आज के दौर में भारतीय मीडिया की विश्वसनीयता का कम होना एक मुख्य चिंताओं में से एक है। श्रेय का एक बड़ा हिस्सा ज़ी न्यूज़ के प्रधान संपादक और सीईओ सुधीर चौधरी जैसे लोगों को जाता है जो अपने चैनल के माध्यम से फ़र्जी समाचार फैलाते हैं। सुधीर ज़ी न्यूज पर प्राइम टाइम शो, डेली न्यूज एंड एनालिसिस के होस्ट हैं। उनके शो को देखने के दौरान हमें पता चला कि उन्होंने कई तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था। इसके अलावा, उन्होंने अपने दर्शकों से कई सफेद झूठ भी बोले थे। DFRAC की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हमने उनके कुछ झूठ और फ़र्जी तथ्यों को बताया है।
1.) सुधीर चौधरी ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर मार्टिन लॉन्गमेन का भाषण चुराने का झूठा आरोप लगाया ।
हकीकत: मार्टिन लॉन्गमैन ने खुद इस परिदृश्य को स्पष्ट करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने लिखा, “मैं भारत में इंटरनेट पर मशहूर हूं क्योंकि एक राजनेता पर मुझ पर साहित्यिक चोरी का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। यह अजीब तरह का है, लेकिन दक्षिणपंथी बेवकूफ हर देश में एक जैसे लगते हैं ।”
I’m internet famous in India because a politician is being falsely accused of plagiarizing me. It’s kind of funny, but right-wing assholes seem to be similar in every country.
— Martin Longman (@BooMan23) July 2, 2019
2.) सुधीर चौधरी बहुत अधिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर।
उन्होंने कहा कि जब देश में लोकतंत्र और आज़ादी कि अति हो जाती हैं तो लोग उन कानूनों का विरोध करना शुरू कर देते हैं जो देश को तरक्की के रास्ते पर ले जा सकते है। सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर एसा ही दावा कर रही है और देश मे अब वही हो रहा हैं।
हकीकत : कृषि कानूनों से किसान परेशान थे। विरोध इतना प्रभावशाली था कि सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया। लेकिन सुधीर चौधरी ने बहुत अधिक स्वतंत्रता देने के लिए भारत के संविधान को जिम्मेदार ठहराया।
3.) शाहजहाँ पर सुधीर चौधरी
उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल बनाने वाले मजदूर के हाथ काट दिए।
वास्तविकता: हमने पाया कि शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ नहीं काटे थे। बल्कि उन्हें आजीवन वेतन देकर जीवन भर काम नहीं करने का वादा लिया।
Fact Check: Did Shah Jahan get the hands of the workers who built Taj Mahal cut off?
4.) दावा कि “अरुणाचल प्रदेश में कोरोनावायरस के 11 सकारात्मक मामले हैं जिनका दिल्ली के तब्लीगी जमात से संबंध है। ”
हकीकत: उस समय 9 अप्रैल, 2020 तक केवल 1 COVID-19 पॉजिटिव केस था। इस मामले पर Zee News ने माफी भी जारी की ।
इसके अलावा 10 अप्रैल, 2020 को, अरुणाचल डीआईपीआर ने ज़ी की समाचार रिपोर्ट को झूठा बताया और स्पष्ट किया कि राज्य को अब तक केवल 1 COVID-19 सकारात्मक मामला मिला है।
This is to clarify that Arunachal Pradesh has got only 1 COVID-19 positive case till date.
The reporting by Zeenews is false and does not carry any authenticity. pic.twitter.com/d74hBGDWbd— ARUNACHAL IPR (@ArunachalDIPR) April 9, 2020
5.) सुधीर चौधरी ने कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से कनाडा दुनिया का सबसे बड़ा देश है
उन्होंने कहा कि कनाडा दुनिया का सबसे बड़ा देश है।
हकीकत: रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है जिसका क्षेत्रफल लगभग 17,125,000 वर्ग किलोमीटर है। जबकि कनाडा लगभग 9,984,670 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ दूसरे स्थान पर है।
6.) 2000 के हर नोट पर नैनो जीपीएस चिप।
उन्होंने कहा कि एक नैनो जीपीएस चिप है, जिसका नए जारी किए गए 2000 के नोट में इस्तेमाल किया गया हैं । जो नोट को कहीं से भी ट्रैक करने में मदद करेगा।
हकीकत: रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई ने आधिकारित बयान जारी किया है जिसमे कहा है कि नया रु. 2,000 के नोट में केवल आरबीआई द्वारा ट्विटर पर जारी की गई विशेषताओं का उल्लेख है, जिसमें किसी भी चिप का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा, 2000 रुपये के नोट की छपाई में पुराने 1000 रुपये के नोट की तुलना में थोड़ा अधिक खर्च हो सकता है, जिसकी कीमत लगभग रु। 3.17, जो बदले में नैनो जीपीएस चिप से काफी सस्ता होगा।
7.) जेएनयू के छात्रों द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा!
सुधीर चौधरी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि जेएनयू के छात्र पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।
हक़ीक़त: वह छात्र भारतीय कोर्ट जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे ।
इसी तरह, उन्होंने एक और झूठ कहा था कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की रैलियों में लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे जबकि लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।
9.) हिजाबरो पर शुधीर की भविष्यवाणी
हिजाबरो विवाद पर सुधीर ने कहा कि अगर आज ये मुस्लिम लड़कियां स्कूल में हिजाब पहनने की मांग कर रही हैं, तो कल वे मांग करेंगी कि शिक्षक मुस्लिम होना चाहिए और अगर मामला अदालत में जाएगा, तो वे कहेंगी कि जो न्यायाधीश मामले की सुनवाई करे वह भी मुस्लिम होनी चाहिए क्योंकि हिंदू जज इस मामले में भेद भाव कर सकते हैं। अब तक इस धार्मिक कट्टरपंथियों से सिर्फ स्कूल, कॉलेज और कोर्ट ही बचे हैं। लेकिन अब ऐसा लगता है कि इन संस्थाओ में भी समानता के सिद्धान्त को खत्म करने के प्रयास किए जा रहा हैं।