भारत में सोशल मीडिया पर काकावाणी एक चर्चित नाम है। जो घृणा और सांप्रदायिकता फैलाने के लिए जाना जाता है। काकावाणी के नाम से ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अकाउंट है। जो अली सोहराब द्वारा संचालित किए जाता है। जो खुद को एक पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर प्रस्तुत करता है।
ट्विटर पर काकवाणी का @007AliQaQa के नाम से 10वां हेंडल है। जो कुछ ही दिनों पहले बनाया गया है। इससे पहले वह ट्विटर 9 अकाउंट बना चुका है। जो घृणा और सांप्रदायिकता फैलाने के कारण सस्पेंड किए जा चुके है। ट्विटर पर फिलहाल काकवाणी के 6319 फॉलोवर है। वहीं फेसबुक पर काकावाणी का अकाउंट आली सोहराब के नाम से है। फेसबुक पर काकवाणी के फॉलोवर 275000 से भी अधिक है। साथ ही उसके अकाउंट को 4.6 की रेटिंग मिली हई है। वहीं इंस्टाग्राम पर @007alisohrab के नाम से अकाउंट है। इंस्टाग्राम पर उसके 78000 से अधिक फॉलोवर है। जहां वह 8100 से ज्यादा पोस्ट कर चुका है।
#DFRAC इससे पहले भी काकावाणी पर अपनी दो रिपोर्ट प्रकाशित कर चुका है। जिसमे काकावाणी द्वारा उसके पुराने ट्विटर हेंडल से फैलाई गई घृणा और सांप्रदायिकता का विश्लेषण किया गया। जिसे आप नीचे दी गई रिपोर्ट में पढ़ सकते है।
THE HATE FACTORY 2: KAKAVAANI CONTINUES TO SPREAD HATE ON SOCIAL MEDIA
अली सोहराब कट्टर सलाफ़ी (वहाबी) विचारधारा को मानने वाला है। वह लोकतंत्र विरोधी है। उसके निशाने पर दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादियों की आड़ में देश का बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय तो रहता ही है साथ में सेक्युलर वर्ग भी रहता है । जिसे वह अक्सर अपने ट्वीट और पोस्ट में हुनुद, अब्दुल के नाम से संबोधित करता है। साथ ही वह धर्मनिरपेक्ष और उदारवादियों को लिब्बू कहकर टार्गेट करता है। उसके निशाने पर कई बार सूफी विचारधारा के मानने वाले भी रहते है।
फेसबुक पर
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अली सोहराब उर्फ काकावाणी ने ट्विटर पर अपना 10 वां अकाउंट मई 2022 में बनाया। 07 जून 2022 तक उसने 80 से अधिक ट्वीट किए। उसके ये ट्वीट नफरत और सांप्रदायिकता से भरे है। वह अपने ट्वीट में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है।
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सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने के कारण पिछले तीन वर्षों की अवधि में उसके ट्विटर से 9 अकाउंट निलंबित किए जा चुके है। हालांकि वह अकाउंट के निलंबन के होते ही नया अकाउंट बना लेता है और कुछ ही घंटो में बड़ी संख्या में यूजर उससे फॉलो करना शुरू कर देते है। उसके नए ट्विटर अकाउंट का @fahedalemadi और @PeaceMoin द्वारा प्रचारित किया जाता है।
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टाईमलाइन
उसके हालिया नए अकाउंट की टाइमलाइन देखने से पता चलता है कि उसके द्वारा 5 जून को सबसे ज्यादा ट्वीट किए हैं, उसके ये ट्वीट में प्रमुख रूप से दो हैशटैग, #إلا_رسول_الله_يا_مودي और #Stopinsulting_ProphetMuhammad के इर्द-गिर्द रहे।
मेंशन अकाउंट
नीचे कुछ ट्विटर अकाउंट दिये गए है। इन अकाउंट को उसने अपने ट्वीट में सबसे ज्यादा मेंशन किया। इन अकाउंट में प्रमुख रूप से @DukeDhump, @almoraikhi_r, @fahedalemadi है। साथ ही उसने @PeaceMoin का भी जिक्र किया।
हमारे विश्लेषण से ये भी पता चलता है कि काकावाणी @fahedalemadi और @PeaceMoin से अधिक प्रभावित हैं।
वर्डक्लाउड
काकावाणी के अकाउंट का वर्डक्लाउड देखने से पता चलता है कि उसके द्वारा अपने ट्वीट में कौन से शब्द प्रमुख रूप से उपयोग किए गए थे। कुछ शब्दों में हुनूद, प्रजनन, मुसलिम, आदि शामिल है। जिसका उसने सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया।
वेरिफाइड फॉलोवर
नीचे कुछ वेरिफाइड अकाउंट दिए गए हैं जो अली सोहराब के 10वें अकाउंट के तुरंत बाद बने थे। इन अकाउंट में @AshrafFem, @ZafarSaifii, @ZakirAliTyagi and @SahilRazvii आदि शामिल हैं।
नॉन वेरिफाइड फॉलोवर
नीचे काकावाणी के नॉन वेरिफाइड फॉलोवर दिये गए हैं। इन सभी ने काकावाणी को 10वें बनाने के तुरंत बाद ही ट्विटर पर फॉलो किया। इनमें से कुछ टॉप अकाउंट में शामिल हैं: @wasims_204, @Iamsabbag, @OsamaShaikhIND, @PeaceMoin आदि।
अली सोहराब अपने भड़काऊ ट्वीट की वजह से जेल भी जा चुका है। उसके ये ट्वीट देश के दो बड़े समुदाय के बीच नफरत फैलाने के काम कर रहे है। जेल जाने के बाद वह अब कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए शब्दों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करता है। लेकिन उसके ट्वीट की भाषा उसकी मंशा को जाहीर कर देती है।
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अली सोहराब के भड़काऊ और अपमानजनक ट्वीट से मुस्लिम समुदाय भी नाराज है। उसकी निंदा में ट्विटर पर #ShameOnKaKa हेशटेग भी चलाया गया। जिसमे उससे माफी की भी मांग की गई।
अली सोहराब के बारे में आरजे सायमा ट्वीट कर मुसलमानों को उसके ट्विटर अकाउंट से दूर रहने की अपील करती है।
वह लिखती है कि किसी भी मुसलमान को कभी भी इस हैंडल को फॉलो नहीं करना चाहिए। ये अतिवाद और नफरत से भरा हुआ है। इस देश में या कहीं भी ‘मैं श्रेष्ठ हूँ’ कथा वाले किसी व्यक्ति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
निष्कर्ष:
अली सोहराब द्वारा पोस्ट किए गए भड़काऊ और घृणास्पद ट्वीट्स देखने से स्पष्ट हो जाता है कि वह हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच सांप्रदायिक सोहार्द और भाईचारे को खत्म करना चाहता है। जो भारत की एकता के लिए खतरा है। उसके ट्वीट न्यायालय की अवमानना करने वाले भी है। साथ ही ये देश में सार्वजनिक शान्ति और व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाने का कारण बन रहे है। उसके ट्वीट की भाषा भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिले उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमा को लांघ रही है।