सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दिल्ली का शहर काजी और आप नेता है जो हिंदुओं के बारे में आपत्तिजनक बातें कर रहा है। कई यूजर्स ने दावा किया है कि ‘यह दिल्ली का शहर काजी और आम आदमी पार्टी का पदाधिकारी है, जो हिंदुओं को खुलेआम धमकी दे रहा है।’
इस वीडियो में एक शख्स कहता नज़र आ रहा है कि भगवा हुकूमतें व साजिशकार भी गौर से सुन लें कि मुसलमान अब जाग गया है। रोजाना की मौतें और अत्याचार के खिलाफ मुसलमानों के पास भी नौजवान बच्चे हैं, मुसलमानों के पास भी ताकतें और हथियार हैं। मुसलमान भी हथियार इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन मुसलमान अमन परस्त है। अगर हम अपने पर आ जाएं तो इस मुल्क में इनका जीना मुश्किल कर देंगे। जिस तरह से ये हमारे साथ अत्याचार कर रहे हैं। अगर हमने हमारे नौजवान बच्चों को एक दफ़ा उकसा दिया तो हमारे बच्चे उनसे कहीं ज़्यादा ताकत रखते हैं।’
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो के बारे में किये जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिये हमने इसे invid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक की-फ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया। लेकिन हमें इस वीडियो से संबंधित कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली। इसके बाद हमने एक की-फ्रेम के साथ कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस बार हम सफल हुए, और हमें 3 मिनट 6 सेकंड का एक यूट्यूब वीडियो मिला।
अपनी सर्च में हमें जो वीडियो मिला वह यूट्यूब चैनल पर 28 जून 2019 को अपलोड किया गया था। इसे पूरा देखने के बाद पता चला कि यह तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का वीडियो है। वीडियो में दिख रहे शख्स से एक पत्रकार पूछता है कि इतना जो अत्याचार हो रहा है इसके बारे में आपका क्या कहना है और क्या-क्या एक्शन लेने चाहिए? इसके जवाब में वह शख्स बोलता है कि तबरेज़ के सिलसिले में यह लोग एकत्र हुए हैं और यह आवाज तो हमारे मुस्लिम संगठन के बच्चों ने उठाई है। यह चिंगारी है जो आग की तरह फैलेगी और दिल्ली के पाए-तख़्त को हिलाकर रख देगी, क्योंकि मॉब लिंचिंग के केस एक दो नहीं सैकड़ों हो गए।
हमारी पड़ताल में सामने आया कि वीडियो देहरादून का है और इसमें दिख रहे व्यक्ति का नाम मुफ्ती रईस है और वह देहरादून का रहने वाले हैं। इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 30 जून 2019 को अमर उजाला द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में मॉब लिंचिंग में मारे गये तबरेज़ अंसारी की हत्या के विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन ने 27 जून 2019 को प्रदर्शन किया था। इस दौरान मुफ्ती रईस ने भड़काऊ बयान दिया था। उस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मुफ्ती रईस के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी।
अपनी पड़ताल में हमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि मुफ्ती रईस का आम आदमी पार्टी से कोई संबंध हो, इतना ही नहीं मुफ्ती रईस का तो दिल्ली से भी संबंध नहीं है। वे तो देहरादून में रहते हैं। लिहाज़ा हमने पाया कि यह दावा फर्जी है।