इंग्लैंड में 11 जून से 13 जून, 2021 जी-7 का शिखर सम्मेलन कॉर्नवाल में हुआ था। G-7 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख लोकतांत्रिक राष्ट्रों को एकजुट करना था ताकि कोरोनोवायरस का प्रकोप झेल रहे विश्व को इस कोरोना वायरस की समस्या से छुटकारा दिलाते हुए एक खुशहाल अधिक समृद्ध भविष्य बनाया जा सके।
वर्तमान में इंग्लैंड कोरोना मामलों में वृद्धि हुई है, और कुछ प्रतिष्ठित मीडिया हस्तियों जैसे रॉबर्ट पेस्टन ने इस वृद्धि के लिए G7 शिखर सम्मेलन को दोषी ठहराया है। रॉबर्ट पेस्टन आईटीवी न्यूज के राजनीतिक संपादक हैं और हर बुधवार की रात को राजनीति शो की हॉस्ट करते हैं। रॉबर्ट पेस्टन COVID-19 प्रतिबंधों और लॉकडाउन के आलोचक रहे हैं।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि G7 शिखर सम्मेलन बहुत छोटे पैमाने पर हुआ था, और उसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों का पालन किया गया था। चूंकि COVID-19 महामारी की शुरुआत के बाद से G7 शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक आयोजन था, इसलिए सैकड़ों पर्यावरण एक्टिविस्ट जलवायु संकट की तात्कालिकता की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करने और प्रदर्शित करने के लिए कोर्निश समुद्र के किनारे ले गए।
रिपोर्ट्स के अनुसार पर्यावरण एक्टिविस्ट प्रदर्शनकार के दौरान कोरोना गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे, बहुत कम लोगों ने मास्क पहने हुए थे।
इसकी निगरानी के लिए लगभग 6,500 पुलिस बलों को ग्रामीण इलाकों में बुलाया गया था।
चूंकि आयोजन महत्वपूर्ण था, इसलिए दुनिया भर से सैकड़ों पत्रकार पर्यावरण एक्टिविस्टों के विरोध और जी-7 शिखर सम्मेलन दोनों पर ही दस्तावेज़ी रिपोर्टिंग के लिये इकट्ठा हुआ थे।
कॉर्नवाल काउंसिल के सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार डॉ रूथ गोल्डस्टीन का कहना है कि कोरोना मामलों में वृद्धि पहली बार पेन्रीन में विश्वविद्यालय परिसर में देखी गई, जिसका शिखर से कोई संबंध नहीं है। इसलिए, रॉबर्ट पेस्टन द्वारा किए गए दावे निराधार हैं उनमें तथ्यात्मक डेटा की कमी है क्योंकि एक ही समय में क्षेत्र में कई आयोजन हो रहे थे।