उत्तरप्रदेश के कानपुर में ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर आई लव मुहम्मद के पोस्टर लगाने और पुलिस कार्यवाही के बाद उपजा विवाद देश भर में फैल चुका है। बरेली में मौलाना तौकीर रज़ा की गिरफ्तारी ने इस विवाद को और गरमा दिया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसके हवाले से दावा किया जा रहा है कि पुणे में असदुद्दीन ओवैसी ने आई लव मुहम्मद का पोस्टर लेने से इनकार कर दिया और इस पोस्टर से दूरी बना ली।

Source: X
सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर टाइगर राजा सटायर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि ओवैसी ने I♥️ Mohammad की तस्वीर लेने से मना किय ये डर अच्छा लगा .. योगी जी को धन्यवाद 👏

Source: X
वहीं एक अन्य वेरिफाइड यूजर अयोध्या वाले ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा कि AIMIM के अध्यक्ष ओवैशी को उनकी पार्टी के कार्यकर्ता I LOVE MOHAMMAD का पोस्टर दे रहे थे. ओवैशी तुरंत लेने से मना कर दिए और कहने लगे कि मुझे इस मामले में मत घसीटों. मैं इस प्रपंच में नहीं पड़ना चाहता हूं !! सोचो ओवैसी एक तरफ मुस्लिम समाज का हितैषी बनने का ढोंग करते है. और दूसरी तरफ उनके मामलों से दूर होते दिखाई देते है!!

Source: X
इसके अलावा एक अन्य यूजर विनोद जगदाले ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि कार्यक्रम के बाद युवाओं ने असदुद्दीन ओवैसी को “I Love Mohammad” फोटो फ्रेम भेंट किया। ओवैसी ने लेने से इंकार करते हुए कहा “मुझे इसमें मत डालो, यह आप लोग ही रखें। यह बड़ा मामला है।” #Pune #Owaisi #AIMIM #Maharashtra
फैक्ट चेक:

Source: X
वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया और फिर अलग-अलग कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो मिला। जिसमे ओवैसी को पोस्टर के साथ युवको से पोस्टर को लेते हुए देखा जा सकता है। लेकिन पोस्टर में गुंबदे खजरा (हरे गुंबद) के साथ खुद की तस्वीर को देखकर वह नाराजगी जाहिर करते हैं। इसके साथ ही वह यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि कहाँ गुंबदे खजरा और कहाँ मैं? मुझे क्यूँ गुनाहगार बना रहे हो। इसे अपने पास रखों। इस दौरान ओवैसी पोस्टर में लगी अपनी तस्वीर को हाथों से ढकवाते हुए भी दिखाई देते है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी ने आई लव मुहम्मद के पोस्टर से दूरी नहीं बनाई बल्कि उन्होने पोस्टर में लगी अपनी तस्वीर से दूरी बनाई। उन्होने ऐसा गुंबदे खजरा (हरे गुंबद) के सम्मान में किया।

