फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को देशभर के सिनेमाघरों में 5 मई को रिलीज कर दी गई है। डायरेक्टर सुदीप्तो सेन की यह फिल्म केरल की कुछ महिलाओं के ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (ISIS) में शामिल होने की खबरों पर आधारित बताई जा रही है। शुरूआत में इसको लेकर दावा किया जा रहा था कि यह फिल्म केरल की 32,000 लापता महिलाओं की है, जिनका धर्मपरिवर्तन कर उन्हें आईएसआईएस में भर्ती कराया गया था। फिल्म में 32,000 महिलाओं के कथित धर्म परिवर्तन और उनके आईएसआईएस में शामिल किए जाने दावे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया गया। हालांकि कोर्ट ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। इसके बाद भी फिल्म को लेकर विवाद लगातार जारी है। DFRAC के इस विश्लेषण में फिल्म के तमाम पहलूओं की विवेचना की जा रही है।
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर क्या है विवाद?
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का टीचर पिछले साल रिलीज किया गया था। टीजर को फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने 3 नवंबर 2022 को अपने ट्विटर पर पोस्ट किया था। इस टीजर में अभिनेत्री अदा शर्मा को यह कहते देखा जा सकता है कि यह “मेरा नाम शालिनी उन्नीकृष्णन था, जो नर्स बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी, अब मैं फातिमा बा बन चुकी हूं, अफगानिस्तान जेल में एक आईएसआईएस आतंकी। और मैं अकेली नहीं हूं। मेरी जैसी 32,000 लड़कियां कन्वर्ट होकर सीरिया और यमन के रेगिस्तान में दफन हो चुकी हैं। एक नॉर्मल लड़की को आतंकी बनाने का सबसे डेंसरज खेल चल रहा है केरला में और वो भी खुलेआम। कोई नहीं रोकेगा इसे? ये है मेरी कहानी, ये हैं उन 32,000 लड़कियों की कहानी। दिस इज ‘द केरला स्टोरी”।
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इस दावे के बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा शुरु होने लगी थी। लेकिन विवाद उस समय ज्यादा गहरा गया, जब फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया। फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हालांकि कोर्ट ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया और फिल्म को 5 मई को सिनेमाघरों में रीलिज कर दिया गया।
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर बंटा सोशल मीडिया
‘द केरल स्टोरी’ को लेकर सोशल मीडिया पर लोग दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा इसकी तुलना फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से करते हुए इसे प्रोपेगैंडा बताकर खारिज कर रहा है, तो दूसरा धड़ा इस फिल्म को केरल की जमीनी हकीकत बता रहा है। प्रोपेगैंडा बताने वालों के तर्क हैं कि केरल में कुल 14 जिलों के करीब 1000 ग्राम पंचायतें हैं। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो हर ग्राम पंचायतों से 32 लड़कियां लापता होती, अगर ऐसा हुआ होता तो हाहाकार मच जाता। वहीं फिल्म का समर्थन करने वाले तर्क दे रहे हैं कि केरल में बड़े पैमाने पर धर्म-परिवर्तन होता रहा है, जिसका खुलासा अब हो रहा है।
फिल्म का विरोध करने वाले यूजर्स-
फिल्म का समर्थन करने वाले यूजर्स-
#TheKeralaStory हैशटैग पर 85 मिलिनय व्यूः
यह पाया गया कि हैशटैग #TheKeralaStory पर हजारों ट्वीट किए गए। हमने विश्लेषण किया कि लगभग 1500 यूजर्स द्वारा किए गए 2100 ट्वीट्स को लगभग 85 मिलियन से अधिक यूजर्स ने देखा है।
कहां से आया 32,000 लड़कियों का आंकड़ा?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुदीप्तो सेन ने बताया था कि- हाल ही की एक जांच के अनुसार, 2009 के बाद से, केरल और मैंगलोर से हिंदू और ईसाई समुदायों की लगभग 32,000 लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित किया गया है, और उनमें से अधिकांश सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभाव क्षेत्र में ले जाई जाती हैं! इन तथ्यों को स्वीकार करने के बावजूद, सरकार आईएसआईएस से प्रभावित समूहों के नेतृत्व वाली इस तरह की बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिशों के खिलाफ किसी निश्चित कार्य योजना पर शायद ही विचार कर रही है।” इसके अलावा सेन ने एक अन्य मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वे 2010 में केरल विधानसभा के समक्ष केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमान चांडी द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर 32,000 के आंकड़े पर पहुंचे थे। चांडी ने एक मामला पेश किया और कहा कि हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया और इस्लाम अपना लिया। यदि 10 वर्षों के संदर्भ में गणना की जाए, तो यह संख्या चौंका देने वाली 32,000 है।”
फैक्ट चेकः
सुदीप्तो सेन ने पूर्व सीएम ओमान चांडी के 2010 में दिए बयान के हवाले से दावा किया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओमान चांडी ने 2010 में बल्कि 2012 में यह बयान दिया था। इंडिया टुडे की 4 सितंबर 2012 की रिपोर्ट के अनुसार- “केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने राज्य विधानमंडल को सूचित किया कि 2006 से राज्य में 2667 युवा महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित किया गया था।” यहां गौर करने वाली बात है कि चांडी ने यह नहीं कहा कि हर साल लगभग 2800 से 3200 लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया है, बल्कि उनका कहना है कि 2006 से राज्य में 2667 लड़कियों ने इस्लाम में कन्वर्ट हुई हैं।
source : indiatoday
32,000 का दावा 3 लड़कियों की कहानी पर आयाः
फिल्म को लेकर विवाद की मुख्य वजह केरल से 32,000 लड़कियों के लापता होने का वह आंकड़ा है, जो किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। 32,000 के आंकड़ों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। हालांकि बाद में फिल्म से 32,000 का दावा हटा लिया गया है और सिर्फ 3 लड़कियों की कहानी बताया गया। दरअसल फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को लेकर केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि फिल्म सिर्फ सच्ची घटनाओं से प्रेरित होने का दावा करती है। इसके अलावा फिल्म के प्रोड्यूसर ने ये डिस्क्लेमर दिया है कि ये एक काल्पनिक कहानी है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि 32,000 लड़कियों का आंकड़ा कहां से आया? तो इसके जवाब में फिल्ममेकर्स की तरफ कहा गया कि ये निर्माताओं को मिली जानकारियों पर आधारित है। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में इस जानकारी को हटा लेने की बात कही। इसके बाद ट्रेलर से 32,000 लड़कियों का जिक्र हटाकर उसे 3 लड़कियों की कहानी बताया गया है।
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सेंसर बोर्ड ने हटवाए फिल्म के 10 सीन
किसी भी फिल्म को सेंसरबोर्ड को बगैर दिखाए सिनेमाघरों में रिलीज नहीं की जाती है। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को भी सेंसर बोर्ड को दिखाया गया था। सेंसर बोर्ड ने फिल्म से 10 सीन पर कैंची चलाई है। एक सीन में केरल के एक पूर्व मुख्यमंत्री का इंटरव्यू था, जिसे हटा दिया गया है। इसमें अच्युतानंदन को ये कहते हुए दिखाया गया था कि अगले दो दशकों में केरल मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा। इसके अलावा एक देवता को अनुचित संदर्भ में फिल्म में दिखाया गया था, जिसे हटा दिया गया है। वहीं कुछ डायलॉग भी आपत्तिजनक पाए गए, जिन्हें बोर्ड ने हटा दिया है। जिसमें एक प्रमुख डायलॉग यह था कि- भारतीय कम्यूनिस्ट सबसे बड़े पाखंडी होते हैं, जिसमें भारतीय शब्द को हटा दिया गया है।
source : gnttv
‘द केरल स्टोरी’ को लेकर सोशल मीडिया पर फैला फेक और भ्रामक न्यूजः
‘द केरल स्टोरी’ को लेकर सोशल मीडिया पर कई फेक और भ्रामक न्यूज फैले हैं, जिनका फैक्ट चेक यहां दिया जा रहा है।
फेक/भ्रामक सूचना नंबर- एक
सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा भ्रामक सूचना 32,000 लड़कियों के इस्लाम में परिवर्तित होने और उन्हें गुलाम बनाकर ISIS को बेचने का दावा किया जा रहा है। कई यूजर्स ने ऐसा दावा किया है कि ये 32,000 लड़कियां या तो जेल में हैं या फिर रेत में दबा दी गई हैं। सम्राट यादव नाम के यूजर ने लिखा- “32,000 लड़कियों को #इस्लाम में परिवर्तित किया गया, #ISIS गुलाम के रूप में बेचा गया और अब जेल में या रेत में दबा दिया गया है: यह है #केरल की कहानी #Thekerlastory”
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने इसकी जांच के लिए गूगल पर सर्च किया। हमें हिन्दी अखबार अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में फिल्म के निर्देशक सुदीप्त सेन का बयान छापा गया है। जिसमें सेन कहते हैं कि 32 हजार संख्या तथ्यों के साथ एक अंदाजन आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा था कि 2014 में 900 लड़कियों के कन्वर्जन का मामला सामने आया था। इसके बाद साल 2015 और 16 का कोई आंकड़ा सामने नहीं आया, इसलिए पुराने और इसके बाद के भी आंकड़े जोड़े गए हैं। हालांकि ओमान चांडी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। उनका बयान था 2006 से 2667 लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया था।
फेक/भ्रामक सूचना नंबर- दो
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। आरके साहू नामक यूजर ने लिखा- “तमिलनाडु व केरल दोनों राज्यों में ही फिल्म दि केरल स्टोरी पर वहाँ की राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है। सवाल यह है कि किसी फिल्म पर प्रतिबंध लगाकर क्या समाज आतंकवाद और कट्टरता को फैलने से रोक सकता है?”
फैक्ट चेकः
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC की टीम ने गूगल पर सर्च किया। हमें आज तक की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु की मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने थिएटर्स में फिल्म दिखाने से इनकार कर दिया है। तमिलनाडु मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि रविवार से पूरे राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग रोक दी जाएगी। फैसले के पीछे वजह बताई गई है कि ये फिल्म लॉ एंड ऑर्डर के लिए खतरा हो सकती है।
source : aajtak
निष्कर्षः
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में दिए डिस्केल्मर के अनुसार यह एक काल्पनिक फिल्म है, जो सच्ची घटना पर आधारित हो सकती है। फिल्म में 32,000 लड़कियों के धर्म परिवर्तन होने और उनके आईएसआईएस में शामिल कराए जाने को लेकर फिल्म के निर्माता भी स्पष्ट नहीं हैं, इसलिए हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद निर्माताओं ने 32,000 की जगह 3 लड़कियों की कहानी कर दिया है। इसलिए ये कहा जा सकता है कि फिल्म 32,000 लड़कियों की कहानी ना होकर सिर्फ 3 लड़कियों की कहानी है।