भारतीय राजनीति में विनायक दामोदर सावरकर की चर्चा काफी गर्म रहती है। कभी अंग्रजों को उनके लिखे माफी नामे को लेकर राजनीति गर्माई रहती है, तो कभी उनके हिन्दुत्व की विचारधारा को लेकर। सावरकर पर ये भी आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उन्होंने दो राष्ट्र के सिद्धांत को आगे बढ़ाया था, जिससे भारत का विभाजन हुआ। हालांकि दो राष्ट्र के सिद्धांत को लेकर मुस्लिम लीग और कांग्रेस के कई नेताओं पर भी आरोप लगते रहते हैं।
सोशल मीडिया पर भी यूजर्स इस विषय पर चर्चा करते रहते हैं लेकिन सोशल मीडिया और एकेडमिक चर्चाओं के बीच एक फर्क रहता है। एकेडमिक में जहाँ ऐतिहासिक तथ्यों पर बात होती है, वहीं सोशल मीडिया पर अधिकतर फेक और भ्रामक सूचनाएं फैलाई जाती हैं।
ऐसे ही एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे सावरकर का बताया जा रहा है। इस फोटो को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि फोटो में सावरकर विभाजन के प्रस्ताव को स्वीकार कर रहे हैं।
मनोज तोमर नाम के यूजर ने लिखा- “विभाजन के प्रस्ताव को स्वीकार करते सावरकर, बँटवारे को लेकर शोर मचाने वालों इसे भी देख लेना.. माफ़ी वीर को देख लो शकल से ही चोर दिख रहा है, जो बँटवारे के ख़िलाफ़ थे वो भी यही बेठा है देख लो अंध भक्तों अपने आदर्श को ..! फ़ॉलो – @NetaAbhay”
फैक्ट चेक:
वायरल हो रही तस्वीर का फैक्ट चेक करने के लिए हमने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर हिन्दुस्तान टाइम्स (hindustantimes.com) की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। इस रिपोर्ट में तस्वीर में दिख रहे लोगों के बारे में बताया गया है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार- “नई दिल्ली में सम्मेलन में जहां लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के लिए ब्रिटेन की विभाजन योजना का खुलासा किया (बाएं से दाएं) भारतीय नेता जवाहरलाल नेहरू, भारत के वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन के सलाहकार लॉर्ड इस्मे, लॉर्ड माउंटबेटन और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मुहम्मद अली जिन्ना”
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर में सावरकर नहीं हैं। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा गलत है।
दावा- भारत विभाजन के प्रस्ताव को सावरकर द्वारा स्वीकार करने की फोटो
दावाकर्ता- मनोज तोमर
फैक्ट चेक- फेक