पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के बीच देश के अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय को हिंसा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इसी बीच एक खबर बड़ी वायरल हो रही है। जिसमे दावा किया रहा है कि बांग्लादेश की सरकार ने सरकारी नौकरियों में हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
सोशल साईट X पर वेरिफाइड हेंडल टाईम अलजेबरा ने मोहम्मद युनूस की तस्वीर को पोस्ट कर लिखा कि चौंकाने वाली खबर 🚨 बांग्लादेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया 😱
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बांग्लादेशी मंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने कहा – “बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है। इसलिए, चाहे पुलिस हो या सरकारी नौकरी, मुसलमानों को प्राथमिकता दी जाएगी” सरकार द्वारा पारित नए आदेश में कांस्टेबल से लेकर उच्च पदों तक पुलिस विभाग में हिंदुओं की नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाया गया है। पदों के लिए 1,500 से अधिक हिंदू आवेदकों को खारिज कर दिया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 100 हिंदू अधिकारियों को बर्खास्त किया गया
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वहीं जयपुर डायलॉग ने एक पोस्टर को शेयर किया। जिस पर बांग्लादेशी मंत्री मुहम्मद जहांगीर आलम चौधरी के हवाले से लिखा हुआ है कि बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है। इसलिए सरकारी नौकरियों में मुस्लिम को प्रमुखता मिलेगी।
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इसके अलावा कई न्यूज़ चैनल ने भी वायरल दावे के साथ खबर चलाई। जिसमे दावा किया गया कि बांग्लादेश में अब हिंदुओं को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
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फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने बांग्लादेशी मंत्री जहांगीर आलम चौधरी से जुड़ी खबरों की पड़ताल की। लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। जिसमे बताया गया हो कि बांग्लादेश की सरकार ने सरकारी नौकरियों में हिंदुओ को प्रतिबंधित कर दिया।
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हालांकि इसके विपरीत हमें फेसबुक पर चीफ एडवाइजर प्रेस विंग फ़ेक्ट्स की एक पोस्ट मिली। बंगाली भाषा में लिखी इस पोस्ट में टाईम अलजेबरा की पोस्ट के स्क्रीनग्रैब के साथ वायरल दावे को नकारते हुए लिखा गया कि এক্স-এর এই পোস্টে যে দাবি করা হয়েছে তা সম্পূর্ণ বানোয়াট। বাংলাদেশ সরকার ধর্মের ভিত্তিতে কোনো নাগরিকের প্রতি বৈষম্য করে না। পোস্টে উল্লিখিত স্বরাষ্ট্র বিষয়ক উপদেষ্টার উদ্ধৃতিটিও মিথ্যা। (एक्स द्वारा इस पोस्ट में किए गए दावे पूरी तरह से फर्जी हैं। बांग्लादेश सरकार धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करती है। पोस्ट में उल्लिखित गृह मामलों के सलाहकार का उद्धरण भी गलत है।)
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि बांग्लादेश सरकार के सरकारी नौकरियों में हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का दावा फेक है।