फैक्ट चेक: क्या मौलवी ने किया दलित बच्ची का गैंगरेप? सोशल मीडिया वायरल हो रही भ्रामक खबर

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सोशल मीडिया पर एक खबर बड़ी वायरल हो रही है। ये खबर यूपी के बरेली की बताई जा रही है। जिसमे मौलवी पर एक दलित बच्ची के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है।

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X (ट्विटर) पर वेरिफाईड यूजर दीपक शर्मा ने दावा करते हुए लिखा कि मौलवी लगातार बच्ची को रौँदता रहा..बच्ची हाथ जोड़ती तड़पती, मिन्नतें करती रही लेकिन हवस के मौलवी ने सारी हदें पार करके बच्ची से रेप की वीडियो भी वायरल कर दी ✍️ जीहाँ… मामला बरेली उत्तर प्रदेश है जहाँ कादिर, माजिद, ने “दलित बच्ची” के साथ “गैंगरेप” करके “वीडियो वायरल” कर दिया चाची के साथ घास लेने गई बच्ची, चाची को पेड़ से बाँध कर बच्ची से गैंगरेप। लड़की का पिता ईंट भट्ठा पर काम करता है। कैसे बचाओगे अपनी बच्चियों को इन दरिंदे हवस के मौलवीयों से

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वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि बहुत बड़ी खबर :कादिर, माजिद, ने “दलित बच्ची” के साथ “गैंगरेप” करके “वीडियो वायरल” कर दिया बरेली : चाची के साथ घास लेने गई बच्ची, चाची को पेड़ से बाँध कर बच्ची से गैंगरेप। लड़की का पिता ईंट भट्ठा पर काम करता है। उनके 37 सीट जीतने के बाद से विशेष समुदाय का मनोबल बढ़ गया है। @Uppolice @112UttarPradesh @CMOfficeUP

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ इस खबर को शेयर किया है। जिसे यहां पर देखा जा सकता है।

फैक्ट चेक:

वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने इस घटना से जुड़ी खबरों की पड़ताल की। इस दौरान कई मीडिया आउटलेट जैसे दैनिक जागरण, अमर उजाला, ईटीवी भारत में ये खबर मिली। हालांकि किसी भी खबर में आरोपी के मौलवी होने और पीड़िता के दलित तथा नाबालिग होने की जानकारी नहीं दी गई। बल्कि इसके विपरीत दैनिक जागरण की रिपोर्ट में आरोपियों को वाहन चालक बताया गया है।

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वहीं बरेली पुलिस ने भी पीड़िता के दलित होने का खंडन करते हुए कहा है कि पीडित एवं आरोपीगण सजातीय है। इसके साथ ही पुलिस ने एफ़आईआर में पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट की धारा भी शामिल नहीं की है। जिससे भी स्पष्ट है कि पीड़िता बालिग है और दलित नहीं है।

निष्कर्ष:

अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल दावा भ्रामक है। क्योंकि आरोपी और पीड़िता सजातीय है।