मेटा (META) ने अपने प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किए हैं, जो 16 दिसंबर से लागू होंगे। इसे लेकर भ्रामक दावा वायरल है कि मेटा यूजर्स के प्राइवेट मैसेज पढ़ेगा। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि 16 दिसंबर से META आपके DMs पढ़ना शुरू कर देगा – हर मैसेज, फोटो और वॉइस नोट को मुनाफे के लिए AI में फीड किया जाएगा। META नई पॉलिसी के तहत यूजर्स की प्राइवेट बातचीत का इस्तेमाल अपने AI को ट्रेन करने के लिए कर सकता है, जब तक कि आप खुद से ऑप्ट आउट न करें।
इस दावे को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा,
‘16 दिसंबर से, META आपके DMs पढ़ना शुरू कर देगा – हर मैसेज, फोटो और वॉइस नोट मुनाफे के लिए AI में फीड किया जाएगा। Meta एक नई पॉलिसी ला रहा है जिससे वे आपकी प्राइवेट बातचीत का इस्तेमाल अपने AI को ट्रेन करने के लिए कर सकते हैं – जब तक कि आप खुद से ऑप्ट आउट न करें। इसका मतलब है:
- आपके भेजे गए हर DM
- हर फोटो
- हर वॉइस मेमो
- दोस्तों, परिवार, पार्टनर, क्लाइंट के साथ हर प्राइवेट चैट
- यहां तक कि लोग आपको जो मैसेज भेजते हैं
यह सब उनके AI मॉडल में फीड किया जा सकता है। और हां – उन्होंने ऑप्ट-आउट प्रोसेस को जानबूझकर कन्फ्यूजिंग और सिर्फ डेस्कटॉप के लिए बनाया है ताकि ज्यादातर लोग ऐसा न करें। यह वीडियो बताता है कि इसे कैसे रोका जाए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो Meta 16 दिसंबर से अपने AI को ट्रेन करने के लिए आपके भेजे गए हर प्राइवेट चीज़ का कानूनी तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। यह कोई ड्रिल नहीं है। क्या आप अपने प्राइवेट DMs के लिए मेटा पर भरोसा करेंगे?’

इसके अलावा कई अन्य यूजर्स द्वारा भी इस दावे के साथ पोस्ट शेयर किया गया है, जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच में पाया कि मेटा की नई पॉलिसी 16 दिसबंर 2025 से लागू होगी। मेटा की यह प्रस्तावित प्राइवेसी पॉलिसी का डायरेक्ट मैसेज (DM) से कोई लेना-देना नहीं है। इस अपडेट का फोकस सिर्फ इतना है कि मेटा अपने जनरेटिव एआई—Meta AI—के साथ होने वाली बातचीत से मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल कैसे करता है। यानी बदलाव सिर्फ Meta AI की चैटिंग से जुड़े डेटा के उपयोग को समझाने के लिए है, न कि यूजर्स की निजी चैट या डीएम तक पहुंचने के लिए।

1 अक्टूबर 2025 को मेटा ने बताया कि वह 16 दिसंबर को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट करने वाला है। मेटा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस अपडेट का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि मेटा अब अपनी जनरेटिव एआई फीचर्स के साथ होने वाली यूजर्स की बातचीत का इस्तेमाल कंटेंट और विज्ञापनों की सिफारिशों को व्यक्तिगत (पर्सनलाइज़) करने के लिए करेगा। यानी, Meta AI के साथ आपकी चैट से मिलने वाले डेटा का उपयोग आपको ज्यादा प्रासंगिक कंटेंट और ऐड दिखाने के लिए किया जाएगा। मेटा ने बताया था, “1- हम अपने जनरेटिव AI फीचर्स के साथ लोगों की बातचीत के आधार पर अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री और विज्ञापन अनुशंसाओं को वैयक्तिकृत करना शुरू करेंगे। 2- हम इस अपडेट के बारे में लोगों को 7 अक्टूबर , 2025 को इन-प्रोडक्ट नोटिफिकेशन और ईमेल के माध्यम से सूचित करना शुरू करेंगे, जो 16 दिसंबर , 2025 को लागू होने से कई सप्ताह पहले होगा। 3-विज्ञापन प्राथमिकताएं और अन्य फ़ीड नियंत्रण जैसे टूल की मदद से , आप किसी भी समय दिखाई देने वाली सामग्री और विज्ञापनों को समायोजित कर सकते हैं।“

इसके अलावा हमारी टीम को मेटा की नई पॉलिसी के बारे में नवभारत टाइम्स और हिन्दुस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसमें बताया गया है कि 16 दिसंबर से मेटा, यूजर्स और एआई के बीच हुई बातचीत का डेटा इस्तेमाल करेगा। इसके आधार पर ही यूजर्स को वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर विज्ञापन दिखाए जाएंगे।

इस संदर्भ में और ज्यादा जानकारी के लिए हमारी टीम ने मेटा को ई-मेल के जरिए संपर्क किया है। उनकी तरफ से जवाब आते ही खबर को अपडेट किया जाएगा।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि मेटा की प्रस्तावित प्राइवेसी पॉलिसी का डायरेक्ट मैसेज (DM) से कोई लेना-देना नहीं है। यह यूजर्स के निजी चैट या बातचीत के इस्तेमाल में कोई बदलाव नहीं करती। मेटा की नई पॉलिसी के तहत यूजर्स और एआई के बीच हुई बातचीत का डेटा इस्तेमाल करेगा। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।

