला एक कोलाज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उस कॉलेज में अधिकांश अकाउंट्स भारतीय थे।
DFRAC ने अपने रिसर्च में यह पाया गया कि कोलाज प्रकृति में पक्षपाती था क्योंकि इसमें प्रमुख रूप से भारतीय अकाउंट्स थे। हालांकि, कई एकाउंट्स ने शुरू में “खालिस्तानी” कीवर्ड पर रात 11:05-11:20 बजे के समय में ट्वीट किया था। जो कि पाकिस्तान से थे।
Figure 1Initial tweets with the keyword Khalistani
पाकिस्तानी यूजर्स का झूठा आरोप-प्रत्यारोप
विडंबना यह है कि सोशल मीडिया पर अर्शदीप के खिलाफ फैली नफरत के लिए पाकिस्तानी मीडिया घरानों और पत्रकारों के एक बड़े वर्ग ने भारत की आलोचना की है।
@GeoNews_Urdu ने ट्वीट किया कि, “प्रिय अर्शदीप सिंह! आपने अभी अपना करियर शुरू किया है। भारत-पाक मैच में दबाव रहता है। आपने एक कैच छोड़ा और यह खेल का हिस्सा है। हालाँकि, हमें खेद है कि जिस तरह से भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने आपके साथ व्यवहार किया, आपको गाली दी, आपको खालिस्तानी कहा। मजबूत रहो भाई! पाकिस्तान की ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं!” इसी तरह की प्रतिक्रिया कई अन्य लोगों ने भी की। नीचे दो कोलाज हैं जो सत्यापित पाकिस्तानी यूजर्स को दिखा रहे हैं, जिन्होंने इस मामले पर भारत की आलोचना की है।
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निष्कर्षः
DFRAC के इस विश्लेषण से स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा भारतीय खिलाड़ी अर्शदीप सिंह( Arahdeep Singh) को सोशल मीडिया पर खालिस्तानी और आईएसआई एजेंट कहा गया, हालांकि इसमें कुछ भारतीय यूजर्स भी शामिल थे। लेकिन एक सवाल खड़ा होता है कि आखिर हर बार भारत के अंदरुनी मामलों पर पाकिस्तानी यूजर्स की इतनी सक्रियता क्यों रहती है? यह स्वाभाविक होती नहीं दिख रही है, खासतौर पर जब मामला भारत के अल्पसंख्यकों जैसे मुसलमानों और सिखों का रहा हो। अर्शदीप सिंह से पहले मोहम्मद शमी थे, उससे पहले यासीन मलिक और हिजाब विवाद था। इन सभी घटनाओं पर पाकिस्तानी यूजर्स की सक्रियता यह दिखाती है कि यह भारत के खिलाफ सूचना युद्ध के तौर पर प्रदर्शित हो रहा है। इस बात को साबित करने के लिए यह प्रमाण है कि जिन यूजर्स ने पिछले साल मोहम्मद शमी को पाकिस्तानी, आईएसआई एजेंट और गद्दार कहा था उन्हीं यूजर्स में अधिकांश ने अर्शदीप सिंह को गद्दार, आईएसआई एजेंट और खालिस्तानी कहा है। इसके पीछे का संभावित कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करना हो सकता है। इसके अलावा, इस प्रकार के प्रचार में भारत के भीतर विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच घृणा को भड़काने की कोशिश भी है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि जिस तरह से भारत के अंदरूनी मामलों में पाकिस्तानी यूजर्स की सक्रियता बढ़ रही है वह चिंता का विषय है।