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Ananaya Sharma
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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान की शादी भारत में हमेशा से चर्चा में रही है। यह...
फेसबुक की कई प्रोफाइल से एक टिक-टॉक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाया गया है कि रूस...
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को 9 दिन हो चुके है। यूक्रेन की सीमाओं और विभिन्न...
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया भर के लोग सोशल मीडिया साइट्स पर किसी न किसी...
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। जो बिडेन अब स्टेट ऑफ...
सोशल मीडिया का शाब्दिक अर्थ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है| जहां यह कई लोगों के लिए वरदान है, वही दूसरों के लिए अभिशाप बन सकता है। जैसा कि लोग कहते हैं कि सोशल मीडिया बेजुबानों को आवाज देता है , यह कुछ हद तक सच है| लेकिन यह हमारे समाज के विरोधी तत्वों को भी आवाज देता है। इन असामाजिक तत्वों के मन में ऐसी रूढ़िवादी विचारधारा हैं कि इसके नीचे या ऊपर कुछ भी उनके लिए काम नहीं करता है। वे सभी अलग-अलग समुदायों और लोगों के बीच नफरत फैलाने में व्यस्त हैं। सोशल मीडिया के जरिए यह अब बहुत आसान हो गया है। यह हमारे राष्ट्र के लिए बड़े ही दुख की बात है | जो युवा देश के लिए एक बड़ी संपत्ति हो सकते हैं, वे वास्तव में एक बोझ बनते जा रहे हैं। अगर देखा जाए तो जिस सदी मे हम रेह है जो की 21वी सदी है, ऐसी रूढ़िवादी मानसिकता के बारे में सोचना एक सकारात्मक स्थान में रहने वाले व्यक्ति के लिए मुश्किल है| लेकिन, यह मौजूद है और इसे तब तक मिटा नहीं सकता जब तक कि वे स्वयं उस पर निर्णय नहीं लेते। हुमे बहुत हैरानी हुई जब हमने इंस्टाग्राम पर समाज के विभिन्न वर्गों में नफरत फैलाने वाले बहुत सारे खातों को देखा, जैसे कि एक तरफ ऐसे खाते थे जो महिलाओं को नीचा दिखा रहे हैं, वहीं कुछ अन्य हैं जो बहुजन समाज/दलितों को नीचा दिखाते हैं। महिलाओं के खिलाफ...
कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद न केवल पूरे देश में फ़ेल गया। बल्कि...
ज़ी न्यूज़ ने हाल ही में अपना डिज़ाइन बॉक्स ओपिनियन पोल शुरू किया है जिसमें यह जानने...