बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली। जिस दिन बिहार की विधानसभा में सरकार को बहुमत टेस्ट पास करना था, उसी दिन बिहार में ईडी और सीबीआई की कई जगहों पर छापेमारी हुई। इस छापेमारी में कई आरजेडी नेताओं की जांच की गई। वहीं हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव) में भी सीबीआई ने छापेमारी की।
दावा किया गया कि सीबीआई की यह छापेमारी बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जुड़े एक मॉल में की गई है। कई मीडिया हाउस और सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि सीबीआई की यह छापेमारी तेजस्वी यादव के मॉल क्यूब्स मॉल पर की गई है।
ऐसा दावा करते हुए ट्वीटर पर वेरीफाइड यूजर एलपी पंत ने लिखा- ‘गुरुग्राम के क्यूब्स मॉल पर भी सीबीआई की छापेमारी…यह मॉल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी का बताया जा रहा है…’
राकेश कुमार ने लिखा- ‘गुरुग्राम में तेजस्वी यादव के मॉल पर CBI का छापा, #क्यूब्स71 मॉल पर CBI ने की छापेमारी’
वहीं कई मीडिया हाउसों ने भी इस छापेमारी को तेजस्वी यादव से जोड़कर ट्वीट किया। Zee Delhi-NCR Haryana ने ट्विट किया- ‘#BREAKING : गुरुग्राम में तेजस्वी यादव के मॉल पर CBI का छापा, कटिहार, पटना में भी छापेमारी जारी। #TejasviYadav #Gurugram #CBIRaid’
हिन्दुस्तान अखबार ने लिखा- ‘जांच का दायरा गुरुग्राम तक पहुंच गया है और तेजस्वी यादव के मॉल पर छापेमारी की गई है। क्यूब्स 71 मॉल पर छापेमारी के लिए सीबीआई की टीम पहुंची है और पड़ताल की गई है। फिलहाल जांच जारी है। #TejashwiYadav #CBI’
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे दावे की जांच के लिए हमने सबसे व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन और अर्बन क्यूब्स-71 मॉल के बारे में सर्च किया। हमें कई समाचारों पत्रों का लेख मिला, जिसमें व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन द्वारा तेजस्वी यादव से लिंक होने का खंडन किया गया है।
indianexpress.com की रिपोर्ट के मुताबिक- “बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा गुड़गांव में एक निर्माणाधीन मॉल के लिंक को खारिज करने के दो दिन बाद निर्माण फर्म ने भी इस बात खंडन किया कि उसका तेजस्वी यादव के साथ कोई संबंध है। सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ “नौकरियों के बदले जमीन” मामले में गुड़गांव के सेक्टर 17 में अर्बन क्यूब मॉल की तलाशी ली थी। शुक्रवार को मॉल बनाने वाली कंपनी व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन प्रा. लिमिटेड ने कहा कि मॉल को तेजस्वी यादव से जोड़ने का आरोप, जैसा कि मीडिया में बताया गया था, एक “झूठा चित्रण” था। इसने दावा किया कि “निहित स्वार्थ” इसकी प्रतिष्ठा को खराब कर रहे थे।”
economictimes की रिपोर्ट के मुताबिक “गुड़गांव स्थित रियल एस्टेट डेवलपर व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन ने अर्बन क्यूब्स-71 के कार्यालय और निर्माण स्थल में सीबीआई द्वारा की गई एक संक्षिप्त तलाशी के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ किसी भी संबंध से इनकार किया है।
वहीं इस संदर्भ में तेजस्वी यादव द्वारा भी स्पष्टीकरण दिया गया है। तेजस्वी यादव ने कंपनी के कागजात शेयर किए और बताया गया कि उस कंपनी के 2 डायरेक्टर हैं और कंपनी के सभी शेयर उन्हीं दोनों डायरेक्टर के पास हैं। तेजस्वी यादव द्वारा शेयर किए गए डॉक्यूमेंट के मुताबिक कंपनी दो डायरेक्टर हैं, पहला- वीरेन मेहता और दूसरा- कृष्णन कुमार।
वहीं हमने myneta.info पर तेजस्वी यादव का चुनाव के समय दाखिल किया गया हलफनामा देखा। इस हलफनामे में तेजस्वी यादव के कुल चल और अचल संपत्ति के साथ-साथ उनके उपर दर्ज किए गए केस की जानकारी भी दी गई है। इस एफिडेविट में भी तेजस्वी यादव ने कहीं भी व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन या फिर अर्बन क्यूब्स मॉल के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया है।
निष्कर्षः
विभिन्न मीडिया अखबारों में छपे व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन कंपनी के खंडन और तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि तमाम मीडिया हाउसों, पत्रकारों और सोशल मीडिया यूजर्स ने तेजस्वी यादव के बारे में भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की हैं। वहीं सीबीआई द्वारा भी इस मामले पर किसी भी प्रकार का कोई बयान या स्पष्टीकरण नहीं आया है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि तेजस्वी के बारे में किया जा रहा दावा भ्रामक है।