सऊदी अरब के मक्का स्थित इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र स्थल स्थल ‘काबा’ से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि यहूदी हरम शरीफ में काबा का तवाफ (परिक्रमा) कर रहे है।
इस बारे में हमने “काबा के आसपास के यहूदी” के लिए “क्राउड टैंगल” खोजा तो या कि बीते 7 दिनों में 863 फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने इस विषय पर चर्चा की।
फैक्ट चेक
इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने एनोड की मदद ली और वीडियो को कई कैफ्रेम में बांटा। इनमें से एक फ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। लेकिन कुछ भी संतोषजनक नहीं मिला। फिर हमने YouTube पर कुछ कीवर्ड सर्च किए।
यूट्यूब पर इस वीडियो को चैनल फरीद बेंटा और स्वाक लिमोसिन पर शेयर किया था। वीडियो के साथ दी गई जानकारी में कहा गया कि वीडियो में जो लोग झूला झूलते हुए तवाफ कर रहे हैं, वे असल में तुर्की के सूफी मुसलमान हैं। ये है सूफी मुसलमानों को अल्लाह को याद करने का तरीका जो वीडियो में नजर आ रहा है।
यूट्यूब वीडियो
दावे से पता चलता है कि यूजर्स इस वीडियो को काबा का तवाफ (परिक्रमा) करते हुए जोर-जोर से सिर हिला रहे है। यूजर्स इस वीडियो की यहूदी पूजा से तुलना करते हुए शेयर कर रहे हैं, क्योंकि दोनों सिर झुकाकर पूजा करते हैं।
क्या यहूदी और गैर-मुसलमान काबा में प्रवेश कर सकते हैं?
जब हमने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या काबा में मुसलमानों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी प्रवेश कर सकते हैं? तो इसी बीच हमें मिडिल ईस्ट मॉनिटर नाम की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में मक्का और मदीना के हाईवे के साइनबोर्ड से ‘मुस्लिम’ शब्द हटा दिया गया। जिसके बाद कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस फैसले की तारीफ करते नजर आए तो कुछ लोग इसका विरोध करते नजर आए। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
आगे की खोज के दौरान, हमें अरब न्यूज़ की वेबसाइट पर जानकारी मिली कि मक्का और मदीना में गैर-मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। इससे साफ है कि काबा के घर में तवाफ करने वाले यहूदी नहीं हो सकते, सूफीवाद को मानने वाले मुसलमान ही हरम में अल्लाह का जिक्र कर रहे हैं।
निष्कर्ष
पड़ताल से साबित होता है कि लोगों का काबा की परिक्रमा करने का वीडियो पुराना है। यूट्यूब पर मिली जानकारी के मुताबिक ये लोग तुर्की के मुसलमान हैं जो सूफीवाद को मानते हैं। बता दें कि दो पवित्र तीर्थस्थलों में गैर-मुसलमानों के प्रवेश पर आधिकारिक प्रतिबंध है।