सोशल मीडिया पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हेमंत सोरेन को यह कहते सुना जा सकता है, “राज्य में किसी को भी कफन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी लोगों को कफन मुफ्त दिया जाएगा। इसका निर्णय लिया जा रहा है।”
इस वीडियो के साथ यूजर्स का दावा है कि सोरेन राज्य के लोगों से किए वादे पूरे नहीं कर पाए, युवाओं को नौकरी नहीं दे पाए, तो अब ये घोषणा (फ्री कफन) की करनी पड़ रही है। इस वीडियो को शेयर करते हुए रितेश कश्यप नामक यूजर ने लिखा, “राज्य में को कफन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सभी कफ़न मुफ्त दिया जाएगा : हेमंत सोरेन जब किसी युवा को नौकरी ना दे सको, घुसपैठियों से अपने लोगों को बचा ना सको, सारे वादे धरे के धरे राह जाएं , तो ये घोषणा करनी ही पड़ेगी ना!”
वहीं इस वीडियो को ऐसे ही दावों के साथ कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया जा रहा है। जिसे यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की जांच में पाया कि सीएम सोरेन का यह बयान 3 साल पहले कोविड के चलते लगे सख्त लॉकडाउन के दौरान का है और सोरेन का आधा-अधूरा बयान शेयर किया गया है। हमें Live7 Bharat नामक यूट्यूब चैनल पर सीएम सोरेना का पूरा बयान मिला। इस वीडियो में बताया गया है कि सीएम सोरेन ने राज्य के मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की।
इस बैठक में सीएम सोरेन कहते हैं, “हमारे रामेश्वर उरांव जी ने, दुकानों के बंद होने की वजह से कफन की कमी आ रही है। बन्ना गुप्ता साहब ने भी इस बात को कहा। मैं और हम सब मिलकर आज यह निर्णय लेते हैं कि राज्य में किसी को भी कफन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
वहीं हमें इस मामले पर ‘दैनिक जागरण’ की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि राज्य कैबिनेट की बैठक में कई मंत्रियों ने हेमंत सोरेन के सामने सख्त लाकडाउन में दुकानें बंद होने के कारण मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए सामग्री और कफन नहीं मिल पाने का मुद्दा उठाया। जिस पर सीएम सोरेन ने कहा कि हर किसी का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ होना चाहिए। अंतिम संस्कार के लिए कफन उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। सरकार उन्हें मुफ्त में कफन उपलब्ध कराएगी। ऐसे पीड़ितों के लिए ही ‘मुफ्त कफन योजना’ की घोषणा की गई है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा सीएम सोरेन का तीन साल पहले कोविड लॉकडाउन के दौरान का आधा-अधूरा बयान शेयर किया गया है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।