क्या अंबेडकर ने कहा था- आख़िरी मुसलमान जब तक पाकिस्तान नहीं चला जाता, तब तक मैं विभाजन को नहीं मानूंगा? पढ़ें- फैक्ट चेक

Fact Check hi Featured Misleading

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर  को लेकर कई तरह के दावे किये जाते रहे हैं। इन्हीं दावों में एक ये है कि उन्होंने कहा था कि जब तक एक भी मुसलमान भारत में है, यह बंटवारा अधूरा है।

सुदर्शन न्यूज़ के सीएमडी एंव एडिटर इन चीफ़  सुरेश चव्हाणके ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को कोट करते हुए ट्विटर पर लिखा है,“आख़िरी मुसलमान जब तक पाकिस्तान नहीं चला जाता और आख़िरी हिंदू जब तक हिंदुस्थान नहीं आ जाता,  तब तक मैं देश के इस विभाजन को नहीं मानूंगा”-  भारत रत्न #डॉ_बाबासाहेब_आंबेडकर जी आज उनकी स्मृति को कोटि- कोटि नमन.. #BabasahebAmbedkar

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इसी तरह अन्य शोल मीडिया यूज़र्स ने भी यही दावा किया है। 

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फ़ैक्ट-चेक 

सुरेश चव्हाणके द्वारा किये गए दावे की हक़ीक़त जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले DFRAC आर्काइव चेक किया। इस दौरान हमने पाया कि इस संदर्भ में जनार्दन मिश्रा नामक ट्विटर यूज़र ने अगस्त 2022 में ऐसा ही दावा करते हुए लिखा था कि-“अपनी किताब “पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन” के पेज संख्या 123 में डॉ. बी.आर. आंबेडकर लिखते हैं -इस देश का बटवारा मजहब के नाम पर हुआ और जबतक एक भी मुसलमान इस देश में है, यह बटवारा अधूरा है। चमचो यह हम नहीं बोल रहे हैं इस किताब में लिखा है।” 

ग़ौरतलब है कि सुरेश चव्हाणके ने कोई रेफरेंस भी नहीं दिया है। 

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DFRAC टीम ने उपरोक्त दावे का फैक्ट-चेक करने के लिए जब  डॉ. भीमराव अंबेडकर की किताब “पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन” जो ऑनलाइन उपलब्ध है, उसके पेज 123 को देखा तो पाया कि डॉ. अंबेडकर इस पेज पर सावरकर के विचारों को लिखते हैं। लेकिन अंबेडकर इस पेज में कहीं भी अपने विचारों और मत को नहीं लिखा है। आप नीचे दिए गए लिंक पर अंबेडकर की किताब “पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन” के पेज संख्या-123 को पढ़ सकते हैं।

किताब

वहीं इसके अलावा अंबेडकर पेज संख्या 119 से 130 तक सावरकर के हवाले से कई मुद्दों पर उनके विचार लिखते हैं। दरअसल अंबेडकर इस अध्याय में भारत और पाकिस्तान को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष तथा कई विचारकों के विचार लिखते हैं।.

निष्कर्षः

DFRAC के फै़क्ट-चेक से स्पष्ट है कि डॉ. अंबेडकर के हवाले से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है। क्योंकि यूजर्स अंबेडकर की जिस किताब “पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन” के पेज संख्या 123 का हवाला दे रहे हैं, वहां अंबेडकर ने ऐसा कुछ नहीं लिखा है। इसलिए सुरेश चव्हाणके सहित सभी यूजर्स का दावा गलत है।

सोशल मीडिया पर आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर कई तरह के भ्रामक और फेक न्यूज वायरल होते रहते हैं। DFRAC ने इससे पहले भी बाबा साहेब को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई गई भ्रामक गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक किया है। जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं।

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