सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ दावा है कि पटना में वक्फ बोर्ड के समर्थन में जुलूस निकालकर विशेष समुदाय के लोग उपद्रव कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज कर दिया।
इस वीडियो को शेयर करते हुए ओसियन जैन नामक यूजर ने लिखा, “बिहार- पटना में वक्फ बोर्ड के समर्थन में जूलूस निकाल कर उपद्रव कर रहे समुदाय विशेष के लोग भूल गए की यह लालू और तेजस्वी की सरकार नहीं हैं!* *नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन की सरकार है, पुलिस ने पहले तो इन्हें प्यार से समझाया, और ये मानने को तैयार न थे तब मजबूरन पुलिस को इनकी जमकर खातिरदारी करनी पड़ी।”
वहीं इस वीडियो को पटना में वक्फ बोर्ड के समर्थन प्रदर्शन करने पर पुलिस की लाठीचार्ज का बताते हुए कई अन्य यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस वीडियो के साथ हमें 28 अगस्त 2015 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया और मिड-डे सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें बताया गया है कि पटना में प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
TOI की रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के पटना में प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से कई लोग घायल हो गए। बिहार राज्य मदरसा शिक्षक संघ के नेतृत्व में शिक्षक पिछले चार दिनों से राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों से बकाया भुगतान न किए जाने के विरोध में धरने पर बैठे थे।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है और यह वक्फ बोर्ड के समर्थन में प्रदर्शन का भी वीडियो नहीं है। यह वीडियो वर्ष 2015 में पटना में वेतन भुगतान की मांग को लेकर मदरसा शिक्षकों के प्रदर्शन का है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।