Anti-Trump protest

फैक्ट चेक: ईरान पर हमले को लेकर ट्रंप विरोधी प्रदर्शन का भ्रामक दावा वायरल

Fact Check hi Featured Misleading

ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान किया था। इससे पहले अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी की थी। ईस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद अमेरिका की जनता ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है।

वीडियो को शेयर करते हुए डॉ. सिराज अहमद नामक यूजर ने लिखा, ‘ईरान पर हमले के बाद ट्रंप का इतना विरोध हो रहा है कि वहां की जनता पुलिस की गाड़ियों में तोड़ फोड़ मचा रही है। जनता के विद्रोह को देखकर ऐसा लगता है कि ट्रंप का आखिरी समय आ गया है।’

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अनवर अली नामक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘”ट्रंप को यह पहले समझना था कि अगर वह बिना किसी अपराध के ईरान पर हमला करेंगे तो उनके देश के लोग डर जाएंगे और उनके खिलाफ विद्रोह होगा।” “वे ट्रंप के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए है ,आज चल रहे आंदोलन को देखिए, वे पुलिस की गाड़ियां तोड़ रहे हैं, लोगों को मार रहे हैं,” #IranIsraelConflict #iranisraelwar #Iranian #USattackIran

फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की जांच के लिए की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। यह वीडियो हमें Megatron नामक एक्स यूजर के हैंडल पर 9 जून को पोस्ट मिला, जिसके साथ जानकारी दी गई है कि ‘एलए शहर में आईसीई प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एलएपीडी पर पत्थर फेंके।’ यहां स्पष्ट होता है कि यह वीडियो अमेरिका का ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से 12 दिन पहले का है।

वहीं आगे की जांच करने पर हमें इस प्रदर्शन का वीडियो New York Post के यूट्यूब चैनल पर 9 जून को अपलोड मिला, जिसके साथ जानकारी दी गई है कि लॉस एंजिल्स में ICE विरोधी दंगाइयों ने पुलिस पर कंक्रीट के बड़े-बड़े टुकड़े, पटाखे और यहां तक ​​कि स्कूटर भी फेंके। बंद दक्षिण की ओर जाने वाले 101 फ़्रीवे पर जब ये चीज़ें बरसने लगीं, तो अधिकारियों को एक ओवरपास के नीचे छिपना पड़ा।

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वहीं अल-जजीरा की रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉस एंजिल्स में संघीय आव्रजन दमन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखा गया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 700 मरीन के साथ-साथ 2,000 अतिरिक्त राष्ट्रीय गार्ड सदस्यों की तैनाती का आदेश दिया था। ट्रम्प प्रशासन के हस्तक्षेप से कैलिफोर्निया के नेतृत्व सहित रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच दरार बढ़ गई है।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। यह वीडियो ईरान पर हमले के बाद अमेरिका में ट्रंप विरोधी प्रदर्शन का नहीं है। यह वीडियो आईसीई के खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन का वीडियो है।