
बांग्लादेश के जर्जर पुल को भारत का बताकर भ्रामक दावा किया गया
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक पुल नजर आ रहा है। इस पुल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त नजर आ रहा है। क्षतिग्रस्त पुल में सिर्फ सरिया ही बची है, जो जालीनुमा दिख रही है। यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर इसे भारत का बता रहे हैं और साथ ही यह दावा भी कर रहे हैं कि पुल 2014 के बाद बना है।
Dinesh Bhardwaj नामक एक यूजर ने पुल की तस्वीर शेयर कर लिखा, “हमारी बराबरी क्या करेंगे चाइना वाले वहां काँच का पुल है और यहां जाली का”

इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी वीडियो शेयर कर ऐसा ही दावा किया है, जिसे यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक
DFRAC टीम ने पड़ताल के लिए वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया, हमें kalerkantho.com की 1 जुलाई 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर लगी है, जबकि तस्वीर के साथ जानकारी दी गई है, ‘बरगुना के अमताली उपजिला के तेपुरा हल्दिया संघ के तेपुरा गांव में लोहे के ढांचे पर बना पुल’ साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि अमताली, बरगुना (बांग्लादेश) में कई पुल जर्जर हालत में हैं। अमताली उपजिला इंजीनियरिंग विभाग ने बरगुना के अमताली उपजिला के सात यूनियनों में 26 लोहे के पुलों को मरम्मत योग्य और अधिक खतरनाक के रूप में पहचाना है। विभाग ने यह पहचान तब किया है जब 22 जून को हल्दिया हाट के पास चावरा नदी पर बना खतरनाक लोहे का पुल टूटने से माइक्रोबस के नहर में गिर जाने से 9 लोगों की जान चली गई थी। विभाग ने अधिक खतरनाक पुलों की पहचान कर उनपर चेतावनी साइनबोर्ड लगा दिये हैं। अमताली उपजिला के गुलिशखाली, कुकुआ, अथरगछिया, हल्दिया, चावरा, अमतली सदर और अर्पंगाशिया यूनियन की विभिन्न नहरों पर स्थानीय इंजीनियरिंग विभाग (एलजीईडी) कार्यालय द्वारा बनाए गए कई लोहे के पुलों में दरारें आ गई हैं।

इसके अलावा mzamin.com तथा btcnews की रिपोर्ट में भी यही तथ्य दोहराये गये हैं।

निष्कर्ष
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि यूजर द्वारा बांग्लादेश के क्षतिग्रस्त पुल को भारत का बताकर भ्रामक दावा किया गया है। यह जर्जर पुल बांग्लादेश के अमताली उपजिला का है।